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मॉनसून की चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने कसी कमर - मानसून की चुनौतियों

बैठक में आपदा के दौरान सूचना तंत्र को मजबूत करने और भ्रामक सूचनाएं न फैलें इसको लेकर चर्चा हुई. सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि प्रदेश में समय-समय पर आने वाली आपदा की परिस्थितियों का कारगर ढंग से सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

uttarakhand monsoon news
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Published : Jun 3, 2021, 6:59 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून (monsoon) हर साल अपने साथ तबाही भी लेकर आता है. मॉनसून जल्द ही उत्तराखंड में दस्तक देने वाला है. इसको ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) ने अभी से अपनी कमर कस ली है. मॉनसून (monsoon) की चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर ली हैं. गुरुवार को आपदा सचिव ने एसए मुरुगेशन ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

बैठक में आपदा के दौरान सूचना तंत्र को मजबूत करने और भ्रामक सूचनाएं न फैलें इसको लेकर चर्चा हुई. सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि प्रदेश में समय-समय पर होने वाली आपदा की परिस्थितियों का कारगर ढंग से सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही आपदा से संबंधित घटनाओं की तथ्यपरक वास्तविक जानकारी आम जनता को समय पर उपलब्ध हो, इसके लिये भी प्रयास करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- अब ज्योतिष शास्त्र पर घिरे 'बाबा', ज्योतिषाचार्य बोले- अधजल गगरी छलकत जाए

उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी समाचार एजेंसियों की भी आम जनता तक सही जानकारी उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका रहती है. इसके लिये उन्होंने आपसी समन्वय एवं सहयोग की अपेक्षा की है. सचिव आपदा प्रबंधन मुरुगेशन ने बताया कि उनके द्वारा इसी प्रकार का विचार-विमर्श प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से भी किया जायेगा. इस सम्बन्ध में उनके बहुमूल्य सुझावों की जानकारी प्राप्त की जायेगी.

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास घटनाओं की त्वरित सूचना संचार माध्यमों को उपलब्ध कराने का रहता है, ताकि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की भ्रांति की स्थिति उत्पन्न न होने पाये. जन जागरूकता के प्रसार में मीडिया का अहम रोल रहता है. चूंकि दैवीय आपदा जैसी घटनायें आकस्मिक रूप से होती हैं. इन घटनाओं में कम से कम जान-माल का नुकसान हो इसके लिये जन जागरूकता के साथ तथ्यों की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचे, इसके लिये आपसी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न संस्थाओं से भी बेहतर समन्वय बनाये जाने का प्रयास किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि आपदा प्रबन्धन द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि आपदा के विभिन्न विषय विशेषज्ञों के माध्यम से आकाशवाणी, दूरदर्शन, सामुदायिक रेडियो आदि के माध्यम से आपदा से एवं इसके प्रभाव को कम करने से सम्बन्धित जानकारी आम जनता तक पहुंचे.

देहरादून: उत्तराखंड में मॉनसून (monsoon) हर साल अपने साथ तबाही भी लेकर आता है. मॉनसून जल्द ही उत्तराखंड में दस्तक देने वाला है. इसको ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग (disaster management department) ने अभी से अपनी कमर कस ली है. मॉनसून (monsoon) की चुनौतियों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर ली हैं. गुरुवार को आपदा सचिव ने एसए मुरुगेशन ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की.

बैठक में आपदा के दौरान सूचना तंत्र को मजबूत करने और भ्रामक सूचनाएं न फैलें इसको लेकर चर्चा हुई. सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि प्रदेश में समय-समय पर होने वाली आपदा की परिस्थितियों का कारगर ढंग से सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र की मजबूती पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके साथ ही आपदा से संबंधित घटनाओं की तथ्यपरक वास्तविक जानकारी आम जनता को समय पर उपलब्ध हो, इसके लिये भी प्रयास करने के निर्देश दिए हैं.

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उन्होंने कहा कि सरकारी और गैर सरकारी समाचार एजेंसियों की भी आम जनता तक सही जानकारी उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका रहती है. इसके लिये उन्होंने आपसी समन्वय एवं सहयोग की अपेक्षा की है. सचिव आपदा प्रबंधन मुरुगेशन ने बताया कि उनके द्वारा इसी प्रकार का विचार-विमर्श प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों से भी किया जायेगा. इस सम्बन्ध में उनके बहुमूल्य सुझावों की जानकारी प्राप्त की जायेगी.

उन्होंने कहा कि उनका प्रयास घटनाओं की त्वरित सूचना संचार माध्यमों को उपलब्ध कराने का रहता है, ताकि इस सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की भ्रांति की स्थिति उत्पन्न न होने पाये. जन जागरूकता के प्रसार में मीडिया का अहम रोल रहता है. चूंकि दैवीय आपदा जैसी घटनायें आकस्मिक रूप से होती हैं. इन घटनाओं में कम से कम जान-माल का नुकसान हो इसके लिये जन जागरूकता के साथ तथ्यों की सही जानकारी आम जनता तक पहुंचे, इसके लिये आपसी समन्वय पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न संस्थाओं से भी बेहतर समन्वय बनाये जाने का प्रयास किया गया है. सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने बताया कि आपदा प्रबन्धन द्वारा यह भी प्रयास किया जा रहा है कि आपदा के विभिन्न विषय विशेषज्ञों के माध्यम से आकाशवाणी, दूरदर्शन, सामुदायिक रेडियो आदि के माध्यम से आपदा से एवं इसके प्रभाव को कम करने से सम्बन्धित जानकारी आम जनता तक पहुंचे.

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