ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में डायलिसिस और कीमोथेरेपी करवाने वाले मरीजों को अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा. मरीजों की दिक्कत को देखते हुए एम्स प्रशासन ने इस मेडिकल सुविधा को फिर से शुरू कर दिया है.
वैश्विक महामारी से उपजे हालातों के चलते लाॅकडाउन के दौरान आम मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे थे. इसके अलावा उन दिनों कुछ वाॅरियर्स के संक्रमित होने पर कोविड का खतरा ज्यादा बढ़ गया था. जिसके चलते कैंसर के मरीजों के लिए कीमोथेरेपी की सुविधा कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी.
साथ ही किडनी संबंधी रोगों से ग्रसित मरीजों की डायलिसिस भी नहीं हो पा रही थी. ऐसे मरीजों की परेशानी को देखते हुए एम्स ऋषिकेश ने इन दोनों सुविधाओं को अब फिर से शुरू कर दिया है.
गौर है कि ऋषिकेश और समीपवर्ती क्षेत्रों में डायलिसिस के मरीज बड़ी संख्या में उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचते हैं. एम्स में डायलिसिस की सुविधा फिर से शुरू होने पर इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. बता दें कि एम्स में रेडियोथेरेपी की सुविधा लॉकडाउन के दौरान से निरंतर संचालित है.
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एम्स अस्पताल प्रशासन के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि अनलाॅक के बाद शुरुआती समय में डायलिसिस के अधिकतम 9 और कीमोथेरेपी के 12 मरीजों का ही उपचार दैनिक तौर से हो पा रहा है. इसके लिए एम्स परिसर के भीतर ही अलग से वार्ड बनाया गया है. उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी और डायलिसिस करवाने वाले मरीजों को अनिवार्य रूप से कोविड स्क्रीनिंग व्यवस्था से गुजरना होगा. उन्होंने कहा कि असुविधा से बचने के लिए मरीजों को चाहिए कि वह एम्स की बेबसाइट पर ऑनलाइन या एम्स के टेलिमेडिसीन नंबरों के माध्यम से पंजीकरण करवाने की व्यवस्था को अपनाएं.