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आपदा को लेकर तैयारियां, हेलीकॉप्टर से सुरकंडा ले जाया जाएगा डॉप्लर रडार - review meeting with Disaster Department

प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए किए जा रहे उपायों पर समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को ब्लॉक स्तर पर आपदा प्रबंधन विभाग के ढांचे को मजबूत करने के निर्देश दिए.

धन सिंह रावत ने की समीक्षा बैठक, तैयारियों का लिया जायजा
धन सिंह रावत ने की समीक्षा बैठक, तैयारियों का लिया जायजा
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Published : Jun 24, 2021, 8:42 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 12:41 PM IST

देहरादून: प्रदेश के आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर(DMMC) में मॉनसून सीजन को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की गई. बैठक के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में प्राकृतिक आपदा की संभावनाएं हर समय बनी रहती है.

इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में एक मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सबसे पहले आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास का विभागीय ढांचा तैयार किया जायेगा. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.आपदा प्रबंधन विभाग का मजबूत ढांचा राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर पर तैयार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जानमाल की जोखिम को कम करने के लिए अधिकारियों को जिला स्तर पर इनफॉर्मेशम सपोर्ट सिस्टम (IRS) और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसका फायदा विशेष कर अति संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा और उन्हें आपदा से पूर्व अलर्ट किया जा सकेगा, साथ ही आपदा के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थित का आकलन कर कम समय मे मॉनिटरिंग की जा सकेगी.

पढ़ें: ड्रग्स के खिलाफ दून और मसूरी पुलिस ने चलाया जागरूकता अभियान

मौसम संबंधी सूचनाओं में आसानी

बैठक में डॉ. रावत ने जानकारी दी कि सुरकंडा में डॉप्लर रडार स्टेशन का बेस बन कर तैयार हो चुका है. इससे राज्य में मौसम सम्बंधी सूचनाएं जल्द मिल सकेंगी. वहीं हेलीकॉप्टर से सुरकंडा डॉप्लर रडार ले जाया जाएगा.

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस ए मुरुगेशन ने बताया कि राज्य में आपदा को देखते हुए जल्द रेखीय विभागों यथा एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, दूरसंचार, जल संस्थान, जल निगम एवं विद्धुत विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक कर राज्य और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.

बैठक में शामिल हुए ये लोग

इस बैठक में अपर सचिव साबिन बंसल, डीआईजी SDRF रिद्धिमा अग्रवाल, एवं अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. मंत्री धन सिंह रावत ने आपदा के बाद सहकारिता की बैठक ली.

मंत्री ने जाना सहकारिता विभाग का हाल

बैठक के दौरान सहकारिता राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की सहकारिताओं की सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के पलायन को रोकने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं कृषकों के जीवन स्तर में सुधार हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है. मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है. इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे

पढ़ें: एलौपैथी Vs आयुर्वेद विवादः रामदेव के खिलाफ IMA ने कैंट थाने में दी तहरीर

किसानों की आय बढ़ाने पर बल

सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि अदरक की संयुक्त सहकारी खेती कृषकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में रोजवैली नर्सरी निर्माण से अल्मोड़ा में पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. कृषकों द्वारा बंजर छोड़ी गयी भूमि भी उपयोग में लायी जा सकेगी.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि मंडुवा एवं झंगौरा हेतु कलस्टर विकास परियोजना को और अधिक बढ़ावा देने के लिए संस्थागत खरीद पर बल दिया जाएगा. मंडुवा एवं झंगौरा का इस्तेमाल मीड डे मील में किया जाता है. बड़ी मात्रा में उपभोग होने से इससे किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन एवं मौन पालन के क्षेत्र में और अधिक फोकस किए जाने की आवश्यकता है.

देहरादून: प्रदेश के आपदा प्रबंधन राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित डिजास्टर मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर(DMMC) में मॉनसून सीजन को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की गई. बैठक के बाद मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में प्राकृतिक आपदा की संभावनाएं हर समय बनी रहती है.

इसको ध्यान में रखते हुए राज्य में एक मजबूत आपदा प्रबंधन तंत्र की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सबसे पहले आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास का विभागीय ढांचा तैयार किया जायेगा. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.आपदा प्रबंधन विभाग का मजबूत ढांचा राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर पर तैयार किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जानमाल की जोखिम को कम करने के लिए अधिकारियों को जिला स्तर पर इनफॉर्मेशम सपोर्ट सिस्टम (IRS) और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) लागू करने के निर्देश दिए हैं. इसका फायदा विशेष कर अति संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा और उन्हें आपदा से पूर्व अलर्ट किया जा सकेगा, साथ ही आपदा के बाद आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थित का आकलन कर कम समय मे मॉनिटरिंग की जा सकेगी.

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मौसम संबंधी सूचनाओं में आसानी

बैठक में डॉ. रावत ने जानकारी दी कि सुरकंडा में डॉप्लर रडार स्टेशन का बेस बन कर तैयार हो चुका है. इससे राज्य में मौसम सम्बंधी सूचनाएं जल्द मिल सकेंगी. वहीं हेलीकॉप्टर से सुरकंडा डॉप्लर रडार ले जाया जाएगा.

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास एस ए मुरुगेशन ने बताया कि राज्य में आपदा को देखते हुए जल्द रेखीय विभागों यथा एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, दूरसंचार, जल संस्थान, जल निगम एवं विद्धुत विभाग के विभागाध्यक्षों की बैठक कर राज्य और जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.

बैठक में शामिल हुए ये लोग

इस बैठक में अपर सचिव साबिन बंसल, डीआईजी SDRF रिद्धिमा अग्रवाल, एवं अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. मंत्री धन सिंह रावत ने आपदा के बाद सहकारिता की बैठक ली.

मंत्री ने जाना सहकारिता विभाग का हाल

बैठक के दौरान सहकारिता राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की सहकारिताओं की सर्वांगीण विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के पलायन को रोकने, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन एवं कृषकों के जीवन स्तर में सुधार हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है. मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना से महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है. इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश भी उपस्थित थे

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किसानों की आय बढ़ाने पर बल

सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने कहा कि अदरक की संयुक्त सहकारी खेती कृषकों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा में रोजवैली नर्सरी निर्माण से अल्मोड़ा में पर्यटन एवं रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. कृषकों द्वारा बंजर छोड़ी गयी भूमि भी उपयोग में लायी जा सकेगी.

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि मंडुवा एवं झंगौरा हेतु कलस्टर विकास परियोजना को और अधिक बढ़ावा देने के लिए संस्थागत खरीद पर बल दिया जाएगा. मंडुवा एवं झंगौरा का इस्तेमाल मीड डे मील में किया जाता है. बड़ी मात्रा में उपभोग होने से इससे किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि मशरूम उत्पादन एवं मौन पालन के क्षेत्र में और अधिक फोकस किए जाने की आवश्यकता है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 12:41 PM IST
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