देहरादून: उत्तराखंड साल 2022 धामी पार्ट-02 के रूप में कई फैसलों के लिए चर्चाओं में रहा. इस साल सरकार ने कुछ ऐसे फैसले लिए जो बहस का मुद्दा बने तो कुछ ऐसे सेक्टर भी थे, जहां सरकार की तरफ से नया करने की कोशिश की गई. इसमें खासतौर पर धर्मांतरण कानून और यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए भाजपा सरकार के निर्णय को खूब सुर्खियां मिलीं. यही दो फैसले इस साल सबसे ज्यादा छाए भी रहे.
पेंडिंग मामलों को निपटाया: साल 2022 में मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी की वापसी के बाद सरकार ने विभिन्न सेक्टर में कुछ नए कदम आगे बढ़ाए. इनमें राज्य में कनेक्टिविटी से लेकर घर की रसोई और शिक्षा से लेकर रोजगार तक के मामले शामिल रहे. उधर कुछ ऐसे निर्णय भी लिए गए जो काफी लंबे समय से पेंडिंग थे. साथ ही कानून में बदलाव को लेकर भी कुछ मुद्दों पर बड़े फैसले लिए गए. इस तरह देखा जाए तो यह साल कुछ नई योजनाओं और फैसलों के लिए काफी अहम रहा. भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अपनी सरकार के फैसलों के रूप में इस साल को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं और इसमें खास तौर पर तीन निर्णय को सरकार की प्रतिबद्धता से जोड़कर देखते हैं.
बीजेपी का दावा हर वर्ग के लिए हुआ काम: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी कहते हैं कि उनकी सरकार युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक के लिए काम करती दिखाई दी है. इस साल सरकार ने तीन महत्वपूर्ण बड़े फैसले भी लिए. इनमें धर्मांतरण कानून संशोधन में कानून को सख्त करने से लेकर समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने का मामला शामिल है. यही नहीं महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण के लिए विधेयक विधानसभा में लाकर उसे पास करना भी एक बड़ा निर्णय था.
देखा जाए तो सबसे ज्यादा चर्चा इन्हीं तीन मुद्दों की रही जिन पर भाजपा अपनी सरकार की पीठ ठोकती हुई नजर आई है. लेकिन ऐसे कई निर्णय भी थे जो विभिन्न सेक्टर्स में तमाम लोगों को प्रभावित करने वाले थे. जानिए उन फैसलों को जो इस साल सरकार के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण रहे.
ये वादे हुए पूरे
चुनावी घोषणा पत्र में शामिल अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर मुफ्त भरवाने का वादा पूरा करना
महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण दिलवाने के लिए विधानसभा में विधेयक पास करवाना
भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के लिए 1064 एप्लीकेशन की शुरुआत करना
वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांगजन पेंशन में बढ़ोत्तरी करना
आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोत्तरी
लोक कलाकारों के मानदेय को दोगुना करना
छात्रों महिलाओं के लिए योजनाएं
विद्यार्थियों को मुफ्त टेबलेट वितरण करना
राज्य में नई शिक्षा नीति लागू कर उत्तराखंड देश का पहला शिक्षा नीति लागू करने वाला राज्य बना
देहरादून में सैनिक स्कूल को भी इसी साल मिली मंजूरी
राज्य में 7000 पदों पर शुरू की गई भर्ती
नई संशोधित खेल नीति हुई लागू
संचार, परिवहन और मुआवजा राशि बढ़ी
प्रदेश में 1202 मोबाइल टावर स्वीकृत होने से बढ़ी कनेक्टिविटी
केदारनाथ और हेमकुंड रोपवे को मंजूरी मिलने के साथ सुरकंडा देवी में रोपवे की भी इसी साल हुई शुरुआत
जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ हेली सेवा की हुई शुरुआत
वन्यजीवों के हमलों में जान गंवाने वाले लोगों के लिए मुआवजा राशि को चार लाख से बढ़ाकर छह लाख किया गया
धामी कैबिनेट ने नई हाइड्रो पावर पॉलिसी को मंजूर कर ऊर्जा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के किए प्रयास
कांग्रेस ने दावों को झूठा बताया: उत्तराखंड में साल 2022 के दौरान केंद्र की विभिन्न योजनाओं को मंजूरी दी गई. साथ ही राज्य ने अपनी भी नई योजनाओं को शुरू किया. सबसे खास बात यह थी कि इस साल विधानसभा चुनाव के साथ ही नई सरकार के गठन में ही 3 से 4 महीने बीत गए. इसके बावजूद करीब 8 महीनों में राज्य सरकार की तरफ से अपने घोषणा पत्र से जुड़ी सबसे बड़ी घोषणा फ्री गैस सिलेंडर की योजना को पूरा करते हुए कुछ दूसरे सेक्टर्स पर भी काम किया गया. हालांकि धामी सरकार के इस दावे को कांग्रेस हमेशा की तरह चुनौती देती हुई नजर आई. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट कहते हैं कि सरकार की उपलब्धि केवल अपराध में बढ़ोत्तरी और भ्रष्टाचार करना रहा. भर्ती घोटाले से लेकर राज्य में ऐसे कई बड़े मामले हुए, जिसमें सरकार विफल होती नजर आई.
उपलब्धि वाले रहे हैं आठ महीने: जाहिर है राज्य में सरकार गठन के बाद पहला साल राज्य सरकार के लिए कुछ बड़े फैसले लेने वाला होता है. ताकि जनता के बीच अपने वायदों को पूरा करने का संदेश दिया जा सके. उत्तराखंड में धामी सरकार ने भी धर्मांतरण कानून में सख्ती करने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कमेटी गठित करने और महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण को लेकर जो फैसले लिए वह काफी असरदार दिखे. यही नहीं राज्य के कुछ चर्चित मामलों पर विजिलेंस जांच के जरिए भी लोगों को संदेश देने की कोशिश की गयी. लेकिन इन सबसे हटकर प्रदेश में ऐसे कई सारे निर्णय और योजनाएं रहीं, जो इस साल महत्वपूर्ण मानी जा सकती हैं.