ETV Bharat / state

हरेला पर 'धाद' ने शुरू किया अभियान, पहाड़ी उत्पादों को घर-घर पहुंचाकर मिलेगी पहचान - Harela festival in Uttarakhand

हरेला पर्व के मौके पर धाद संस्था लोगों के घरों तक प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को पहुंचाएगी.

dhad-sanstha-will-deliver-hill-products-from-door-to-door-on-the-occasion-of-harela
हरेला के मौके पर 'धाद' ने शुरू किया अभियान
author img

By

Published : Jul 14, 2021, 4:55 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 5:29 PM IST

देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में ऋतुओं के अनुसार अनेकों पर्व मनाए जाते हैं. लोक पर्व हरेला भी इन्ही में से एक है. हरेला शब्द का तात्पर्य हरियाली से है. यही कारण है कि पूरे सावन मास में प्रदेश भर में पौधारोपण कर हरेला पर्व मनाया जाता है. सावन के महीने में देवभूमि हरियाली से सराबोर होती है.

इस साल 16 जुलाई से शुरू हो रहे सावन मास के मौके पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर काम करने वाली धाद संस्था की ओर से एक विशेष अभियान भी शुरू किया जा रहा है. जिसके तहत संस्था की ओर से पहाड़ के प्रमुख उत्पादों जैसे मंडुवा, झंगोरा, सोयाबीन, लूंण इत्यादि की एक पोटली बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचाई जाएगी.

हरेला पर 'धाद' ने शुरू किया अभियान

पढ़ें- कांवड़ यात्रा पर बोले CM धामी, भगवान नहीं करेंगे पसंद किसी की जान जाए

धाद संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं ने बताया कि हर साल उनकी संस्था हरेला पर्व के अवसर पर पौधारोपण का कार्यक्रम करती आई है. इसी के तहत इस बार भी संस्था की ओर से पौधारोपण का कार्यक्रम किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए लोगों के घरों तक प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों की पोटली भी भिजवाई जाएगी. दरअसल, इस अभियान को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग पहाड़ी उत्पादों को पहचानें.

पढ़ें-IMA ने CM धामी को लिखा पत्र, कांवड़ यात्रा को रद्द करने की मांग

बता दें धाद संस्था इन पहाड़ी उत्पादों को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए महज 20 रुपए डिलीवरी चार्ज लेगी. वहीं, संस्था का यह प्रयास रहेगा कि उनका पहाड़ी उत्पादों से जुड़ा यह अभियान सिर्फ सावन मास तक ही सीमित न रहते हुए पूरे साल इसी तरह जारी रहे. जिसके लिए वे लगातार कोशिशें कर रहे हैं.

देहरादून: पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में ऋतुओं के अनुसार अनेकों पर्व मनाए जाते हैं. लोक पर्व हरेला भी इन्ही में से एक है. हरेला शब्द का तात्पर्य हरियाली से है. यही कारण है कि पूरे सावन मास में प्रदेश भर में पौधारोपण कर हरेला पर्व मनाया जाता है. सावन के महीने में देवभूमि हरियाली से सराबोर होती है.

इस साल 16 जुलाई से शुरू हो रहे सावन मास के मौके पर उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर काम करने वाली धाद संस्था की ओर से एक विशेष अभियान भी शुरू किया जा रहा है. जिसके तहत संस्था की ओर से पहाड़ के प्रमुख उत्पादों जैसे मंडुवा, झंगोरा, सोयाबीन, लूंण इत्यादि की एक पोटली बनाकर लोगों के घरों तक पहुंचाई जाएगी.

हरेला पर 'धाद' ने शुरू किया अभियान

पढ़ें- कांवड़ यात्रा पर बोले CM धामी, भगवान नहीं करेंगे पसंद किसी की जान जाए

धाद संस्था के सचिव तन्मय ममगाईं ने बताया कि हर साल उनकी संस्था हरेला पर्व के अवसर पर पौधारोपण का कार्यक्रम करती आई है. इसी के तहत इस बार भी संस्था की ओर से पौधारोपण का कार्यक्रम किया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए लोगों के घरों तक प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों की पोटली भी भिजवाई जाएगी. दरअसल, इस अभियान को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोग पहाड़ी उत्पादों को पहचानें.

पढ़ें-IMA ने CM धामी को लिखा पत्र, कांवड़ यात्रा को रद्द करने की मांग

बता दें धाद संस्था इन पहाड़ी उत्पादों को लोगों के घरों तक पहुंचाने के लिए महज 20 रुपए डिलीवरी चार्ज लेगी. वहीं, संस्था का यह प्रयास रहेगा कि उनका पहाड़ी उत्पादों से जुड़ा यह अभियान सिर्फ सावन मास तक ही सीमित न रहते हुए पूरे साल इसी तरह जारी रहे. जिसके लिए वे लगातार कोशिशें कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 14, 2021, 5:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.