देहरादून: उत्तराखंड में तेजी से बढ़ते कोरोना संकट के बीच मरीजों को पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. प्रदेश के तमाम अस्पतालों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. जहां, जिन मरीजों को आईसीयू बेड की जरूरत नहीं है. उन मरीजों को भी आईसीयू बेड पर रखा जा रहा है. जिस वजह से जरूरतमंदों को सम पर आईसीयू बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जिसे देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक ने मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है.
स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा की ओर से जारी किए गए आदेश में इस बात का जिक्र किया गया है कि गैर सरकारी/सरकारी चिकित्सालयों द्वारा ऑक्सीजन का सही ढंग से उपयोग नहीं किया जा रहा है. आईसीयू बेड की जरूरत नहीं होने के बाद भी कुछ अस्पतालों में मरीजों को आईसीयू बेड पर रखा जा रहा है. जिसे देखते हुए प्रदेश के दोनों मंडलों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपयोग एवं आईसीयू बेड की स्थिति के संबंध में एक मॉनीटरिंग कमेटी का गठन किया गया है.
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कमेटी में गढ़वाल मंडल से चिकित्सा स्वास्थ्य निदेशक डॉ भारती राणा और चिकित्सा उपचार स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अपर निदेशक डॉ मीतू शाह को शामिल किया गया है. इसी तरह कुमाऊं मंडल से चिकित्सा स्वास्थ्य निदेशक डॉ शैलजा भट्ट और नैनीताल जिले की उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रश्मि पंत को नामित किया गया है.
साथ ही कमेटी को यह निर्देश दिए गए हैं कि जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए सरकारी और निजी चिकित्सालय का सप्ताह में एक बार औचक निरीक्षण करेंगे. इसके साथ ही ऑक्सीजन की खपत और आवश्यकता और आईसीयू बेड की स्थिति के संबंध में रिपोर्ट सौंपेंगे.