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19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या पाया, डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. इस महाकुंभ को शांतिपूर्ण व सुरक्षित तरीके से संपन्न पुलिस के किसी चुनौती से कम नहीं है.

उत्तराखंड पुलिस
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Published : Nov 8, 2019, 9:30 PM IST

Updated : Nov 9, 2019, 11:27 AM IST

देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर ईटीवी भारत आम और खास लोगों से यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इन 19 सालों में उत्तराखंड को क्या मिला और भविष्य में क्या मिलने जा रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने बात की प्रदेश कानून-व्यवस्था की कमान संभाले डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से. जिन्होंने बताया कि 19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या हासिल किया और आने वाले समय में उसका क्या स्वरूप होगा.

राज्य स्थापना दिवस के मौके पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना उत्तराखंड पुलिस अपराध को रोकने और घटनाओं में बरामदगी के मामले पर देश के सर्वोच्च पुलिस कार्यशैली में आती है. प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक मामलों को भी मित्र पुलिस ने संवेदनशील के साथ लिया है. काफी हद तक इस पर लगाम लगने पुलिस कामयाब भी हुई है. हालांकि, डीजी का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक मामलों सोशल मीडिया बड़ी भूमिका है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

पढ़ें- उत्तराखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में गैरसैंण को किया गया नजरअंदाज, विरोध में राज्य आंदोलनकारी

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. सड़क हादसों पर डीजी ने अपनी चिंता व्यक्त की है. इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई है. डीजी के मुताबिक, राज्य बनने से पहले जहां चार लाख वाहन सड़कों पर नजर आते थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 28 लाख के से ज्यादा हो गई है. जबकि जरूरत के मुताबिक सड़कों का विस्तार नहीं हुआ.

पढ़ें- प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठिठुरन

इसके अलावा यात्रा मार्गों पर चल रहा निर्माण कार्य और खस्ताहाल सड़कें भी इन हादसों की बड़ी वजह बन रही है. हालांकि, इस मामले पर भी उत्तराखंड पुलिस लगातार हादसों को रोकने के लिए प्रयासरत है. जिसका नतीजा है कि पिछले एक से दो साल में सड़क दुर्घटना में कमी आई है.

महाकुंभ पुलिस के लिए चुनौती

धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. इस महाकुंभ को शांतिपूर्ण व सुरक्षित तरीके से संपन्न पुलिस के किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि हरिद्वार महाकुंभ में करोड़ों लोग आएंगे. इस बारे में डीजी ने कहा कि महाकुंभ में यातायात की बेहतर व्यवस्था करना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का उनका विशेष फोकस होगा. इसी के चलते पुलिस फोर्स में नई भर्तियां करने जा रही है. जिसके लिए सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है. अपने अनुभव पर बातचीत करते हुए डीजी ने कहा कि उत्तराखंड बनने से पहले वे चमोली में एसपी के पद पर तैनात थे. तब नए नए राज्य में यूपी की तर्ज पर कानून व्यवस्था को लेकर आपार समस्याएं थी, लेकिन इन 19 सालों में पुलिस सभी समस्याओं पर तेजी का साथ काम किया है. जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं.

पढ़ें- पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों पर पड़ा छापा, पकड़ी गई बड़ी चोरी

यूपी से अलग होकर उत्तराखंड को जिस तरह की नकारात्मक पुलिसिंग वाली छवि मिली थी उसको सुधारना सबसे बड़ी चुनौती थी. इन 19 सालों उत्तराखंड पुलिस का कायाकल्प हो गया. आज उत्तराखंड पुलिस अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी स्थिति में है.

डीजी की मानें तो भविष्य में उत्तराखंड पुलिस एक ऐसी मित्र पुलिस का उदाहरण पेश करेगी, जिसमें पुलिस के पास बड़े हथियार न के बराबर होंगे. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पुलिस की कार्यशैली और प्रणाली पर अक्सर सवाल खड़े होते रहते है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस योजनाबद्ध तरीके से काम कर छवि सुधारने का काम कर रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड@19: टूटी उम्मीदों के दर्द से कराह रही देवभूमि, चुनौती जस की तस

दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच हुई मौजूदा घटना पर बात करते हुए डीजी कहा कि पुलिसकर्मियों को कई बार जरूरत से ज्यादा आम जनता के साथ संयम बरतने की जरूरत होती है. उसके लिए समय-समय पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है. बावजूद उसके अगर ऐसी घटनाएं सामने आती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

देहरादून: राज्य स्थापना दिवस पर ईटीवी भारत आम और खास लोगों से यह जानने की कोशिश कर रहा है कि इन 19 सालों में उत्तराखंड को क्या मिला और भविष्य में क्या मिलने जा रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने बात की प्रदेश कानून-व्यवस्था की कमान संभाले डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से. जिन्होंने बताया कि 19 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने क्या हासिल किया और आने वाले समय में उसका क्या स्वरूप होगा.

राज्य स्थापना दिवस के मौके पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना उत्तराखंड पुलिस अपराध को रोकने और घटनाओं में बरामदगी के मामले पर देश के सर्वोच्च पुलिस कार्यशैली में आती है. प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते आपराधिक मामलों को भी मित्र पुलिस ने संवेदनशील के साथ लिया है. काफी हद तक इस पर लगाम लगने पुलिस कामयाब भी हुई है. हालांकि, डीजी का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे आपराधिक मामलों सोशल मीडिया बड़ी भूमिका है.

डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार से खास बातचीत

पढ़ें- उत्तराखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में गैरसैंण को किया गया नजरअंदाज, विरोध में राज्य आंदोलनकारी

उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. सड़क हादसों पर डीजी ने अपनी चिंता व्यक्त की है. इसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई है. डीजी के मुताबिक, राज्य बनने से पहले जहां चार लाख वाहन सड़कों पर नजर आते थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 28 लाख के से ज्यादा हो गई है. जबकि जरूरत के मुताबिक सड़कों का विस्तार नहीं हुआ.

पढ़ें- प्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी ठिठुरन

इसके अलावा यात्रा मार्गों पर चल रहा निर्माण कार्य और खस्ताहाल सड़कें भी इन हादसों की बड़ी वजह बन रही है. हालांकि, इस मामले पर भी उत्तराखंड पुलिस लगातार हादसों को रोकने के लिए प्रयासरत है. जिसका नतीजा है कि पिछले एक से दो साल में सड़क दुर्घटना में कमी आई है.

महाकुंभ पुलिस के लिए चुनौती

धर्मनगरी हरिद्वार में 2021 में महाकुंभ का आयोजन होना है. इस महाकुंभ को शांतिपूर्ण व सुरक्षित तरीके से संपन्न पुलिस के किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि हरिद्वार महाकुंभ में करोड़ों लोग आएंगे. इस बारे में डीजी ने कहा कि महाकुंभ में यातायात की बेहतर व्यवस्था करना और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का उनका विशेष फोकस होगा. इसी के चलते पुलिस फोर्स में नई भर्तियां करने जा रही है. जिसके लिए सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है. अपने अनुभव पर बातचीत करते हुए डीजी ने कहा कि उत्तराखंड बनने से पहले वे चमोली में एसपी के पद पर तैनात थे. तब नए नए राज्य में यूपी की तर्ज पर कानून व्यवस्था को लेकर आपार समस्याएं थी, लेकिन इन 19 सालों में पुलिस सभी समस्याओं पर तेजी का साथ काम किया है. जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं.

पढ़ें- पेट्रोल पंप और गैस एजेंसियों पर पड़ा छापा, पकड़ी गई बड़ी चोरी

यूपी से अलग होकर उत्तराखंड को जिस तरह की नकारात्मक पुलिसिंग वाली छवि मिली थी उसको सुधारना सबसे बड़ी चुनौती थी. इन 19 सालों उत्तराखंड पुलिस का कायाकल्प हो गया. आज उत्तराखंड पुलिस अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अच्छी स्थिति में है.

डीजी की मानें तो भविष्य में उत्तराखंड पुलिस एक ऐसी मित्र पुलिस का उदाहरण पेश करेगी, जिसमें पुलिस के पास बड़े हथियार न के बराबर होंगे. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पुलिस की कार्यशैली और प्रणाली पर अक्सर सवाल खड़े होते रहते है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस योजनाबद्ध तरीके से काम कर छवि सुधारने का काम कर रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड@19: टूटी उम्मीदों के दर्द से कराह रही देवभूमि, चुनौती जस की तस

दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच हुई मौजूदा घटना पर बात करते हुए डीजी कहा कि पुलिसकर्मियों को कई बार जरूरत से ज्यादा आम जनता के साथ संयम बरतने की जरूरत होती है. उसके लिए समय-समय पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है. बावजूद उसके अगर ऐसी घटनाएं सामने आती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

Intro:नोट- राज्य स्थापना दिवस स्पेशल पर इस स्पेशल स्टोरी से संबंधित लाइव इंटरव्यू लाइव व्यू 08 से भेजा गया।


summary-राज्य स्थापना दिवस पर स्पेशल - आने वाले दिनों में बदल जाएगी उत्तराखंड पुलिस :DG,अशोक कुमार


देहरादून: राज्य स्थापना दिवस को लेकर भारत तमाम आम और खास लोगों से यह जाने की कोशिश कर रहा है कि इन 19 सालों में उत्तराखंड राज्य को क्या मिला है और क्या मिलने जा रहा है इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने बातचीत की पुलिस विभाग कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे महानिदेशक अशोक कुमार से। जिन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि 19 सालों में राज्य में पुलिस ने कई कीर्तिमान हासिल किए हैं आने वाले दिनों में नया उत्तराखंड पुलिस का नया स्वरूप देखने को मिलेगा। जिसमें राज्य की पुलिस अपने नाम के मुताबिक मित्र पुलिस के रूप में बिना हथियारों के दिखाई देगी।


Body:राज्य स्थापना दिवस के मौके पर महानिदेशक अशोक कुमार ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना उत्तराखंड पुलिस अपराध को रोकने और घटनाओं में बरामदगी के मामले पर देश के सर्वोच्च पुलिस कार्यशैली में आती है। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के मामले में डीजे अशोक कुमार ने बताया कि इसके लिए काफी हद तक वर्तमान समय में सोशल मीडिया भी एक बड़ी भूमिका निभा रहा है। हालांकि उत्तराखंड पुलिस इस मामले में भी संवेदनशील होकर महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को गंभीर मामला मांगते हुए सब कानूनी प्रक्रिया के तहत अपराधियों पर लगाम लगाने में जुटी है।
उत्तराखंड राज्य में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए अशोक कुमार ने कहा कि राज्य बनने से पहले जहां चार लाख वाहन सड़कों पर नजर आते थे वहीं वर्तमान समय में 28 लाख से ज्यादा वाहन सड़कों पर जाल बनाकर चल रहे हैं जबकि सड़कों का दायरा जरूरत के मुताबिक नहीं बढ़ सका है। इसके अलावा यात्रा मार्गों पर निर्माण कार्य खस्ताहाल सड़कें जैसी समस्याओं से भी सड़क हादसे को बढ़ावा मिला है। हालांकि इस मामले पर भी उत्तराखंड पुलिस लगातार हादसों को रोकने के लिए प्रयासरत है इसी का नतीजा है कि पिछले 1 से 2 साल में सड़क दुर्घटना में कमी नजर आई है।

वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ के विषय में महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि इस धार्मिक भरत पर्व को शांतिपूर्ण व सुरक्षित धन से संपन्न कराना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है। महाकुंभ जैसे बड़े पर्व में करोड़ों की तादाद में आने वाले श्रद्धालुओं को कैसे यातायात बेहतर देने के साथी अन्य मामलों में आंतरिक सुरक्षा देना पुलिस के लिए महत्वपूर्ण विषय है। इसी के चलते पुलिस फोर्स में नई भर्तियों का होना जल्द से जल्द आवश्यक है जिसके लिए सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।

आने वाले दिनों में मित्र पुलिस हथियार के बिना ही कानून व्यवस्था बहाल रखने में सक्षम होगी:DG, LO

अपने अनुभव पर बातचीत करते हुए महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि आज से 19 साल पहले राज्य निर्माण के समय जब वह SP चमौली जिले में तैनात आए थे तब नए नए राज्य में यूपी की तर्ज पर कानून व्यवस्था को लेकर आपार समस्याएं थी, लेकिन इन 19 वर्षो में हर विषय की तरह पुलिस में तेज़ी से सकारात्मक विकास हुआ है. यूपी से अलग होकर उत्तराखंड को जिस तरह को नकारात्मक पुलिसिंग वाली छवि मिली थी उसको सुधारना सबसे बड़ी चुनौती थी ऐसे इन 19 वर्षो पुलिसिंग व्यवस्था में कायापलट वाला सकारात्मक सुधार हुआ हैं। आज के समय में अगर सबसे बड़े बदलाव की बात करें तो, मौजूदा समय में राज्य की कानून व्यवस्था हर क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे श्रेणी में है। इतना ही महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक आने वाले समय में हम देखेंगे कि राज्य की पुलिस एक ऐसी मित्र पुलिस का उदाहरण पेश करेगी जिसमें पुलिस के पास बड़े हथियार ना के बराबर होंगे। अशोक कुमार ने बताया कि जिस तरह से कई राज्यों और देश के इलाकों में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं,उस दिशा में भी राज्य का पुलिस महकमा इस योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहा है ताकि हमारे जवानों पर किसी तरह की कोई उंगली ना उठा सके।


Conclusion:दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच हुई मौजूदा घटना पर बात करते हुए डीजी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मियों को कई बार जरूरत से ज्यादा आम जनता के साथ संयम बरतने की जरूरत होती है और उसके लिए समय-समय पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है.. उसके बावजूद भी अगर ऐसी घटनाएं सामने आती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि अशोक कुमार ने कहा दिल्ली में पुलिस जवानों के साथ होने वाले दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए आला अफसरों को जवानों के साथ सकारात्मक रवैया अपना कर सीधा संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाने की जरूरत है।
Last Updated : Nov 9, 2019, 11:27 AM IST
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