देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में तीन धामों के कपाट बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे. वहीं, अब शीतकाल में भी श्रद्धालु आराध्य के दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए शासन ने कवायद तेज कर दी है. शीतकालीन यात्रा को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने एक खाका तैयार कर लिया है, जिसको सरकार अब अमलीजामा पहनाने जा रही है.
बता दें कि, जो श्रद्धालु शीतकाल यात्रा करना चाहते हैं, वो सभी गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ की देवडोली के प्रवास पर दर्शन कर सकेंगे. चारों धामों के कपाट भले ही बंद हो गए हों, लेकिन मां यमुना जी की देवडोली का शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव के श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. वहीं, पतित पावनी मां गंगा की डोली के रूप में तमाम श्रद्धालु गंगोत्री का मायके कहे जाने वाले मुखबा गांव में तमाम दर्शन कर सकेंगे. इसी तरह श्रद्धालु शीतकाल के दौरान विश्व विख्यात देवों के देव महादेव की देवडोली के दर्शन उखीमठ स्थित ओमकारेश्वर मंदिर में और बैकुंठ कहे जाने वाले श्री हरि विष्णु जी की देव डोली के दर्शन पांडुकेश्वर में कर सकेंगे.
सत्ताधारी पार्टी के नेता शीतकालीन यात्रा को प्रदेश के विकास के लिए सरकार की एक अच्छी पहल करार दे रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री खजानदास के मुताबिक, सरकार शीतकाल यात्रा शुरू करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन विपक्ष के नेता शीतकालीन यात्रा पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने न सिर्फ प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार की शीतकालीन यात्रा पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि, शीतकालीन यात्रा के साथ-साथ विकास से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी करारा प्रहार किया है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि तीर्थाटन से साथ ही देश-विदेश के तमाम श्रद्धालु एक पर्यटक के रूप में उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों का आनंद उठा सकते हैं. साथ ही साथ देवभूमि के खूबसूरत पर्वतीय क्षेत्रों के शीतकाल के दौरान बर्फीले नजारों का भी आनंद लोग श्रद्धालु के रूप में पहुंचकर उठा सकते हैं.
दरअसल, पौराणिक समय से यह परंपरा चली आ रही है कि 6 माह तक उत्तराखंड के चारधाम का दर्शन आम श्रद्धालु करेंगे, और शीतकाल के दौरान जब इन सभी धामों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं तो उस वक्त यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के शीतकाल प्रवास स्थल के दर्शन श्रद्धालु कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शीतकाल के दौरान देवतागण बदरी विशाल और बाबा केदारनाथ की पूजा आराधना करते हैं. वहीं, राज्य सरकार शीतकालीन यात्रा को बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है ताकि चारधाम का दीदार करने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में यात्री उत्तराखंड आ सकें.