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कॉलेज खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी, जानें क्या होंगे नियम ?

उच्च शिक्षा विभाग ने उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को खोले जाने को लेकर एसओपी यानी गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके अनुसार तमाम नियमों को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों को खोलना होगा.

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कॉलेज खोलने को लेकर गाइडलाइन जारी
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Published : Dec 12, 2020, 8:53 AM IST

देहरादून: प्रदेश के सभी यूनिवर्सिटी कॉलेज खोले जाने को लेकर पहले ही कैबिनेट बैठक में निर्णय हो चुका है. आगामी 15 दिसंबर से सभी कॉलेज खोले जाएंगे, लेकिन महाविद्यालयों को खोले जाने को लेकर क्या गाइडलाइन होगी वह भी जान लीजिए ?

ये भी पढ़ें: जरूरी जानकारी: वोटर लिस्ट में नहीं है आपका नाम तो ऐसे करें आवेदन

शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग ने उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को खोले जाने को लेकर एसओपी यानी गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके अनुसार तमाम नियमों को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों को खोलना होगा. क्या कुछ हैं ये नियम आइए आपको बताते हैं.

  1. कॉलेजों को खोले जाने को लेकर जारी गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि छात्रों की उपस्थिति को लेकर अभिभावकों के सहमति अनिवार्य है. विश्वविद्यालय या फिर महाविद्यालय द्वारा अपनी कार्य योजना के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराना होगा. अभिभावक अपनी इच्छा से छात्र-छात्राओं को कॉलेज भेजने के लिए सहमत होते हैं तो ही सहमति विश्वविद्यालय खुलने से पूर्व सूचनाएं छात्र-छात्राओं को दी जाएगी.
  2. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर की कक्षाओं के लिए यदि थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पढ़ाए जाने अनिवार्य हैं तो ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
  3. अंतिम समय में भी अगर प्रैक्टिकल अनिवार्य हैं तो ही ऑफलाइन कक्षाएं होंगी, अन्यथा ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखी जा सकती हैं.
  4. भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू करने के लिए शासन द्वारा गाइडलाइन दी गई है कि या तो कक्षाओं का संचालन अलग-अलग शिफ्ट में किया जाए या फिर सेक्शन बढ़ाया जाए या फिर अल्टरनेटिव डे पर कक्षाएं संचालित की जाएं. इन तीनों विकल्प में से कॉलेज कोई भी एक विकल्प चुन सकता है.
  5. जिन कक्षाओं में केवल थ्योरी पढ़ाई जानी है और प्रैक्टिकल की जरूरत नहीं है. वहां पर ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखी जा सकती हैं. जिन विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पढ़ाए जाने हैं, उनमें ऑनलाइन के माध्यम से थ्योरी पढ़ाई जाएगी और प्रैक्टिकल के लिए कॉलेज में प्रैक्टिकल कक्षाएं संचालित की जा सकेंगी. इन कक्षाओं में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करना होगा. जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना होगा. इसके अलावा प्रारंभिक रूप से अंतिम सेमेस्टर और फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा और सफलतम प्रयोग के बाद सेकंड ईयर और थर्ड ईयर के छात्रों के पठन पाठन को भी इसी तरह से संचालित किया जाएगा.
  6. प्रैक्टिकल सब्जेक्ट से संबंधित जो कक्षाएं ऑफलाइन मोड में संचालित नहीं होगी, वहां वर्चुअल लैब का प्रयोग किया जा सकता है.
  7. चिकित्सा शिक्षा यानी मेडिकल एजुकेशन जैसे कि नरसिंह एमबीबीएस और डेंटल कॉलेजों के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
  8. कॉलेज शुरू होने से पहले राज्य के बाहर से आने वाले छात्रों, हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ सभी छात्रों को कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा.
  9. कॉलेजों में दी जाने वाली ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी पूर्व की तरह ही दी जाएंगी, लेकिन कोविड-19 से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा.
  10. शासन द्वारा जारी की गई इस गाइडलाइन के पालन के लिए सभी शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे. उसके अलावा प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी द्वारा एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया जाएगा, जिसके जरिए इन नियमों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाएगा.
  11. कॉलेजों को खोले जाने को लेकर तमाम नियम भी एसओपी में दिए गए हैं. जैसे कि कॉलेजों को रोज सैनिटाइज किया जाना, कॉलेज में मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा, कॉलेज में प्रवेश के समय हैंड वॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और फर्स्ट ऐड होना जरूरी है. किसी भी छात्र को सर्दी जुकाम या बुखार की शिकायत होने पर उसे तुरंत घर भेजा जाएगा. सभी जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.

देहरादून: प्रदेश के सभी यूनिवर्सिटी कॉलेज खोले जाने को लेकर पहले ही कैबिनेट बैठक में निर्णय हो चुका है. आगामी 15 दिसंबर से सभी कॉलेज खोले जाएंगे, लेकिन महाविद्यालयों को खोले जाने को लेकर क्या गाइडलाइन होगी वह भी जान लीजिए ?

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शुक्रवार को उच्च शिक्षा विभाग ने उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को खोले जाने को लेकर एसओपी यानी गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके अनुसार तमाम नियमों को ध्यान में रखते हुए कॉलेजों को खोलना होगा. क्या कुछ हैं ये नियम आइए आपको बताते हैं.

  1. कॉलेजों को खोले जाने को लेकर जारी गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि छात्रों की उपस्थिति को लेकर अभिभावकों के सहमति अनिवार्य है. विश्वविद्यालय या फिर महाविद्यालय द्वारा अपनी कार्य योजना के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराना होगा. अभिभावक अपनी इच्छा से छात्र-छात्राओं को कॉलेज भेजने के लिए सहमत होते हैं तो ही सहमति विश्वविद्यालय खुलने से पूर्व सूचनाएं छात्र-छात्राओं को दी जाएगी.
  2. ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर की कक्षाओं के लिए यदि थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पढ़ाए जाने अनिवार्य हैं तो ही ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की जाएंगी.
  3. अंतिम समय में भी अगर प्रैक्टिकल अनिवार्य हैं तो ही ऑफलाइन कक्षाएं होंगी, अन्यथा ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखी जा सकती हैं.
  4. भौतिक रूप से कक्षाएं शुरू करने के लिए शासन द्वारा गाइडलाइन दी गई है कि या तो कक्षाओं का संचालन अलग-अलग शिफ्ट में किया जाए या फिर सेक्शन बढ़ाया जाए या फिर अल्टरनेटिव डे पर कक्षाएं संचालित की जाएं. इन तीनों विकल्प में से कॉलेज कोई भी एक विकल्प चुन सकता है.
  5. जिन कक्षाओं में केवल थ्योरी पढ़ाई जानी है और प्रैक्टिकल की जरूरत नहीं है. वहां पर ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखी जा सकती हैं. जिन विषयों में थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पढ़ाए जाने हैं, उनमें ऑनलाइन के माध्यम से थ्योरी पढ़ाई जाएगी और प्रैक्टिकल के लिए कॉलेज में प्रैक्टिकल कक्षाएं संचालित की जा सकेंगी. इन कक्षाओं में कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करना होगा. जैसे कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना होगा. इसके अलावा प्रारंभिक रूप से अंतिम सेमेस्टर और फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा और सफलतम प्रयोग के बाद सेकंड ईयर और थर्ड ईयर के छात्रों के पठन पाठन को भी इसी तरह से संचालित किया जाएगा.
  6. प्रैक्टिकल सब्जेक्ट से संबंधित जो कक्षाएं ऑफलाइन मोड में संचालित नहीं होगी, वहां वर्चुअल लैब का प्रयोग किया जा सकता है.
  7. चिकित्सा शिक्षा यानी मेडिकल एजुकेशन जैसे कि नरसिंह एमबीबीएस और डेंटल कॉलेजों के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे.
  8. कॉलेज शुरू होने से पहले राज्य के बाहर से आने वाले छात्रों, हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के साथ सभी छात्रों को कोविड-19 आरटी पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा.
  9. कॉलेजों में दी जाने वाली ट्रांसपोर्ट फैसिलिटी पूर्व की तरह ही दी जाएंगी, लेकिन कोविड-19 से जुड़ी सभी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा.
  10. शासन द्वारा जारी की गई इस गाइडलाइन के पालन के लिए सभी शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे. उसके अलावा प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी द्वारा एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया जाएगा, जिसके जरिए इन नियमों का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जाएगा.
  11. कॉलेजों को खोले जाने को लेकर तमाम नियम भी एसओपी में दिए गए हैं. जैसे कि कॉलेजों को रोज सैनिटाइज किया जाना, कॉलेज में मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा, कॉलेज में प्रवेश के समय हैंड वॉश, थर्मल स्क्रीनिंग और फर्स्ट ऐड होना जरूरी है. किसी भी छात्र को सर्दी जुकाम या बुखार की शिकायत होने पर उसे तुरंत घर भेजा जाएगा. सभी जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
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