देहरादून: राजधानी में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पौड़ी और टिहरी जिलों से 12 चिकित्सकों की तैनाती देहरादून में की है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारी भी डेंगू को खत्म करने की दिशा में पहल करेंगे. स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ कैंपों में यूटिलाइज करेगा.
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रविवार को मीडिया से बात करते हुए देहरादून के सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि अभीतक डेंगू से मरने वालों की संख्या 6 हो है और 207 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. डेंगू के मामलों को देखते हुए 12 चिकित्सकों की तैनाती पौड़ी और टिहरी जिलों से देहरादून में की गई है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारियों की भी तैनाती यहां की गई है.
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सभी चिकित्सकों को कैंपों में यूटिलाइज किया जाएगा. डेंगू को खत्म करने की दिशा में विभिन्न स्थानों पर डॉक्टरों द्वारा कैंप लगवाए जाएंगे. डेंगू रोधी कैंपों में पीड़ित मरीजों के खून की जांच निशुल्क की जाएगी. किसी भी व्यक्ति में डेंगू पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.
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देहरादून मे डेंगू के कुल मामलों में 3730 मरीजों में फीवर के लक्षण पाये गए. जबकि 2607 मामले डेंगू की पुष्टि हुई है. 15 सितंबर तक 61,252 घरों में डेंगू की जांच की गई. ऐसे भी 3760 घरों और साइट पर लार्वा पाया गया. सर्वे में शामिल घरों में बुखार पीड़ितों की संख्या 7550 है.
सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि एलाइजा जांच के लिए गांधी आई हॉस्पिटल कोरोनेशन हॉस्पिटल, दून मेडिकल कॉलेज, एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश और सीएससी रायपुर को चयनित किया गया है.
सीएमओ ने बताया कि अभियान के तहत बीती 26 अगस्त को 21 टीमों का गठन किया गया था. जिसमें आशा कार्यकत्री एवं फार्मासिस्ट और चिकित्सकों के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी शामिल थे. वहीं, ऋषिकेश के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए 40 वार्डों में टीमों का गठन करते हुए जागरूकता और सोर्स रिडक्शन अभियान चलाया जा रहा है.
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वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी को स्वास्थ्य टीम का सहयोग करना होगा. सभी अपने घरों या आसपास साफ पानी जमा न होने दें. साथ ही अपने शरीर को ढक कर रखें. क्योंकि मच्छर अमूमन दिन में काटते हैं.