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देहरादून: डेंगू की रोकथाम के लिए  12 डॉक्टर किए गए तैनात, अब तक 6 लोगों की मौत

देहरादून मे डेंगू के कुल मामलों में 3730 मरीजों में फीवर के लक्षण पाये गए. जबकि 2607 मामलों में डेंगू की पुष्टि हुई है. 15 सितंबर तक 61,252 घरों में  डेंगू की जांच की गई. 3760 घरों और साइट पर लार्वा पाया गया.

स्वास्थ्य विभाग
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Published : Sep 22, 2019, 11:03 PM IST

Updated : Sep 22, 2019, 11:19 PM IST

देहरादून: राजधानी में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पौड़ी और टिहरी जिलों से 12 चिकित्सकों की तैनाती देहरादून में की है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारी भी डेंगू को खत्म करने की दिशा में पहल करेंगे. स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ कैंपों में यूटिलाइज करेगा.

स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ कैंपों में यूटिलाइज करेगा.

पढ़ें:देहरादून: फिल्म 'लिटिल बेबी' का ट्रेलर लॉन्च, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दी बधाई

रविवार को मीडिया से बात करते हुए देहरादून के सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि अभीतक डेंगू से मरने वालों की संख्या 6 हो है और 207 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. डेंगू के मामलों को देखते हुए 12 चिकित्सकों की तैनाती पौड़ी और टिहरी जिलों से देहरादून में की गई है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारियों की भी तैनाती यहां की गई है.

पढ़ें:जहां शाम ढलते ही छलकते थे जाम, अब वहां कोई नहीं लेता शराब का नाम, जानिए क्यों

सभी चिकित्सकों को कैंपों में यूटिलाइज किया जाएगा. डेंगू को खत्म करने की दिशा में विभिन्न स्थानों पर डॉक्टरों द्वारा कैंप लगवाए जाएंगे. डेंगू रोधी कैंपों में पीड़ित मरीजों के खून की जांच निशुल्क की जाएगी. किसी भी व्यक्ति में डेंगू पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.

पढ़ें:सरकारी महकमों में प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी में ऊर्जा विभाग, लोगों ने खड़े किये सवाल

देहरादून मे डेंगू के कुल मामलों में 3730 मरीजों में फीवर के लक्षण पाये गए. जबकि 2607 मामले डेंगू की पुष्टि हुई है. 15 सितंबर तक 61,252 घरों में डेंगू की जांच की गई. ऐसे भी 3760 घरों और साइट पर लार्वा पाया गया. सर्वे में शामिल घरों में बुखार पीड़ितों की संख्या 7550 है.

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि एलाइजा जांच के लिए गांधी आई हॉस्पिटल कोरोनेशन हॉस्पिटल, दून मेडिकल कॉलेज, एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश और सीएससी रायपुर को चयनित किया गया है.
सीएमओ ने बताया कि अभियान के तहत बीती 26 अगस्त को 21 टीमों का गठन किया गया था. जिसमें आशा कार्यकत्री एवं फार्मासिस्ट और चिकित्सकों के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी शामिल थे. वहीं, ऋषिकेश के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए 40 वार्डों में टीमों का गठन करते हुए जागरूकता और सोर्स रिडक्शन अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें:डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, अलर्ट पर महकमा

वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी को स्वास्थ्य टीम का सहयोग करना होगा. सभी अपने घरों या आसपास साफ पानी जमा न होने दें. साथ ही अपने शरीर को ढक कर रखें. क्योंकि मच्छर अमूमन दिन में काटते हैं.

देहरादून: राजधानी में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पौड़ी और टिहरी जिलों से 12 चिकित्सकों की तैनाती देहरादून में की है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारी भी डेंगू को खत्म करने की दिशा में पहल करेंगे. स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ कैंपों में यूटिलाइज करेगा.

स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ कैंपों में यूटिलाइज करेगा.

पढ़ें:देहरादून: फिल्म 'लिटिल बेबी' का ट्रेलर लॉन्च, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दी बधाई

रविवार को मीडिया से बात करते हुए देहरादून के सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि अभीतक डेंगू से मरने वालों की संख्या 6 हो है और 207 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. डेंगू के मामलों को देखते हुए 12 चिकित्सकों की तैनाती पौड़ी और टिहरी जिलों से देहरादून में की गई है. इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारियों की भी तैनाती यहां की गई है.

पढ़ें:जहां शाम ढलते ही छलकते थे जाम, अब वहां कोई नहीं लेता शराब का नाम, जानिए क्यों

सभी चिकित्सकों को कैंपों में यूटिलाइज किया जाएगा. डेंगू को खत्म करने की दिशा में विभिन्न स्थानों पर डॉक्टरों द्वारा कैंप लगवाए जाएंगे. डेंगू रोधी कैंपों में पीड़ित मरीजों के खून की जांच निशुल्क की जाएगी. किसी भी व्यक्ति में डेंगू पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.

पढ़ें:सरकारी महकमों में प्रीपेड मीटर लगाने की तैयारी में ऊर्जा विभाग, लोगों ने खड़े किये सवाल

देहरादून मे डेंगू के कुल मामलों में 3730 मरीजों में फीवर के लक्षण पाये गए. जबकि 2607 मामले डेंगू की पुष्टि हुई है. 15 सितंबर तक 61,252 घरों में डेंगू की जांच की गई. ऐसे भी 3760 घरों और साइट पर लार्वा पाया गया. सर्वे में शामिल घरों में बुखार पीड़ितों की संख्या 7550 है.

सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि एलाइजा जांच के लिए गांधी आई हॉस्पिटल कोरोनेशन हॉस्पिटल, दून मेडिकल कॉलेज, एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश और सीएससी रायपुर को चयनित किया गया है.
सीएमओ ने बताया कि अभियान के तहत बीती 26 अगस्त को 21 टीमों का गठन किया गया था. जिसमें आशा कार्यकत्री एवं फार्मासिस्ट और चिकित्सकों के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी शामिल थे. वहीं, ऋषिकेश के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए 40 वार्डों में टीमों का गठन करते हुए जागरूकता और सोर्स रिडक्शन अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें:डेंगू के बाद अब स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, अलर्ट पर महकमा

वहीं, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी को स्वास्थ्य टीम का सहयोग करना होगा. सभी अपने घरों या आसपास साफ पानी जमा न होने दें. साथ ही अपने शरीर को ढक कर रखें. क्योंकि मच्छर अमूमन दिन में काटते हैं.

Intro: देहरादून में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पौड़ी और टिहरी जिलों से 12 चिकित्सकों की तैनाती देहरादून की है इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारी भी डेंगू को खत्म करने की दिशा में पहल करेंगे। स्वास्थ विभाग चिकित्सकों और एसीएमओ को डेंगू रोधी हेल्थ केम्पों में यूटिलाइज करेेगा।


Body:आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए देहरादून के सीएमओ डॉ एस के गुप्ता ने बताया कि अभी तक 207 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है डेंगू के मामलों को देखते हुए 12 चिकित्सकों की तैनाती पौड़ी और टिहरी जिलों से देहरादून की गई है इसके अलावा दो एसीएमओ स्तर के अधिकारियों की भी तैनाती यहां की गई है इन सभी चिकित्सकों को कैंपों में यूटिलाइज किया जाएगा,डेंगू को खत्म करने की दिशा मे विभिन्न स्थानों पर इन चिकित्सकों द्वारा कैंप लगवाए जाएंगे। डेंगू रोधी कैंपों बुख़ार से पीड़ित मरीजों के खून की जांच निशुल्क की जाएगी, यदि किसी व्यक्ति में डेंगू पाया जाता है तो उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी। वही दोनों एसीएमओ द्वारा टेंपो की मॉनिटरिंग कराई जाएगी। सोर्स रिडक्शन के अलावा सभी सरकारी और निजी अस्पतालों का ऑडिट भी किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पताल में इलाज की क्या सुविधा उपलब्ध है और डेंगू मरीजों को किस प्रकार का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
बाईट- डॉ एस के गुप्ता, सीएमओ, देहरादून
वही मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून ने जनता से अपील करते हुए कहा कि सभी को स्वास्थ्य की टीम के साथ सहयोग करना चाहिए। सभी अपने घरों या आसपास साफ पानी जमुना ना होने दें इसके साथ ही अपने शरीर को ढक कर रखें क्योंकि मच्छर अमूमन दिन में काटता है और 1 मीटर से अधिक ऊंचाई तक उड़ान नहीं भरता है, सभी लोग मच्छर को काटने का मौका ना दें तभी डेंगू से बचा जा सकता है।

बाईट- डॉ एस के गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून


Conclusion:दरअसल जन जागरूकता का परिणाम यह हुआ है कि डेंगू के 50% मामले कम हुए हैं। मई सरकारी अस्पतालों में डेंगू वार्ड के आधे बेड खाली पड़े हैं। प्रीति अगस्त से देहरादून के मैदानी क्षेत्रों विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों और रायपुर क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान के साथ सोर्स रिडक्शन चलाया जा रहा है। यह अभियान पुलिस विभाग ,शिक्षा विभाग , समेकित बाल विकास परियोजना नगर निगम देहरादून के साथ समन्वय स्थापित करके चलाया जा रहा है। अभियान के तहत बीती 26 अगस्त को 21 टीमों का गठन किया गया था जिसमें आशा कार्यकत्री एवं फार्मासिस्ट और चिकित्सकों के साथ ही नगर निगम के कर्मचारी शामिल थे। वही ऋषिकेश के कुछ क्षेत्रों में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए 40 वार्डों में टीमों को गठन करते हुए जागरूकता और सोर्स रिडक्शन अभियान चलाया जा रहा है।

आइसोलेशन वार्ड की संख्या-42

आइसोलेशन वार्ड मे बेडो की संख्या-141

देहरादून मे डेंगू के कुल मामलों मे 3730 मरीजों मे फ़ीवर के लक्षण पाये गये जबकि 2607 मामले डेंगू पॉजिटिव पाये गये।

जिले मे डेंगू से मौतें-06

15 सितंबर तक कुल घरों की संख्या जांच सर्वे किया गया-61,252

ऐसे घर और साइट जहां पर लार्वा पाया गया-3760

सर्वे किए गए घरों में बुखार पीड़ितों की संख्या-7550

डेंगू नियंत्रण के लिए लगाई जा चुके स्वास्थ्य कैंपो की संख्या- 36

एलाइजा जॉच के लिए चयनित स्थान -गांधी आई हॉस्पिटल कोरोनेशन हॉस्पिटल, दून मेडिकल कॉलेज ,एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश, सीएससी रायपुर
Last Updated : Sep 22, 2019, 11:19 PM IST
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