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नौकरी के नाम पर झांसा देकर लूटते थे पैसे, फिर देते थे दूसरों को फंसाने की ट्रेनिंग, तय था प्रति व्यक्ति रेट - देहरादून अपराध समाचार

बेरोजगार युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगने का एक अलग मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है. पहाड़ के भोले-भाले युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर एक गिरोह के लोग उनको देहरादून बुलाते थे. फिर उनके पैसे लेते थे और फिर दूसरो को लूटने की ट्रेनिंग देते थे. कुछ पीड़ित जब पुलिस के पास पहुंचे और एसटीएफ ने जांच की तो सच सामने आया. जानें पूरा खेल...

dehradun STF police
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Published : Jul 6, 2023, 8:07 PM IST

Updated : Jul 6, 2023, 8:16 PM IST

जानकारी देते एसटीएफ SSP आयुष अग्रवाल.

देहरादून: रायपुर थाना क्षेत्र में काफी लंबे समय से नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले फर्जी गिरोह का देहरादून एसटीएफ पुलिस ने खुलासा किया है. ये गिरोह चंडीगढ़ के तीन लोग संचालित कर रहे थे. इनका मुख्य कार्य युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाकर उनसे पैसे ऐंठना और फिर उन युवाओं को अन्य युवाओं को फंसाने के लिए ट्रेनिंग देना था.

नौकरी का दे रहे लालच: दरअसल, पिछले दिनों एसटीएफ कार्यालय में कुछ युवक और युवतियों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोग फोन करके युवाओं को लालच देकर पहाड़ों से देहरादून बुला रहे हैं. देहरादून में अलग-अलग कार्यालयों में पहुंचने के बाद उनसे सिस्टम ट्रेनिंग करने के लिए कहा जा रहा है और इसके एवज में 38 हजार से 51 हजार रुपये की मांग की जा रही थी.
पढ़ें- ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 13 लाख की ठगी करने वाला अरेस्ट, नाबालिग का रेप कर हत्या करने वाला आरोपी भी पकड़ा गया

पैसे लेकर बना रहे दूसरों को लूटने का दवाब: उधर, पैसे मिलते ही कोई ट्रेनिंग न देकर उनसे बिजनेस की बात कहकर अन्य युवक-युवतियों को कंपनी ज्वाइन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. ये कहा जा रहा था कि वो प्रत्येक व्यक्ति तीन अन्य व्यक्तियों को कंपनी से जोड़ें, जिनसे 38 हजार से 51 हजार रुपये लिये जाएंगे. इस तरह प्रति व्यक्ति के हिसाब से 13 हजार रुपये उनको कमीशन के तौर पर मिलेंगे. इस प्रकार 3 व्यक्तियों को जोड़ने पर 39 हजार रुपये मिलेंगे. इसे एक अच्छा बिजनेस बताकर दूसरों युवाओं को ठगने के लिए कहा जा रहा था.

दो बिल्डिंग में चल रहा था धंधा: मामले की जांच की गई तो पीड़ित युवक-युवतियों के आरोपों की पुष्टि हुई और पाया गया कि थाना रायपुर क्षेत्र में डोभाल चौक के पास, और तुनवाला रोड की अलग-अलग दो बिल्डिंग में यूथ पावर विजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नाम से कार्यालय बनाए गए हैं. वहां पर कमल कंडारी, अकुंश, अपराजिता रमोला, रोहित काटियाल, अमीषा रावत, सुकेश शर्मा और विजय कुमार कार्यालय को संचालित कर रहे थे.

दोनों इमारतों में अलग-अलग लगभग 30-40 युवक-युवतियों को अन्य युवक-युवतियों को नौकरी के नाम पर कंपनी से जोड़कर उनसे धनराशि लेने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. जांच में ये पता चला कि कंपनी के 3 निदेशक मुनीष कुमार, मुकेश कुमार व कुश कुमार हैं, जिनका कार्यालय मनी माजरा चंडागढ़ में है और वो वहीं से इस कार्य को संचालित कर रहे हैं.
पढ़ें- पुलिस कर्मियों पर फायरिंग करने वाला कुख्यात बदमाश फुरकान बिहार से अरेस्ट, रची आत्महत्या की झूठी साजिश

एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ की टीम को मौके पर भेज कर कार्रवाई करते हुए थाना रायपुर में निदेशक मुनीश सहित 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है, जिसमें जांच जारी है.

जानकारी देते एसटीएफ SSP आयुष अग्रवाल.

देहरादून: रायपुर थाना क्षेत्र में काफी लंबे समय से नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले फर्जी गिरोह का देहरादून एसटीएफ पुलिस ने खुलासा किया है. ये गिरोह चंडीगढ़ के तीन लोग संचालित कर रहे थे. इनका मुख्य कार्य युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाकर उनसे पैसे ऐंठना और फिर उन युवाओं को अन्य युवाओं को फंसाने के लिए ट्रेनिंग देना था.

नौकरी का दे रहे लालच: दरअसल, पिछले दिनों एसटीएफ कार्यालय में कुछ युवक और युवतियों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नौकरी दिलाने के नाम पर कुछ लोग फोन करके युवाओं को लालच देकर पहाड़ों से देहरादून बुला रहे हैं. देहरादून में अलग-अलग कार्यालयों में पहुंचने के बाद उनसे सिस्टम ट्रेनिंग करने के लिए कहा जा रहा है और इसके एवज में 38 हजार से 51 हजार रुपये की मांग की जा रही थी.
पढ़ें- ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 13 लाख की ठगी करने वाला अरेस्ट, नाबालिग का रेप कर हत्या करने वाला आरोपी भी पकड़ा गया

पैसे लेकर बना रहे दूसरों को लूटने का दवाब: उधर, पैसे मिलते ही कोई ट्रेनिंग न देकर उनसे बिजनेस की बात कहकर अन्य युवक-युवतियों को कंपनी ज्वाइन कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा था. ये कहा जा रहा था कि वो प्रत्येक व्यक्ति तीन अन्य व्यक्तियों को कंपनी से जोड़ें, जिनसे 38 हजार से 51 हजार रुपये लिये जाएंगे. इस तरह प्रति व्यक्ति के हिसाब से 13 हजार रुपये उनको कमीशन के तौर पर मिलेंगे. इस प्रकार 3 व्यक्तियों को जोड़ने पर 39 हजार रुपये मिलेंगे. इसे एक अच्छा बिजनेस बताकर दूसरों युवाओं को ठगने के लिए कहा जा रहा था.

दो बिल्डिंग में चल रहा था धंधा: मामले की जांच की गई तो पीड़ित युवक-युवतियों के आरोपों की पुष्टि हुई और पाया गया कि थाना रायपुर क्षेत्र में डोभाल चौक के पास, और तुनवाला रोड की अलग-अलग दो बिल्डिंग में यूथ पावर विजन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नाम से कार्यालय बनाए गए हैं. वहां पर कमल कंडारी, अकुंश, अपराजिता रमोला, रोहित काटियाल, अमीषा रावत, सुकेश शर्मा और विजय कुमार कार्यालय को संचालित कर रहे थे.

दोनों इमारतों में अलग-अलग लगभग 30-40 युवक-युवतियों को अन्य युवक-युवतियों को नौकरी के नाम पर कंपनी से जोड़कर उनसे धनराशि लेने की ट्रेनिंग दी जा रही थी. जांच में ये पता चला कि कंपनी के 3 निदेशक मुनीष कुमार, मुकेश कुमार व कुश कुमार हैं, जिनका कार्यालय मनी माजरा चंडागढ़ में है और वो वहीं से इस कार्य को संचालित कर रहे हैं.
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एसटीएफ एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ की टीम को मौके पर भेज कर कार्रवाई करते हुए थाना रायपुर में निदेशक मुनीश सहित 10 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है, जिसमें जांच जारी है.

Last Updated : Jul 6, 2023, 8:16 PM IST
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