देहरादून: प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने नकली मावा फैक्ट्री के पकड़े जाने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक सहित 5 लोगों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है.
गौर हो कि बीते दिनों राजधानी देहरादून से सटे भुड्डी ग्रामीण इलाके में पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम के साथ मिलकर नकली दूध, पनीर, मावा और घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था. जानकारी के अनुसार, ऐसा पहली बार हुआ है कि नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थ के मामले में पुलिस ने इतना सख्त रुख अख्तियार किया हो. नकली खाद्य सामग्री बेचने वाले आरोपी पक्ष के वकील भी इस मामले में जमानत न होने को लेकर कश्मकश में हैं.
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अपराध व कानून व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ विभिन्न संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आजीवन उम्र कैद का प्रावधान है. डीजी अशोक कुमार के अनुसार, साल 1999 में इस तरह के नकली खाद्य सामग्री मामलों में कम सजा होने वाले कानून को उस वर्ष संशोधन कर आजीवन सजा में बदल दिया गया है. ऐसे में नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ पुलिस के पास अधिकार हैं.
इस मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल ने बताया कि वर्षों पहले संशोधन हुए कानून के बाद ये पहला मामला है कि जब इतनी सख्त धाराओं में आरोपियों को जेल भेजा गया है, जिसमें जमानत मिलना भी मुश्किल है. जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले लोगों पर इस तरह की कठोर कार्रवाई से ऐसे काम करने वालों पर लगाम लगेगी.