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IMPACT: नकली मावा फैक्ट्री मामले में आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज

बीते दिनों राजधानी देहरादून से सटे भुड्डी ग्रामीण इलाके में पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम के साथ मिलकर नकली दूध, पनीर, मावा और घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था. इसके बाद ईटीवी भारत की खबर ने प्रमुखता से चलाया था. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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Published : Sep 25, 2019, 7:20 PM IST

Updated : Sep 25, 2019, 7:27 PM IST

ईटीवी भारत की खबर का असर.

देहरादून: प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने नकली मावा फैक्ट्री के पकड़े जाने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक सहित 5 लोगों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर.

गौर हो कि बीते दिनों राजधानी देहरादून से सटे भुड्डी ग्रामीण इलाके में पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम के साथ मिलकर नकली दूध, पनीर, मावा और घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था. जानकारी के अनुसार, ऐसा पहली बार हुआ है कि नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थ के मामले में पुलिस ने इतना सख्त रुख अख्तियार किया हो. नकली खाद्य सामग्री बेचने वाले आरोपी पक्ष के वकील भी इस मामले में जमानत न होने को लेकर कश्मकश में हैं.

ये भी पढ़ें: क्रिकेट एकेडमी लूट में पुलिस को मिले अहम सुराग, जल्द खुलासे का दावा

अपराध व कानून व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ विभिन्न संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आजीवन उम्र कैद का प्रावधान है. डीजी अशोक कुमार के अनुसार, साल 1999 में इस तरह के नकली खाद्य सामग्री मामलों में कम सजा होने वाले कानून को उस वर्ष संशोधन कर आजीवन सजा में बदल दिया गया है. ऐसे में नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ पुलिस के पास अधिकार हैं.

इस मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल ने बताया कि वर्षों पहले संशोधन हुए कानून के बाद ये पहला मामला है कि जब इतनी सख्त धाराओं में आरोपियों को जेल भेजा गया है, जिसमें जमानत मिलना भी मुश्किल है. जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले लोगों पर इस तरह की कठोर कार्रवाई से ऐसे काम करने वालों पर लगाम लगेगी.

देहरादून: प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. ईटीवी भारत ने नकली मावा फैक्ट्री के पकड़े जाने की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संचालक सहित 5 लोगों के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया है.

ईटीवी भारत की खबर का असर.

गौर हो कि बीते दिनों राजधानी देहरादून से सटे भुड्डी ग्रामीण इलाके में पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम के साथ मिलकर नकली दूध, पनीर, मावा और घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से चलाया था. जानकारी के अनुसार, ऐसा पहली बार हुआ है कि नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थ के मामले में पुलिस ने इतना सख्त रुख अख्तियार किया हो. नकली खाद्य सामग्री बेचने वाले आरोपी पक्ष के वकील भी इस मामले में जमानत न होने को लेकर कश्मकश में हैं.

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अपराध व कानून व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ विभिन्न संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आजीवन उम्र कैद का प्रावधान है. डीजी अशोक कुमार के अनुसार, साल 1999 में इस तरह के नकली खाद्य सामग्री मामलों में कम सजा होने वाले कानून को उस वर्ष संशोधन कर आजीवन सजा में बदल दिया गया है. ऐसे में नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ पुलिस के पास अधिकार हैं.

इस मामले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल ने बताया कि वर्षों पहले संशोधन हुए कानून के बाद ये पहला मामला है कि जब इतनी सख्त धाराओं में आरोपियों को जेल भेजा गया है, जिसमें जमानत मिलना भी मुश्किल है. जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले लोगों पर इस तरह की कठोर कार्रवाई से ऐसे काम करने वालों पर लगाम लगेगी.

Intro:pls नोट- डेस्क महोदय यह Etv भारत की स्पेशल स्टोरी हैं।

summary- नकली दूध, पनीर व घी बेचने वालों के खिलाफ पिछले दिनों उत्तराखंड पुलिस ने देशभर में नजीर साबित करने वाली बड़ी कार्रवाई की, कार्यवाही ऐसी धाराओं में हुई कि,आरोपियों को जमानत के पड़े लाले।
ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट से प्रसारित की थी, नकली दूध मावा फैक्ट्री भंडाफोड़ वाली एक्सक्लूसिव स्टोरी


देहरादून-- नकली खाद्य पदार्थो व मिलावट खोर अपनी करतूतों से पूरे देश में बाज नहीं आ रहे हैं.. आए दिन आम जनता को नकली दूध,पनीर, और घी जैसी खाद्य सामग्री में मिलावट खोरी की खबरें शहर दर शहर से आती ही रहती हैं...ऐसे में बीते दिनों उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सटे भुड्डी ग्रामीण इलाके में विशेष रूप से पुलिस ने खाद्य विभाग टीम के सहयोग से एक नकली दूध,पनीर, मावा और घी बनाने की फैक्ट्री पर छापा मारकर अब तक सबसे कठोर कार्रवाई की...इस मामलें पर पुलिस ने फैक्ट्री संचालक सहित पांच आरोपियों के विरुद्ध ऐसी IPC (आजीवन कारावास )वाली ऐसी धाराएं लगाई की.. अब उन आरोपियों की ज़मानत ना होना सबसे बड़ी बात हैं. आम जनता को नकली खाद्य सामान बेचने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई ना केवल सुर्खियों में है...बल्कि उत्तराखंड पुलिस की यह कठोर कार्रवाई देशभर में मिलावट खोरों के खिलाफ सबसे बड़ी नजीर भी पेश कर रही है।

उत्तराखंड में पहली बार देशभर में नजीर पेश करने वाली पुलिस की कार्रवाई

बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि नकली व मिलावट के मामले में पुलिस ने इतनी सख्त धाराओं में आरोपी को जेल भिजवाया है। ऐसे में अब उसका जेल बाहर आना नामुमकिन सा लग रहा है। पुलिस के द्वारा बनाई गई कानूनी दीवार के आगे ना केवल आरोपी बेबस नजर आ रहे हैं.. नकली खाद्य सामग्री बेचने वाले आरोपी पक्ष के वकील भी इस जमानत ना होने को लेकर कशमकश में है कि इस भंवर से उनको कैसे निकला जाये। मिलावट खोरी कर आम जनता को जहर बेचने वालों के खिलाफ अगर इसी तरह की कार्रवाई होती रही तो,वह दिन दूर नहीं जब नकली खाद्य सामग्री बेचने वाला हर कोई भी इस गुनाह करने से पहले हजार बार सोचेगा।


Body:जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास वाली धाराएं लगाना जरूरी : DG, LO

उधर उत्तराखंड पुलिस द्वारा नकली दूध सामग्री बेचने वालों 5 लोगों के खिलाफ राज्य भर में पहली बार इतनी सख्त कार्रवाई के संबंध में जानकारी देते हुए ..अपराध व कानून व्यवस्था के महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि जनता के जीवन से खिलवाड़ करने वाले ...आरोपीयों के खिलाफ IPC की धारा 272,273,275,व 276 इस मामले में लगाई गई है जिसमें आजीवन उम्र कैद का प्रावधान है। डीजी अशोक कुमार के मुताबिक 1999 में इस तरह के नकली खाद्य सामग्री मामलों में कम सजा होने वाले कानून को उस वर्ष संशोधन कर आजीवन सजा में बदल गया हैं। ऐसे में नकली खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ पुलिस के पास अधिकार हैं। उसी के तहत यह नजीर पेश करने वाली कार्रवाई की गई है।

बाइट- अशोक कुमार अपराध कानून व्यवस्था उत्तराखंड

खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी माना कानून संशोधन होने के बाद-यह पहला सबसे सख्त कार्रवाई वाला मामला

उधर नकली दूध पनीर फैक्ट्री मामलें पर उत्तराखंड पुलिस द्वारा देशभर में उदाहरण पेश करने वाली इस कड़ी कार्रवाई के संबंध में देहरादून जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी गणेश कंडवाल ने भी माना कि वर्षों पहले संशोधन हुए कानून के बाद यह पहला है जब इतनी सख्त धाराओं में आरोपियों को जेल भेजा गया है जिससे उसकी जमानत नहीं हो सकी। इतना ही नहीं खाद्य सुरक्षा अधिकारी कंडवाल ने यह भी माना कि जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले लोगों पर इस तरह की कठोर कार्रवाई से पूर्णता लगाम लगायी जा सकती है।

बाइट- गणेश कंडवाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी देहरादून


Conclusion:ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट से प्रसारित की थी, नकली दूध मावा फैक्ट्री भंडाफोड़ वाली एक्सक्लूसिव स्टोरी

बता दे कि पिछले अगस्त माह में थाना पटेल नगर क्षेत्र के भुड्डी गांव में एक नकली दूध पनीर व घी की फैक्ट्री से भारी मात्रा में नकली सामान बरामद कर पुलिस ने भंडाफोड़ किया गया था.. इस छापेमारी वाली कार्रवाई को मौके से ईटीवी भारत ने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के तौर पर प्रसारित किया था।

पीटीसी PTC
परमजीत सिंह लाम्बा


नोट- इस स्टोरी से संबंधित कुछ विजुअल email से भी भेजे गए हैं छापेमारी वाले।
Last Updated : Sep 25, 2019, 7:27 PM IST
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