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'खाकी' VVIP मूवमेंट और आंदोलनों में रही व्यस्त, आंकड़े बयां कर रहे जिम्मेदारियां - उत्तराखंड पुलिस

साल 2019 में पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पुलिस इस साल धरना प्रदर्शन और आंदोलनों को नियंत्रित करने में व्यस्त रही.

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अलविदा 2019
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Published : Dec 31, 2019, 11:23 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 12:05 PM IST

देहरादून: प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी पुलिस के हाथों में होती है. वहीं, आंकड़ों के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड में 2019 में हुए प्रदर्शनों के कारण धरना प्रदेश बन गया. पुलिस पूरे साल धरना प्रदर्शन और VIP, VVIP मूवमेंट में व्यस्त दिखाई दी.

उत्तराखंड पुलिस ने एक आंकड़ा जारी किया है. इन अलग-अलग मामलों के आंकड़े सामने आकर सालभर की अपनी-अपनी कहानी बयां कर रहे हैं. हर साल की तरह इस बार भी उत्तराखंड राज्य सरकार से अनगिनत मांगों को लेकर कई प्रदर्शन, जुलूस और रैलियां निकाली गई.

व्यस्त रही पुलिस.

ज्यादातर सरकारी विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस चक्का जाम, आमरण अनशन जैसे कई मामलों को लेकर आंदोलित नजर आए. साल भर पुलिस इन धरनों के कारण सूबे की जनता की सुरक्षा को दूसरी प्राथमिकता देती नजर आई. जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन पुलिस 5 VVIP कार्यक्रम में व्यस्त रही.

ये भी पढ़ें: डोइवाला: धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने वाला 5 घंटे में गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत

एक नजर में आंकड़े (1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक) के 11 महीनों में कुल 7953 इस तरह के मामले सामने आए.

धरना 5456
प्रदर्शन 1561
जुलूस 536
चक्का जाम 47
आमरण अनशन 381
रेल रोको 1
तालाबंदी 109
चेतावनी 36
घेराव 49
बंद 48
मशाल जुलूस 20
कैंडल मार्च 50

वहीं, साल 2019 में पुलिस ने राज्य की जनता से ज्यादा VVIP और VIP भ्रमण कार्यक्रम में अपनी ड्यूटी निभाई. जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था दूसरे प्राथमिकता में रखकर लगभग प्रतिदिन वीआईपी, वीआईपी कार्यक्रमों और सुरक्षा में व्यस्त रही. अधिकारिक पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 के जनवरी से नवंबर माह तक वीवीआईपी और वीआईपी कार्यक्रम 1555 रहे. इसके हिसाब से प्रतिदिन औसतन पांच वीआईपी भ्रमण कार्यक्रम में पुलिस व्यस्त नजर आई.

देहरादून: प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था की मुख्य जिम्मेदारी पुलिस के हाथों में होती है. वहीं, आंकड़ों के हिसाब से देखें तो उत्तराखंड में 2019 में हुए प्रदर्शनों के कारण धरना प्रदेश बन गया. पुलिस पूरे साल धरना प्रदर्शन और VIP, VVIP मूवमेंट में व्यस्त दिखाई दी.

उत्तराखंड पुलिस ने एक आंकड़ा जारी किया है. इन अलग-अलग मामलों के आंकड़े सामने आकर सालभर की अपनी-अपनी कहानी बयां कर रहे हैं. हर साल की तरह इस बार भी उत्तराखंड राज्य सरकार से अनगिनत मांगों को लेकर कई प्रदर्शन, जुलूस और रैलियां निकाली गई.

व्यस्त रही पुलिस.

ज्यादातर सरकारी विभाग के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन, रैली, जुलूस चक्का जाम, आमरण अनशन जैसे कई मामलों को लेकर आंदोलित नजर आए. साल भर पुलिस इन धरनों के कारण सूबे की जनता की सुरक्षा को दूसरी प्राथमिकता देती नजर आई. जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन पुलिस 5 VVIP कार्यक्रम में व्यस्त रही.

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एक नजर में आंकड़े (1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक) के 11 महीनों में कुल 7953 इस तरह के मामले सामने आए.

धरना 5456
प्रदर्शन 1561
जुलूस 536
चक्का जाम 47
आमरण अनशन 381
रेल रोको 1
तालाबंदी 109
चेतावनी 36
घेराव 49
बंद 48
मशाल जुलूस 20
कैंडल मार्च 50

वहीं, साल 2019 में पुलिस ने राज्य की जनता से ज्यादा VVIP और VIP भ्रमण कार्यक्रम में अपनी ड्यूटी निभाई. जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था दूसरे प्राथमिकता में रखकर लगभग प्रतिदिन वीआईपी, वीआईपी कार्यक्रमों और सुरक्षा में व्यस्त रही. अधिकारिक पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 के जनवरी से नवंबर माह तक वीवीआईपी और वीआईपी कार्यक्रम 1555 रहे. इसके हिसाब से प्रतिदिन औसतन पांच वीआईपी भ्रमण कार्यक्रम में पुलिस व्यस्त नजर आई.

Intro:summary-वर्ष 2019 में एक बार फिर उत्तराखंड बना धरना- प्रदर्शन राज्य, पुलिस ने जारी किया आंकड़ा, साल भर जनता की सुरक्षा छोड़ वीवीआइपी ड्यूटी में रही राज्य की पुलिस साल 2019 अलविदा कहने को है,ऐसे में अलग-अलग मामलों के आंकड़े सामने आकर सालभर की अपनी-अपनी कहानी बयां करते हैं। हर वर्ष की तरह इस बार भी उत्तराखंड राज्य सरकार से अनगिनत मांगों को लेकर इतने प्रदर्शन, जुलूस व रैलियां निकाली गई. की उसको देखते हुए एक बार फिर उत्तराखंड धरना प्रदेश बन गया। जी हां पुलिस विभाग द्वारा 1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक जारी किए गए आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि साल भर ज्यादातर सरकारी विभाग अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन रैली जुलूस चक्का जाम आमरण अनशन तालाबंदी चेतावनी घेराव जैसे कई मामलों को लेकर आंदोलित नजर आए। इतना ही नहीं वर्षभर जनता की जान माल की सुरक्षा को दूसरी प्राथमिकता अधिकांश समय पुलिस ने साल 2019 में वीवीआइपी और वीआईपी यानी विशेष माननीयों के भ्रमण व सुरक्षा ड्यूटी में समय दिया। जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन पुलिस 5 वीवीआइपी कार्यक्रम में व्यस्त रहें।


Body:एक नजर 1 जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2019 तक धरना प्रदर्शन जैसे मामलों पर धरना 5456 प्रदर्शन 1561 जुलूस 536 चक्का जाम 47 आमरण अनशन 381 रेल रोको एक तालाबंदी 109 चेतावनी 36 घेराव 49 बंद 48 मशाल जुलूस 20 कैंडल मार्च उन 50 साल 2019 के 11 महीनों में कुल 7953 इस तरह के मामले सामने आए।


Conclusion:सन 2019 के 11 महीने 1555 विशेष माननीयों के कार्यक्रम में व्यस्त रही पुलिस वहीं साल 2019 में पुलिस ने राज्य की जनता से ज्यादा वीवीआईपी और वीआईपी भ्रमण कार्यक्रम में अपनी ड्यूटी निभाई। जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था दूसरे प्राथमिकता में रखकर लगभग प्रतिदिन औसतन पांचवी वीआईपी वीआईपी कार्यक्रमों व उनकी सुरक्षा में व्यस्त रही। जी हां अधिकारिक पुलिस आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 के जनवरी से नवंबर माह तक वीवीआइपी व वीआईपी भ्रमण का कार्यक्रम 1555 रहे। यानी प्रतिदिन औसतन पांच वीआईपी भ्रमण कार्यक्रम।
Last Updated : Dec 31, 2019, 12:05 PM IST
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