IPL मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवा रहे तीन सटोरी गिरफ्तार, अभी तक लगवा चुके 2 करोड़ से ज्यादा का सट्टा - देहरादून में तीन सटोरी पुलिस के हत्थे चढ़े
देहरादून में तीन सटोरी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. आरोपी आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवा रहे थे. जिन्हें पुलिस ने रंगे हाथ दबोचा. आरोपी अभी तक करीब 2 करोड़ रुपए का सट्टा लगवा चुके थे. अब पुलिस ने तीनों आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया है.
देहरादूनः थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस और एसओजी की टीम ने आईपीएल मैच में ऑनलाइन सट्टा लगवाने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को पुलिस ने सरस्वती विहार डी ब्लॉक स्थित एक घर से दबोचा है. आरोपियों के कब्जे से कई एटीएम कार्ड, 24 हजार रुपए, चेक बुक और सट्टा लगाने में इस्तेमाल अन्य सामग्री बरामद हुआ है. पुलिस की मानें तो आरोपी एक मैच में करीब 6 से 7 लाख रुपए का सट्टा लगवाते थे. अभी तो वो करीब डेढ़ से 2 करोड़ रुपए का सट्टा लगा चुके थे.
दरअसल, थाना नेहरू कॉलोनी को सूचना मिली थी कि सरस्वती विहार डी ब्लॉक स्थित एक घर में कुछ लोग आईपीएल मैच में सट्टेबाजी का काम कर रहे हैं. जिस पर थाना नेहरू कॉलोनी और एसओजी की टीम ने मकान पर दबिश दी. दबिश के दौरान मकान में 3 लोग मिले. जो मोबाइल पर मैच देखकर अलग-अलग फोन के जरिए अन्य लोगों से संपर्क कर सट्टेबाजी का काम कर रहे थे. साथ ही इसका लेखा जोखा रजिस्टर में भी लिख रहे थे. इसके बाद पुलिस ने तत्काल तीनों आरोपी योगेश, नितिन और बबलू को गिरफ्तार कर लिया.
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आरोपी मुजफ्फरनगर, मेरठ, देहरादून और अन्य स्थानों से सट्टेबाजी में लोगों से पैसा लगवाते थे. पुलिस से बचने के लिए किसी एक स्थान पर ज्यादा दिन नहीं ठहरते थे. देहरादून में भी कुछ दिन पहले ही आए थे, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ गए. मामले में देहरादून एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि आरोपी 2000 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से ऑनलाइन बेटिंग साइट से लाइन लेते थे. जिस पर मैच और सट्टे का रेट चलता रहता था. उसके बाद लोगों से फोन के माध्यम से संपर्क कर उनसे सट्टा लगवाते थे.
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सट्टा लगवाने के लिए आरोपी फोन का ही इस्तेमाल करते थे. सट्टे में उनको यह सुनिश्चित करना होता था है कि 6, 10, 15 और 20 ओवरों के कितने रन बनेंगे? यदि अंदाजा सही निकलता था तो उसके दुगने पैसे वापस मिलते थे. इसके अलावा मैच में हार जीत की भी बैटिंग की जाती थी. सट्टा लगाने वाले आरोपी लोगों का लेखा जोखा रजिस्टर और डायरी में रखते थे. यूपीआई के जरिए ही लोगों से पैसा लेते थे और जीतने पर यूपीआई के माध्यम से ही उन्हें पैसा वापस भी करते थे.