देहरादून: देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने मई माह में शुरू होने जा रही सीबीएसई की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत 10वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है. वहीं, 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है. आगामी 1 जून को 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. जिसके आधार पर ही सरकार आगे कोई निर्णय लेगी.
केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर अभिभावकों और विशेषज्ञों की अपनी अपनी राय है. नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट राइट्स के अध्यक्ष आरिफ खान ने सरकार के इस निर्णय की सराहन की है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के जो हालात वर्तमान में नजर आ रहे हैं. उसे देखते हुए सरकार का यह निर्णय निश्चित तौर पर सराहनीय और अभिभावकों को राहत देने वाला है. वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस निर्णय से उन छात्र-छात्राओं को एक बड़ा झटका जरूर लगा है, जो पिछले लंबे समय से कोरोनाकाल में किसी तरह बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुटे हुए थे.
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वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह की माने तो कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार का यह निर्णय पूरी तरह से सही है, लेकिन फैसला लेने से पहले सरकार को इस ओर भी जरूर विचार करना चाहिए था कि उनके निर्णय का बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में जुटे छात्र- छात्राओं की मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ेगा?
डॉ. सुशील कुमार सिंह के मुताबिक कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट हर विद्यार्थी का एक सपना होता है. वहीं 12वीं बोर्ड परीक्षा एक छात्र के लिए उसके करियर की छलांग होती है. ऐसे में सरकार का यह निर्णय वर्तमान स्थिति को देखते हुए सही जरूर लग रहा है, लेकिन निकट भविष्य में छात्र छात्राओं को इसका क्या परिणाम भुगतना होगा, यह कह पाना फिलहाल मुश्किल है.
बता दे कि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की ओर से यह साफ किया गया है कि कक्षा 10वीं के छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में भेजा जाएगा, अगर कोई छात्र मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं होता तो वह हालात सामान्य होने पर परीक्षा दे सकता है.