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देहरादूनः ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने मनाया अपना 220वां स्थापना दिवस - भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उपकरण

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने अपना 220वां स्थापना दिवस मनाया. इस दौरान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने आम जनता के लिए अपने उपकरणों की प्रदर्शनी भी की.

Ordnance Factory Dehradun
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून
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Published : Mar 18, 2021, 2:14 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 2:35 PM IST

देहरादून: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने अपना 220वां स्थापना दिवस मनाया गया. स्थापन दिवस कार्यक्रम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की इकाई ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से तैयार किए गए विभिन्न स्वदेशी उपकरणों की जानकारियां भी साझा की गई. इसके साथ ही आम जनता इन उपकरणों को बेहतर तरह से समझ सके इसके लिए विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है.

220 सालों के लंबे सफर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की ओर से निरंतर भारतीय सेना को बेहतरीन उपकरण मुहैया कराए गए. इसके साथ ही बीते कुछ सालों से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से लगातार भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उपकरण तैयार किए जा रहे हैं. जिसमें विभिन्न डे और नाइट विजन उपकरण शामिल हैं.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने मनाया अपना 220वां स्थापना दिवस

जानकारी के मुताबिक अब तक रक्षा मंत्रालय को भारतीय सेना के लिए विभिन्न तरह के दृष्टि यंत्र रूस, इजरायल और फ्रांस जैसे देशों से करोड़ों रुपए की लागत से खरीदने पड़ते थे. लेकिन अब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से इन उपकरणों का निर्माण शुरू कर दिया गया है. यह उपकरण न सिर्फ पूरी तरह से स्वदेशी हैं, बल्कि इन उपकरणों की मारक क्षमता और सटीकता अब तक विदेशों से आयात किए जाने वाले उपकरण से काफी बेहतर हैं.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत ने लंढौरा में निकाली भैंसा-बुग्गी यात्रा, सरकार पर बोला हमला

गौरतलब है कि ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से भारतीय सेना के टैंक टी-72, टैंक टी-90 और बीएमपी-ll के गनर, कमांडर और ड्राइवर के लिए स्वदेशी साइड का निर्माण किया गया है. इसके अलावा थर्मल इमेजर ड्राइवर साइड और थर्मल इमेजेस कमांडर साइट भी तैयार कर ली गई है. जिससे अब भारतीय सेना रात के अंधेरे में भी दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकेगी.

मीडिया से मुखातिब होते हुए ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री के महाप्रबंधक एसके यादव ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री लगातार भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उपकरण तैयार कर रहा है. यह उपकरण न सिर्फ पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस है. बल्कि विदेशों से खरीदे जाने वाले उपकरणों की तुलना में कीमत भी काफी कम है.

वहीं बात ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की करें तो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की ओर से भी असाल्ट राइफल के लिए डे-नाइट टेलिस्कोप, टी-टैंक्स की गन के लिए मजल बोर तैयार किया गया है. जिससे युद्ध की स्थिति में आने वाले समय में सेना के जवानों के लिए दुश्मन पर सटीक निशाना लगाना और भी आसान हो चुका है. मीडिया से मुखातिब होते हुए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून के महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री लगातार भारतीय सेना के लिए नए स्वदेशी दृष्टि यंत्र तैयार कर रहा है. जो हर मायनों में विदेशों से खरीदे जाने वाले जिसकी यंत्रों की तुलना में बेहतर आर के फायदे हैं.

देहरादून: ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने अपना 220वां स्थापना दिवस मनाया गया. स्थापन दिवस कार्यक्रम में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की इकाई ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से तैयार किए गए विभिन्न स्वदेशी उपकरणों की जानकारियां भी साझा की गई. इसके साथ ही आम जनता इन उपकरणों को बेहतर तरह से समझ सके इसके लिए विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है.

220 सालों के लंबे सफर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की ओर से निरंतर भारतीय सेना को बेहतरीन उपकरण मुहैया कराए गए. इसके साथ ही बीते कुछ सालों से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से लगातार भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उपकरण तैयार किए जा रहे हैं. जिसमें विभिन्न डे और नाइट विजन उपकरण शामिल हैं.

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून ने मनाया अपना 220वां स्थापना दिवस

जानकारी के मुताबिक अब तक रक्षा मंत्रालय को भारतीय सेना के लिए विभिन्न तरह के दृष्टि यंत्र रूस, इजरायल और फ्रांस जैसे देशों से करोड़ों रुपए की लागत से खरीदने पड़ते थे. लेकिन अब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से इन उपकरणों का निर्माण शुरू कर दिया गया है. यह उपकरण न सिर्फ पूरी तरह से स्वदेशी हैं, बल्कि इन उपकरणों की मारक क्षमता और सटीकता अब तक विदेशों से आयात किए जाने वाले उपकरण से काफी बेहतर हैं.

ये भी पढ़ेंः हरीश रावत ने लंढौरा में निकाली भैंसा-बुग्गी यात्रा, सरकार पर बोला हमला

गौरतलब है कि ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री की ओर से भारतीय सेना के टैंक टी-72, टैंक टी-90 और बीएमपी-ll के गनर, कमांडर और ड्राइवर के लिए स्वदेशी साइड का निर्माण किया गया है. इसके अलावा थर्मल इमेजर ड्राइवर साइड और थर्मल इमेजेस कमांडर साइट भी तैयार कर ली गई है. जिससे अब भारतीय सेना रात के अंधेरे में भी दुश्मन पर सटीक निशाना लगा सकेगी.

मीडिया से मुखातिब होते हुए ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री के महाप्रबंधक एसके यादव ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून और ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री लगातार भारतीय सेना के लिए स्वदेशी उपकरण तैयार कर रहा है. यह उपकरण न सिर्फ पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस है. बल्कि विदेशों से खरीदे जाने वाले उपकरणों की तुलना में कीमत भी काफी कम है.

वहीं बात ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की करें तो ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून की ओर से भी असाल्ट राइफल के लिए डे-नाइट टेलिस्कोप, टी-टैंक्स की गन के लिए मजल बोर तैयार किया गया है. जिससे युद्ध की स्थिति में आने वाले समय में सेना के जवानों के लिए दुश्मन पर सटीक निशाना लगाना और भी आसान हो चुका है. मीडिया से मुखातिब होते हुए ऑर्डिनेंस फैक्ट्री देहरादून के महाप्रबंधक पीके दीक्षित ने बताया कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री लगातार भारतीय सेना के लिए नए स्वदेशी दृष्टि यंत्र तैयार कर रहा है. जो हर मायनों में विदेशों से खरीदे जाने वाले जिसकी यंत्रों की तुलना में बेहतर आर के फायदे हैं.

Last Updated : Mar 18, 2021, 2:35 PM IST
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