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IMA के बैंड की धुनें छोड़ती हैं अपनी गहरी छाप, हर दिल में जगा उठता है देशभक्ति का जज्बा - uttarakhand

IMA के कैडेट्स बैंड की धुन पर कदमताल कर बनते हैं सेना के अधिकारी. दिलों में देश सेवा का भाव जगाता है बैंड.

देश सेवा का जज्बा जागाती IMA के बैंड की धुन.
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Published : Jun 8, 2019, 7:19 PM IST

देहरादून: सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा... कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा.. जैसे कई देशभक्ति गीतों की धुनों में आज कदमताल करते हुए जेंटलमैन कैडेट्स सेनाओं में अफसर बन गए हैं. भारतीय सैन्य अकादमी के गौरवमयी 87 सालों में हुए हर पासिंग आउट परेड में इन म्यूजिकल बैंड की धुनों की काफी अहम भूमिका होती है.

IMA के बैंड की धुनें हर दिल में छोड़ती हैं गहरी छाप.

चेटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल करते हुए अंतिम पग पार कर सेना में अफसर बने 459 जेंटलमैन कैडेट्स के दिलों में ये देश भक्ति धुन काफी गहरी छाप छोड़ते हैं. POP के दौरान रोम-रोम में देश सेवा का जज्बा भरने वाले ये धुन ही हैं जो पासआउट कैडेट्स के जहन में ताउम्र रहती हैं. यहीं धुने इन नौजवान अफसरों को देश के लिए जान न्योछावर करने की प्ररेणा भी देती हैं. पासिंग आउट परेड के साक्षी बनने पहुंचे लोगों के जहन में भी ये संगीतमय बैंड देश सेवा का भाव भर देते हैं. परेड के दौरान इन धुनों को सुनने वाले हर किसी का रोम-रोम प्रफुल्लित हो उठता है.

पढ़ें- पिथौरागढ़: 'प्रकाश' के अंतिम दर्शन करने दिल्ली से पहुंचे दिग्गज, रामेश्वर घाट पर होगी अंतेष्टि

POP सेरेमनी के दौरान बजने वाले ये बैंड दरअसल नये पास आउट अधिकारियों को शुभकामनाएं देने के लिए बजाये जाते हैं. साथ ही पास आउट होने वाले कैडेट्स की पीपिंग सेरेमनी (परिजनों द्वारा कंधों पर स्टार लगाने वाला कार्यक्रम) में अधिकारी बनने वाले नए अफसरों को देश भक्ति से लवरेज धुन बजाकर विदा किया जाता. यह पिछले 87 सालों से आईएमए पासिंग आउट परेड के दौरान चली आ रही है.

बैंड के बिना परेड अधूरी: बैंड मास्टर
आईएमए पासिंग आउट परेड में इस्तेमाल होने वाले सेना के बैंड टीम में 30 सदस्य होते हैं. अलग-अलग धुनों को बजाकर इनकी टीम देशभक्ति का जज्बा हर किसी में जगाते हैं. ईटीवी भारत को आईएमए पासिंग आउट परेड के ऐतिहासिक बैंड के मास्टर श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि बैंड हर सेना का प्रमुख हिस्सा होता है. इसी वजह से आईएमए की पासिंग आउट परेड भी इस बैंड के बिना अधूरी है.

पढ़ें- IMA POP: देश की आन, बान और शान की 'शान' बढ़ाएंगे 382 युवा जांबाज

उन्होंने बताया कि जेंटलमैन कैडेट्स देश सेवा भक्ति की धुन में देश सेवा से सराबोर होकर अपने बेमिसाल प्रदर्शन को पेश करते हैं. अधिकारी का तमगा कंधों पर लगाने वाले पीपिंग सेरेमनी में भी यही संगीतमय बैंड सेना के शौर्य और पराक्रम की याद दिलाता है. देश भक्ति के धुनों से नए अधिकारियों को भविष्य की शुभकामनाएं दी जाती हैं.

देहरादून: सारे जहां से अच्छा, हिंदुस्तां हमारा... कदम-कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा.. जैसे कई देशभक्ति गीतों की धुनों में आज कदमताल करते हुए जेंटलमैन कैडेट्स सेनाओं में अफसर बन गए हैं. भारतीय सैन्य अकादमी के गौरवमयी 87 सालों में हुए हर पासिंग आउट परेड में इन म्यूजिकल बैंड की धुनों की काफी अहम भूमिका होती है.

IMA के बैंड की धुनें हर दिल में छोड़ती हैं गहरी छाप.

चेटवुड बिल्डिंग के सामने ड्रिल स्क्वायर पर कदमताल करते हुए अंतिम पग पार कर सेना में अफसर बने 459 जेंटलमैन कैडेट्स के दिलों में ये देश भक्ति धुन काफी गहरी छाप छोड़ते हैं. POP के दौरान रोम-रोम में देश सेवा का जज्बा भरने वाले ये धुन ही हैं जो पासआउट कैडेट्स के जहन में ताउम्र रहती हैं. यहीं धुने इन नौजवान अफसरों को देश के लिए जान न्योछावर करने की प्ररेणा भी देती हैं. पासिंग आउट परेड के साक्षी बनने पहुंचे लोगों के जहन में भी ये संगीतमय बैंड देश सेवा का भाव भर देते हैं. परेड के दौरान इन धुनों को सुनने वाले हर किसी का रोम-रोम प्रफुल्लित हो उठता है.

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POP सेरेमनी के दौरान बजने वाले ये बैंड दरअसल नये पास आउट अधिकारियों को शुभकामनाएं देने के लिए बजाये जाते हैं. साथ ही पास आउट होने वाले कैडेट्स की पीपिंग सेरेमनी (परिजनों द्वारा कंधों पर स्टार लगाने वाला कार्यक्रम) में अधिकारी बनने वाले नए अफसरों को देश भक्ति से लवरेज धुन बजाकर विदा किया जाता. यह पिछले 87 सालों से आईएमए पासिंग आउट परेड के दौरान चली आ रही है.

बैंड के बिना परेड अधूरी: बैंड मास्टर
आईएमए पासिंग आउट परेड में इस्तेमाल होने वाले सेना के बैंड टीम में 30 सदस्य होते हैं. अलग-अलग धुनों को बजाकर इनकी टीम देशभक्ति का जज्बा हर किसी में जगाते हैं. ईटीवी भारत को आईएमए पासिंग आउट परेड के ऐतिहासिक बैंड के मास्टर श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि बैंड हर सेना का प्रमुख हिस्सा होता है. इसी वजह से आईएमए की पासिंग आउट परेड भी इस बैंड के बिना अधूरी है.

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उन्होंने बताया कि जेंटलमैन कैडेट्स देश सेवा भक्ति की धुन में देश सेवा से सराबोर होकर अपने बेमिसाल प्रदर्शन को पेश करते हैं. अधिकारी का तमगा कंधों पर लगाने वाले पीपिंग सेरेमनी में भी यही संगीतमय बैंड सेना के शौर्य और पराक्रम की याद दिलाता है. देश भक्ति के धुनों से नए अधिकारियों को भविष्य की शुभकामनाएं दी जाती हैं.

Intro:pls नोट-डेस्क -इस स्पेशल स्टोरी के विजुअल और one to one लाइव व्यू से भेजा गया है. नोट-यह फीड लाइव व्यू से आईएमए परेड फोल्डर 3 में है।

देहरादून- भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 87 साल के गौरवमई इतिहास में हर पासिंग आउट परेड पर अपनी मुख्य भूमिका निभाने वाला यहां का म्यूजिकल बैंड है। इसी संगीतमय बैंड की धुनों पर ही जेंटलमैन कैडेट्स कदमताल कर ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने अपने कड़े परीक्षण का मुजायरा कर पासिंग आउट परेड को संपन्न कर अपना अंतिम पग बतौर सैन्य अधिकारी बन चेटवुड भवन में रखते हैं।


आईएमए पासिंग आउट परेड में मुख्य भूमिका निभाने वाला यह संगीतमय बैंड जब परेड के दौरान "सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा कदम" कदम कदम बढ़ाए जा, खुशी के गीत गाए जा,यह जिंदगी है कोम की,तू कोम पर लुटाए जा"जैसे धुन पास आउट होने वाले कैंडिस के दिलो-दिमाग पर ऐसी जोश-जुनून जज्बे भरे शब्दों की छाप छोड़ते हैं जो उन्हें देश सेवा के लिए ताउम्र याद रहती हैं। इतना ही नहीं परेड के पूरे कार्यक्रम के दौरान यह सैन्य संगीतमय बैंड पासिंग आउट परेड के साक्षी बनने वाले सभी लोगों के जहन में देश सेवा के भाव मे उतर जाता हैं।


Body:पिपिंग सेरोमनी के दौरान बैंड नए पास आउट अधिकारियों को शुभकामनाएं देने के लिए बजाया जाता हैं।

एक सैनिक दिल दिमाग़ में देशभक्ति को लेकर जोश और जुनून भर देने वाला यह संगीतमय बैंड चेटवुड बिल्डिंग से पासिंग आउट परेड संपन्न कराने के बाद सोमनाथ स्टेडियम में पहुंचता है जहां पास आउट होने वाले केडेट्स की पीपिंग सेरेमनी (परिजनों द्वारा कंधों पर स्टार लगाने वाला कार्यक्रम) कार्यक्रम में अधिकारी बनने वाले नए ऑफिसरों भविष्य की शुभकामनाएं फिर एक बार देश भक्ति से लवरेज संगीत को बजाकर उन्हें विदा करता हैं। यह पिछले 87 सालों से आईएमए पासिंग आउट परेड के दौरान चली आ रही है..





Conclusion:बैंड के बिना परेड अधूरी:बैंड मास्टर

आईएमए पासिंग आउट परेड अहम हिस्सा रहने वाले इस सेना के पारंपरिक संगीतमय बैंड टीम में 30 सदस्य होते हैं जो अलग-अलग धुनों को प्रवाहित कर देशभक्ति में मंत्र मुक्त कर देते हैं। ईटीवी भारत ने आईएमए पासिंग आउट परेड के हिस्सा होने वाले इस ऐतिहासिक बैंड के मास्टर जो मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं उनसे संगीतमय बैंड की विशेषता के बारे में जानकारी ली। जिसमें उन्होंने बताया कि बैंड हर सेना का प्रमुख हिस्सा होता है वैसे ही आईएमए की पासिंग आउट परेड भी इस बैंड के बिना अधूरी है, जेंटलमैन केडेट्स इसी की धुन में देश सेवा से सराबोर होकर अपने बेमिसाल प्रदर्शन को पेश करते हैं।
वही अंत में अधिकारी का तमगा कंधों पर लगाने वाले पीपिंग सेरेमनी में यही संगीतमय बैंड सेना के शौर्य और पराक्रम की याद दिलाता हुआ देश भक्ति के धुनों से नए अधिकारियों को भविष्य की शुभकामनाएं देता हैं।

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