देहरादून: साल 2020 में दुष्कर्म के मामले में देहरादून के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गवाहों और सबूतों के आधार पर अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 35 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि में से 30 हजार रुपए पीड़िता को क्षतिपूर्ति तौर के तौर पर दिए जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक 11 फरवरी 2020 को देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना में रेप पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी. पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि साल 2019 में उसकी जान पहचान चकशाहनगर निवासी असवार से हुई थी. असवार ने किसी काम के बहाने पीड़िता को अपने कमरे में बुलाया और पीड़िता जान पहचान होने के कारण कमरे में चली गई थी.
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इसी दौरान आरोपी असवार ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया और इस घटना के बारे में किसी को न बताने पर जान से मारने की धमकी दी. पीड़िता की तहरीर के आधार पर असवार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया. पुलिस ने प्राथमिक जांच में दसाक्ष्य व सबूत एकत्र कर इस केस में दोनों के कपड़ों से डीएनए लेकर एफएसएल जांच के लिए भेजा गया.
एफएसएल लैब से डीएनए की रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद पुलिस पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की. देहरादून फास्ट ट्रैक कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि कोर्ट में ट्रायल शुरू होने के बाद पिछले 2 साल के दौरान तमाम साक्ष्य और सबूत सहित साइंटिफिक एविडेंस के अलावा 6 गवाह कोर्ट में पेश किए गए. ऐसे में देहरादून फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सभी सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा और 35 हजार रुपए का जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया.