देहरादून: पत्नी के साथ दुष्कर्म के आरोप में फंसे व्यक्ति को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट दोषमुक्त करार दिया है. कोर्ट का ट्रायल करीब एक साल तक चला था. वहीं अपने ही पति पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के बयानों से मुकरने पर कोर्ट पत्नी के मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. देहरादून फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट अश्वनी गौड़ की अदालत ने शुक्रवार को इस केस पर फैसला सुनाया.
जानकारी के अनुसार, महिला ने 21 नवंबर 2021 को महिला ने एसएसपी देहरादून को शिकायती पत्र दिया था, जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था. वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता आशुतोष गुलाटी के अनुसार महिला का आरोप था कि वह विकासनगर में नौकरी करती है. 12 नवंबर 2021 को वह अपने कमरे में अकेली थी, इसी दौरान रात के लगभग 8 बजे किसी ने कमरें का दरवाजा खटखटाया. ऐसे में दरवाजा खोलने पर एक व्यक्ति जिसे वह पहले से जानती थी, वह जबरदस्ती कमरे में घुस गया. महिला को उस व्यक्ति ने फोन पर अश्लील फोटो दिखाई. इसके बाद जब महिला ने उसे जाने के लिए कहा तो आरोपित व्यक्ति ने उसके कपड़े उतारते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया.
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महिला के अनुसार आरोपित से 16 नवंबर तक उसके कमरे में रुका और लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा. ऐसे में इस मामले में शिकायत कर 21 नवंबर को महिला ने पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
पति के साथ झगड़े के चलते दुष्कर्म का आरोप: इधर इस मामले में जब महिला के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हुए तो वह अपने बयानों से मुकर गई. महिला ने कहा कि आरोपित व्यक्ति तो उसका ही पति है. वह सहारनपुर की रहने वाली है. दोनों की एक मंदिर में शादी हुई थी. इतना ही नहीं महिला ने यह कहा कि आरोपित की पहले ही एक शादी हो रखी है. वह आरोपित पर अलग रहने का दबाव बना रही थी, जिसके कारण दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था.
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2021 में वह सहारनपुर से विकासनगर आ गई और यहां नौकरी करने लगी. 12 नवंबर को आरोपित उसके कमरे में आया और सहारनपुर ले जाने की जिद करने लगा तो दोनों के बीच फिर खूब कहासुनी के बाद झगड़ा हुआ. जिसके बाद यह दुष्कर्म की कहानी बनी. महिला कोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष कहा कि उसके पति ने उसके साथ कोई गलत काम नहीं किया.