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लोन के नाम पर बैंक को लगाया करोड़ों रुपए का चूना, CBI ने दर्ज किया मुकदमा

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से फर्जीवाड़े से लोन लेने और लोन नहीं चुकाने पर सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने दो कंपनी समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

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Published : Mar 22, 2021, 3:41 PM IST

देहरादून: बैंक से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए का लोन लेने के आरोप में दो कंपनी सहित अन्य लोगों के खिलाफ देहरादून सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान कंपनियों ने लोन लेने के लिए जो संपत्ति बंधक रखी थी, उनका मूल्य दर्शाई गई कीमत से बहुत कम निकली.

जानकारी के मुताबिक यूनियन बैंक की विजिलेंस टीम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी संचालकों ने एक फर्म से फर्जीवाड़े से अपनी संपत्तियों का काफी ज्यादा कीमत का आकलन करवाया था. कंपनी द्वारा लोन नहीं चुकाने पर जब बैंक की ओर से संपत्ति की कीमत का आकलन किया गया तो कंपनियों ने जो संपत्ति बंधक रखी थी, उसकी कीमत दर्शाई गई कीमत से बहुत कम निकली. साथ ही आरोपियों ने बैंक में फर्जी दस्तावेज से लाभ हानि दिखाने में भी फर्जीवाड़ा किया है. आरोपियों द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंट के फर्जी मुहर लगाने के साथ ही हस्ताक्षर भी किए गए थे. बैंक को जब फर्जीवाड़े का पता लगा तब तक आरोपियों ने बैंक से 16 करोड़ 32 लाख रुपए का लोन ले चुके थे.

पढ़ें- 3.29 लाख की साइबर ठगी में तीन आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार

सीबीआई दून एसपी पीके पाणिग्रही ने बताया कि आरआर पाइप्स निवासी दिल्ली, आरकेडी पाइप्स कंपनी के प्रोपराइटर निवासी दिल्ली, आरकेडी पाइप्स के निदेशक शरद गुप्ता निवासी गाजियाबाद, पीकेडी पाइप्स की डायरेक्टर रितु अग्रवाल निवासी साहिबाबाद, आरआर पाइप्स के गारंटर ओम श्री इंफ्रा प्रोडक्ट्स निवासी दिल्ली, आर्किटेक्ट आरएम एंड एसोसिएट्स निवासी सहारनपुर और अज्ञात बैंक कर्मचारी सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

देहरादून: बैंक से धोखाधड़ी कर करोड़ों रुपए का लोन लेने के आरोप में दो कंपनी सहित अन्य लोगों के खिलाफ देहरादून सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान कंपनियों ने लोन लेने के लिए जो संपत्ति बंधक रखी थी, उनका मूल्य दर्शाई गई कीमत से बहुत कम निकली.

जानकारी के मुताबिक यूनियन बैंक की विजिलेंस टीम ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी संचालकों ने एक फर्म से फर्जीवाड़े से अपनी संपत्तियों का काफी ज्यादा कीमत का आकलन करवाया था. कंपनी द्वारा लोन नहीं चुकाने पर जब बैंक की ओर से संपत्ति की कीमत का आकलन किया गया तो कंपनियों ने जो संपत्ति बंधक रखी थी, उसकी कीमत दर्शाई गई कीमत से बहुत कम निकली. साथ ही आरोपियों ने बैंक में फर्जी दस्तावेज से लाभ हानि दिखाने में भी फर्जीवाड़ा किया है. आरोपियों द्वारा चार्टर्ड अकाउंटेंट के फर्जी मुहर लगाने के साथ ही हस्ताक्षर भी किए गए थे. बैंक को जब फर्जीवाड़े का पता लगा तब तक आरोपियों ने बैंक से 16 करोड़ 32 लाख रुपए का लोन ले चुके थे.

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सीबीआई दून एसपी पीके पाणिग्रही ने बताया कि आरआर पाइप्स निवासी दिल्ली, आरकेडी पाइप्स कंपनी के प्रोपराइटर निवासी दिल्ली, आरकेडी पाइप्स के निदेशक शरद गुप्ता निवासी गाजियाबाद, पीकेडी पाइप्स की डायरेक्टर रितु अग्रवाल निवासी साहिबाबाद, आरआर पाइप्स के गारंटर ओम श्री इंफ्रा प्रोडक्ट्स निवासी दिल्ली, आर्किटेक्ट आरएम एंड एसोसिएट्स निवासी सहारनपुर और अज्ञात बैंक कर्मचारी सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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