देहरादून: उत्तराखंड में अंतिम व्यक्ति तक ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने के लिए चलाई गई दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अपने अंतिम चरण में है. इस योजना को लेकर आज दीपक रावत प्रबंध निदेशक यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड) ने समीक्षा बैठक की. जिसमें एक तरफ बेहतर काम करने वाले जिलों को सराहा गया. वहीं, दूसरी ओर कुछ जिलों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए.
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की शुरुआत की थी. जो उत्तराखंड में अब अंतिम चरण में है. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मुफ्त कनेक्शन सहित सभी घरों तक बिजली पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं. इसके तहत राज्य में करीब सभी घरों तक बिजली पहुंचाने का काम कर लिया गया है.
ये भी पढ़ें: ITBP POP: असिस्टेंट कमांडेंट बेटे ने DIG पिता को ठोका सैल्यूट, गर्व से फूली छाती
हालांकि, फॉरेस्ट क्लीयरेंस और कुछ दूसरी वजह से कुछ इलाकों में बिजली पहुंचाने का काम रह गया है, जिसे ऊर्जा निगम जल्द पूरा करने का दावा कर रहा है. बता दें कि इस योजना के तहत करीब 94 गांव के 20 हजार से ज्यादा की आबादी को बिजली देने की चुनौती थी, जिसे ऊर्जा निगम ने काफी हद तक पूरा कर लिया है.
शनिवार को जिला स्तर पर की गई समीक्षा के दौरान पाया गया कि नैनीताल और अल्मोड़ा जिले में योजना के तहत बेहतर काम किया गया है. जबकि बागेश्वर और पौड़ी जिले को योजना में विभिन्न कमियों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.