देहरादून: साल 2021 में साइबर क्राइम के मामलों में बढ़ोतरी हुई. पिछले सालों की तुलना में उत्तराखंड में इस साल साइबर क्राइम के 100% अधिक मुकदमे दर्ज हुए. चीन से चलने वाले सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश भी साल 2021 में हुआ. जानिए साइबर क्राइम की चुनौतियों के लिहाज से साल 2021 कैसा रहा.
देशभर में अन्य अपराधों की तुलना तेजी से उभरता साइबर फाइनेंशियल क्राइम आज पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती का विषय बना हुआ है. विगत 3 वर्षों की तुलना वर्ष 2021 में उत्तराखंड राज्य में आर्थिक अपराध से जुड़े साइबर धोखाधड़ी के मामले 200 फीसदी से अधिक संख्या में दर्ज किए गए. साल दर साल साइबर क्राइम से लेकर तमाम तरह के ऑनलाइन अपराध तेजी से पांव पसारता जा रहे हैं.
विगत वर्षों की तुलना 2021 में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन कार्य करने वाली साइबर क्राइम पुलिस ने चाइना से संचालित होने वाले अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल पावर बैंक साइबर क्राइम का पर्दाफाश कर देश के अलग-अलग राज्यों से जुड़े 13 साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.
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500 करोड़ से अधिक के इस पावर बैंक फाइनेंशियल फ्रॉड साइबर मामले में उत्तराखंड एसटीएफ देश की पहली पुलिस बनी जिसने इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया. उसी के तहत देश के कई राज्यों के पुलिस भी इस गिरोह की कार्रवाई में जुटी. इतना ही नहीं देश में करोड़ों के ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड मामले का भी पर्दाफाश कर उत्तराखंड STF ने किया.
वर्ष 2021 में उत्तराखंड STF और क्राइम पुलिस की संयुक्त टीम ने भारी तादाद में साइबर के गढ़ जामताड़ा, भरतपुर, झारखंड पश्चिम बंगाल, असम व बिहार के कई इलाकों में छापेमारी करते हुए 1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर वर्ष 2021 तक 174 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार कर जेल भेजा. यानी विगत वर्षों की तुलना दोगुने साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. वहीं इस वर्ष 2021 में तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर फाइनेंशियल फ्रॉड करने वाले मामलों में उत्तराखंड एसटीएफ साइबर क्राइम पुलिस 5 करोड़ से अधिक की धनराशि अपनी कानूनी कार्रवाई के दौरान शिकायतकर्ताओं के वापस करा चुकी है.
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विदेशी साइबर क्रिमिनलों पर STF का शिकंजा बढ़ा: उत्तराखंड एसटीएफ ने साइबर फ्रॉड के मामलों में सबसे अधिक भारत में सक्रिय होकर नेटवर्क बनाने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिमिनलों पर शिकंजा कसा. वर्ष 2020 में 3 नाइजीरियन वर्ष 2021 में 4 नाइजीरियन और एक कैमरून निवासी विदेशी साइबर ठग को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
तेजी से उभरते हुए साइबर अपराध से पार पाना बड़ी चुनौती: साइबर क्राइम के मद्देनजर विगत वर्षों की तुलना 2021 में उत्तराखंड साइबर पुलिस ने काफी बेहतर वर्कआउट परिणाम दिये हैं. इस संबंध में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि भले ही 2021 में हमारी एसटीएफ और साइबर टीम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले उजागर किए हैं. लेकिन इसके बावजूद तेजी से उभरता हुआ साइबर अपराध पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है. ऐसे में वर्ष 2022 में भी उत्तराखंड पुलिस और हाईटेक-स्मार्ट बनकर साइबर अपराध से निपटने के लिए तैयार रहेगी.
वर्ष 2019 में प्रदेश भर में साइबर क्राइम से जुड़े गंभीर किस्म के 244 अपराधों पर मुकदमे दर्ज किए गए. इसमें से 150 मुकदमा का निस्तारण किया गया, जबकि इस दौरान 96 शातिर साइबर क्रिमिनल को देहभर के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया. 2019 में 39 साइबर क्राइम मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. 28 मामलों में FR यानी अंतिम रिपोर्ट लगाई. जबकि 177 साइबर क्राइम के मामले 2019 में लंबित रहे.
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वर्ष 2020 में प्रदेशभर में साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 325 मुकदमे दर्ज किए गए. इनमें से 186 मामलों में कार्यवाही कर उनका निस्तारण किया गया. जबकि इस दौरान 69 साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया. वहीं, 48 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई. 31 मामलों में एफआर (अंतिम रिपोर्ट )लगाई गई. 246 साइबर पंजीकृत मामले लंबित चल रहे हैं.
वर्ष 2021 के 30 नवंबर तक राज्यभर में बड़े धोखाधड़ी से जुड़े फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड के कुल मुकदमे 605 दर्ज हो चुके हैं. यानी विगत वर्षो की तुलना दर्ज FIR में 100 प्रतिशत की वृद्धि इसमें से 196 मामलों का अनावरण किया जा चुका है. जबकि इस दौरान देश के अलग-अलग साइबर गढ़ों में से 174 साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है. 102 मामलों में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है. वहीं, 54 मामलों में अंतिम रिपोर्ट लगाई जा चुकी है, जबकि इस वर्ष 30 नवंबर तक 449 मामले विवेचना कार्रवाई में लंबित चल रहे हैं.
साल 2019 से 2021 तक के मामलों की स्थिति
- वर्ष 2019 में देहरादून के साइबर थाने में कुल शिकायत 555 प्राप्त की गई थी. इन शिकायतों के तहत साइबरक्रिमिनल द्वारा अपने जाल में फंसाकर उनके अलग-अलग एकाउंट से 3 करोड़ 14 लाख 55 हजार 466 रुपए ठगे गए. हालांकि साइबर क्राइम पुलिस तकनीकी टीम द्वारा समय पर कार्रवाई करते हुए लगभग एक करोड़ रुपए की धनराशि अलग-अलग शिकायतकर्ताओं के साइबर क्रिमिनलों के कब्जे से कार्रवाई में वापस कराएं.
- वर्ष 2020 में देहरादून साइबर थाना थाने में 1146 शिकायतें प्राप्त की गई. इन शिकायतों के अनुसार साइबर क्रिमिनलों द्वारा ऑनलाइन फ्रॉड करते हुए लगभग 6 करोड़ 64 लाख 62 हजार 606 रुपए धोखाधड़ी से ठगे गए. हालांकि इन मामलों में भी देहरादून साइबर क्राइम पुलिस तकनीकी टीम द्वारा समय रहते कार्रवाई कर लगभग 2 करोड़ 65 लाख 48 हज़ार 765 रुपये धनराशि अलग-अलग साइबर अपराधियों के कब्जे से वापस कराए गए.
- वर्ष 2021 19 दिसंबर तक देहरादून साइबर थाने में कुल 1012 शिकायतें प्राप्त की गई. इन शिकायतों के अनुसार 4 करोड़ 65 लाख 42 हजार 756 रुपए की धनराशि ऑनलाइन धोखाधड़ी के माध्यम से साइबर क्रिमिनलों द्वारा लोगों से ठगे गए. हालांकि इस बार एसटीएफ की पहले से अधिक तत्परता के चलते मात्र देहरादून साइबर थाने की त्वरित कार्रवाई में ही लगभग 3 करोड़ 62 लाख 40 हजार 562 रुपए साइबर क्रिमिनलों के कब्जे से शिकायतकर्ताओं को वापस दिलाया गए.
ई सुरक्षा साइबर हेल्पलाइन के जरिये एक करोड़ से अधिक धनराशि रिकवरी: केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश अनुसार उत्तराखंड राज्य में शुरू किए गए ई-सुरक्षा साइबर हेल्पलाइन स्पेशल नंबर 155260 के माध्यम से आने वाली शिकायतों में फाइनेंशियल फ्रॉड के मामलों का समय रहते निस्तारण किया गया. 17 जून 2021 से वर्तमान तक 1 करोड़ 5 लाख से अधिक की धनराशि हेल्पलाइन टीम द्वारा शिकायतकर्ताओं के वापस दिलाये गए हैं.
डिप्टी एसपी की जुबानी 2021 का अनुभव: उत्तराखंड में साइबर क्राइम का ग्राफ साल दर साल बढ़ता जा रहा है. इसमें अब सबसे अच्छी बात यह है कि साइबर क्राइम पुलिस लगातार जागरूकता अभियान के चलते शिकायतें भी पहले के मुकाबले अधिक आ रही हैं. यही कारण हैं कि साइबर क्राइम के मुकदमे दर्ज होने की संख्या भी विगत वर्षो की तुलना 2021 में इजाफा हुआ है.
उत्तराखंड में तेजी से पांव पसार से साइबर क्राइम के मामलों को लेकर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए वर्ष 2021 में देशभर में साइबर क्राइम केस वर्कआउट करने टॉप तीन पुलिस अधिकारियों में उत्तराखंड साइबर क्राइम डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा से बात की. जिसमें उन्होंने बताया कि विगत वर्षों की तुलना वर्ष 2021 साइबर क्राइम के मामले में काफी चुनौतीपूर्ण रहा.
एसटीएफ के सहयोग से साइबर क्राइम पुलिस ने देशभर में अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर हर तरह के साइबर फ्रॉड के मामलों को इस वर्ष पर्दाफाश कर 174 से अधिक क्रिमिनल्स को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. साल 2021 में सबसे अधिक फ्रॉड के मामले बैंक केवाईसी, इंश्योरेंस पॉलिसी, ऑनलाइन खरीदारी, कॉल सेंटर सर्विस, एफसीआई सेना में भर्ती एवं डिजिटल बैंकिंग जैसे तमाम तरह के हथकंडे अपनाकर देश के अलग-अलग हिस्सों में बैठे साइबर ठाकुरद्वारा करोड़ों रुपए लोगों से साइबर के जाल में फंसा कर ठगे गए. इतना ही नहीं चाइना से संचालित होने वाला पावर बैंक साइबर फ्रॉड यानी कुछ ही समय में पैसा दुगना करने के जालसाजी में फंसा कर 500 करोड़ से अधिक का साइबर फ्रॉड मामला चर्चाओं में रहा.
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उत्तराखंड एसटीएफ नहीं देश में पहली बार पर्दाफाश कर देश के अलग-अलग हिस्सों से अब तक 13 साइबर क्रिमिनलों को गिरफ्तार कर जेल भेजा. चाइना से संचालित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय पावर बैंक साइबर फ्रॉड मामलों में हजारों लोगों को मकड़जाल में फंसा कर कई सौ करोड़ ठगने मामले में देश के कई बैंक मैनेजर और जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट भी अब कानूनी शिकंजे में फंसते जा रहे हैं.
साइबर क्राइम के डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के मुताबिक साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा उपाय जागरूकता है. किसी भी तरह की ऑनलाइन खरीदारी लेन देन में अनजान लोगों से बचना बेहद जरूरी है. ऑनलाइन खरीदारी के लिए कंपनी की ओरिजिनल वेबसाइट, कस्टमर केयर, फोन व बैंक केवाईसी जैसे तमाम बातों के लिए वास्तविक संस्थान से ही डायरेक्ट संपर्क करना बचाव का तरीका है. वहीं, इंश्योरेंस पॉलिसी, नौकरी लगाने, विदेश भेजने, डिजिटल लेन-देन ट्रांजिक्शन जैसे तमाम बातों के लिए अधिक से अधिक जानकारी और जागरूक होकर काम करना ही बचाव का तरीका है.
मात्र जागरूकता ही साइबर क्राइम से बचने का उपाय: डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा के मुताबिक साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर धोखाधड़ी के नए-नए रास्ते अपना रहे हैं. ऐसे में किसी भी तरह के मोबाइल लिंक और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी होते ही तत्काल साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत दर्ज करना जरूरी है, ताकि समय रहते धोखाधड़ी की रकम को फ्रीज कराकर उसकी वसूली की जा सके. उन्होंने कहा मात्र जागरूकता ही साइबर क्राइम से बचने का रास्ता है.