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Dehradun Land Fraud Case: इंग्लैंड निवासी NRI महिला की जमीन के बनवाए फर्जी दस्तावेज, 3 अरेस्ट, कुल 16 गिरफ्तारियां

Land Forgery Case Dehradun देहरादून रजिस्ट्रार कार्यालय रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामले में एसआईटी लगातार गिरफ्तारियां कर रही है. अब एसआईटी ने एनआरआई महिला की करोड़ों की भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Dehradun Land Fraud Case
देहरादून भूमि धोखाधड़ी मामला
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 8, 2023, 6:26 PM IST

Updated : Oct 9, 2023, 5:40 PM IST

फर्जी रजिस्ट्री मामले में SIT ने 3 आरोपियों को किया अरेस्ट

देहरादूनः फर्जी रजिस्ट्री मामले में इंग्लैंड निवासी एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा की करोड़ों की भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का देहरादून एसएसपी ने खुलासा करते हुए 3 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य ओमवीर सिंह के खिलाफ भूमि धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं. गिरोह देहरादून में विवादित और काफी समय से खाली पड़ी जमीनों पर नजर रखते थे और मौका मिलते ही जमीनों के फर्जी कागज बनाकर अन्य लोगों को बेच दिया करते थे. फर्जी रजिस्ट्री मामले में अब तक 16 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

देहरादून में कई जमीनों के फर्जी तरीके से बैनामे और अन्य दस्तावेजों को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज कर जमीनों की खरीद फरोख्त का फर्जीवाड़े में कार्रवाई जारी है. मामले सामने आने के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय के सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव की तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून में अब तक 9 मुकदमे पंजीकृत कराए जा चुके हैं. इसमें एसआईटी टीम द्वारा विवेचना की जा रही है और अब तक 16 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
ये भी पढ़ेंः रजिस्ट्रार ऑफिस रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामला, दून लाया गया मुख्य आरोपी कंवर पाल, अब होंगे बड़े खुलासे

अजय के जरिए तीनों तक पहुंची एसआईटी: एसआईटी टीम ने 6 अक्टूबर को गिरफ्तार आरोपी अजय मोहन पालिवाल को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में जानकारी मिली कि आरोपी फॉरेंसिक एक्सपर्ट था, जिसने आरोपी कमल विरमानी, केपी सिंह आदि के साथ मिलकर कई जमीनों के फर्जी बैनामों में फर्जी राइटिंग और हस्ताक्षर बनाए थे. पूछताछ में अजय मोहन पालीवाल ने बताया कि केपी सिंह के कहने पर ही एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा की राजपुर रोड पर स्थित भूमि के फर्जी बैनामा राम रतन शर्मा के नाम से बनाकर देहरादून निवासी ओमवीर सिंह व मुजफ्फरनगर निवासी सतीश कुमार और संजय शर्मा को दे दिया गया था. अजय मोहन पालीवाल के बयानों के आधार पर एसआईटी टीम ने ओमवीर सिंह, सतीश और संजय के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के बाद गिरफ्तार किया.

केपी सिंह से थी ओमवीर की दोस्ती: एसएसपी का कहना है कि देहरादून निवासी ओमवीर सिंह का पहले से ही जमीनों के फर्जीवाड़े का आपराधिक इतिहास रहा है. पहले भी कई विवादित जमीनों में इसकी संलिप्तता रही है. ओमवीर की जान-पहचान सहारनपुर निवासी केपी सिंह से थी और ओमवीर भी देहरादून में विवादित और खाली पड़ी जमीनों पर नजर रखता था. ओमवीर की नजर राजपुर रोड मधुबन के पास स्थित दो-ढाई बीघा जमीन पर पड़ी. जानकारी लेने पर पता चला कि भू-स्वामी विदेश में रहने वाली एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा हैं, जो काफी सालों से देहरादून नहीं आई हैं. ओमवीर ने रक्षा सिन्हा की पूरी जानकारी निकाली तो पता चला कि रक्षा सिन्हा के पिता पीसी निश्चल देहरादून में ही रहते थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.
ये भी पढ़ेंः जमीनों के दस्तावेजों में फर्जीवाड़े को लेकर अब ED की एंट्री, देहरादून जिलाधिकारी की सक्रियता से खुला था मामला

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा: इसके बाद जमीन के बारे में ओमवीर के द्वारा केपी सिंह को बताया गया. केपी ने जमीन को उत्तराखंड के बाहर किसी बुजुर्ग व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड बैनामा के माध्यम से करा देने का आश्वासन दिया. इसके लिए ओमवीर को किसी बाहरी बुजुर्ग व्यक्ति को लाने की जिम्मेदारी दी गई. ओमवीर ने अपने परिचित सतीश के माध्यम से उसके दोस्त संजय शर्मा, जो की मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, उसके पिता रामरतन शर्मा के नाम पर भूमि का फर्जी बैनामा केपी सिंह के माध्यम से तैयार करवाए गए. भूमि को सन 1979 में पीसी निश्चल से राम रतन के नाम पर बेचना दिखाया गया. इसके बाद इनके द्वारा फर्जी बैनामा को सोनू, जो रजिस्ट्रार कार्यालय में बाईन्डर का कार्य करता था, के माध्यम से रजिस्ट्रार कार्यालय में संबंधित रजिस्टरों पर दर्ज करा दिया गया.

आपस में बांटे तीनों ने रुपए: इसके बाद ओमवीर ने प्रॉपर्टी को मार्केट में बिकने के लिए उतारा. इसके बाद प्रॉपर्टी की अच्छी जानकारी रखने वाले देहरादून निवासी मनोज तालीयान ने राम रतन शर्मा और संजय शर्मा से मुजफ्फरनगर में मिलकर जमीन का सौदा ग्रीन अर्थ सोलर पावर लिमिटेड से 3 करोड़ 10 लाख में तय कराया और एग्रीमेंट का 1 करोड़ 90 लाख रुपए संजय को दे दिया. इसके बाद पहले से तय अनुसार संजय शर्मा को 66 लाख और ओमवीर को 96 लाख और सतीश (ओमवीर का परिचित) को 38 लाख के करीब की धनराशि मिली.
ये भी पढ़ेंः देहरादून में बढ़े लैंड फ्रॉड मामले, 284 प्रॉपर्टी डीलर गए जेल, जमीन खरीदते समय बरतें ये सावधानियां

15 भू-स्वामियों के साथ कर चुके हैं धोखा: एसएसपी अजय सिंह ने बताया आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि आरोपियों द्वारा करीब 14 से 15 प्रॉपर्टी जिसमें कोई बाहर रहता है या फिर मृत्यु हो चुकी है. ऐसी प्रॉपर्टी के फर्जी बैनामे तैयार किए गए हैं. हालांकि, एसआईटी अब इन प्रॉपर्टी मालिकों की तलाश कर रही है. प्रॉपर्टी में जिसके नाम आए हैं, उनकी रजिस्ट्री कार्यालय से जानकारी जुटाई जाएगी.

फर्जी रजिस्ट्री मामले में SIT ने 3 आरोपियों को किया अरेस्ट

देहरादूनः फर्जी रजिस्ट्री मामले में इंग्लैंड निवासी एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा की करोड़ों की भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का देहरादून एसएसपी ने खुलासा करते हुए 3 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य ओमवीर सिंह के खिलाफ भूमि धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज हैं. गिरोह देहरादून में विवादित और काफी समय से खाली पड़ी जमीनों पर नजर रखते थे और मौका मिलते ही जमीनों के फर्जी कागज बनाकर अन्य लोगों को बेच दिया करते थे. फर्जी रजिस्ट्री मामले में अब तक 16 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

देहरादून में कई जमीनों के फर्जी तरीके से बैनामे और अन्य दस्तावेजों को तैयार कर रजिस्ट्रार कार्यालय में फर्जी व्यक्तियों के नाम पर दर्ज कर जमीनों की खरीद फरोख्त का फर्जीवाड़े में कार्रवाई जारी है. मामले सामने आने के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय के सहायक महानिरीक्षक निबन्धन संदीप श्रीवास्तव की तहरीर के आधार पर कोतवाली नगर देहरादून में अब तक 9 मुकदमे पंजीकृत कराए जा चुके हैं. इसमें एसआईटी टीम द्वारा विवेचना की जा रही है और अब तक 16 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
ये भी पढ़ेंः रजिस्ट्रार ऑफिस रिकॉर्ड छेड़छाड़ मामला, दून लाया गया मुख्य आरोपी कंवर पाल, अब होंगे बड़े खुलासे

अजय के जरिए तीनों तक पहुंची एसआईटी: एसआईटी टीम ने 6 अक्टूबर को गिरफ्तार आरोपी अजय मोहन पालिवाल को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में जानकारी मिली कि आरोपी फॉरेंसिक एक्सपर्ट था, जिसने आरोपी कमल विरमानी, केपी सिंह आदि के साथ मिलकर कई जमीनों के फर्जी बैनामों में फर्जी राइटिंग और हस्ताक्षर बनाए थे. पूछताछ में अजय मोहन पालीवाल ने बताया कि केपी सिंह के कहने पर ही एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा की राजपुर रोड पर स्थित भूमि के फर्जी बैनामा राम रतन शर्मा के नाम से बनाकर देहरादून निवासी ओमवीर सिंह व मुजफ्फरनगर निवासी सतीश कुमार और संजय शर्मा को दे दिया गया था. अजय मोहन पालीवाल के बयानों के आधार पर एसआईटी टीम ने ओमवीर सिंह, सतीश और संजय के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के बाद गिरफ्तार किया.

केपी सिंह से थी ओमवीर की दोस्ती: एसएसपी का कहना है कि देहरादून निवासी ओमवीर सिंह का पहले से ही जमीनों के फर्जीवाड़े का आपराधिक इतिहास रहा है. पहले भी कई विवादित जमीनों में इसकी संलिप्तता रही है. ओमवीर की जान-पहचान सहारनपुर निवासी केपी सिंह से थी और ओमवीर भी देहरादून में विवादित और खाली पड़ी जमीनों पर नजर रखता था. ओमवीर की नजर राजपुर रोड मधुबन के पास स्थित दो-ढाई बीघा जमीन पर पड़ी. जानकारी लेने पर पता चला कि भू-स्वामी विदेश में रहने वाली एनआरआई महिला रक्षा सिन्हा हैं, जो काफी सालों से देहरादून नहीं आई हैं. ओमवीर ने रक्षा सिन्हा की पूरी जानकारी निकाली तो पता चला कि रक्षा सिन्हा के पिता पीसी निश्चल देहरादून में ही रहते थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी है.
ये भी पढ़ेंः जमीनों के दस्तावेजों में फर्जीवाड़े को लेकर अब ED की एंट्री, देहरादून जिलाधिकारी की सक्रियता से खुला था मामला

ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा: इसके बाद जमीन के बारे में ओमवीर के द्वारा केपी सिंह को बताया गया. केपी ने जमीन को उत्तराखंड के बाहर किसी बुजुर्ग व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड बैनामा के माध्यम से करा देने का आश्वासन दिया. इसके लिए ओमवीर को किसी बाहरी बुजुर्ग व्यक्ति को लाने की जिम्मेदारी दी गई. ओमवीर ने अपने परिचित सतीश के माध्यम से उसके दोस्त संजय शर्मा, जो की मुजफ्फरनगर का रहने वाला है, उसके पिता रामरतन शर्मा के नाम पर भूमि का फर्जी बैनामा केपी सिंह के माध्यम से तैयार करवाए गए. भूमि को सन 1979 में पीसी निश्चल से राम रतन के नाम पर बेचना दिखाया गया. इसके बाद इनके द्वारा फर्जी बैनामा को सोनू, जो रजिस्ट्रार कार्यालय में बाईन्डर का कार्य करता था, के माध्यम से रजिस्ट्रार कार्यालय में संबंधित रजिस्टरों पर दर्ज करा दिया गया.

आपस में बांटे तीनों ने रुपए: इसके बाद ओमवीर ने प्रॉपर्टी को मार्केट में बिकने के लिए उतारा. इसके बाद प्रॉपर्टी की अच्छी जानकारी रखने वाले देहरादून निवासी मनोज तालीयान ने राम रतन शर्मा और संजय शर्मा से मुजफ्फरनगर में मिलकर जमीन का सौदा ग्रीन अर्थ सोलर पावर लिमिटेड से 3 करोड़ 10 लाख में तय कराया और एग्रीमेंट का 1 करोड़ 90 लाख रुपए संजय को दे दिया. इसके बाद पहले से तय अनुसार संजय शर्मा को 66 लाख और ओमवीर को 96 लाख और सतीश (ओमवीर का परिचित) को 38 लाख के करीब की धनराशि मिली.
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15 भू-स्वामियों के साथ कर चुके हैं धोखा: एसएसपी अजय सिंह ने बताया आरोपियों से पूछताछ में जानकारी मिली है कि आरोपियों द्वारा करीब 14 से 15 प्रॉपर्टी जिसमें कोई बाहर रहता है या फिर मृत्यु हो चुकी है. ऐसी प्रॉपर्टी के फर्जी बैनामे तैयार किए गए हैं. हालांकि, एसआईटी अब इन प्रॉपर्टी मालिकों की तलाश कर रही है. प्रॉपर्टी में जिसके नाम आए हैं, उनकी रजिस्ट्री कार्यालय से जानकारी जुटाई जाएगी.

Last Updated : Oct 9, 2023, 5:40 PM IST
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