देहरादून: उत्तराखंड की स्नेह राणा का सिलेक्शन महिला क्रिकेट विश्व कप के लिए हुआ है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयन होने से उनके घर में खुशी का माहौल है. इस दौरान ईटीवी भारत ने स्नेह राणा ने खास बातचीत की. वहीं, उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ल्ड कप में वह जमकर खेलेंगी.
देहरादून के समीप जोहड़ी गांव की रहने वाली स्नेह राणा को आगामी महिला क्रिकेट विश्व कप में खेलने का मौका मिला है. उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह मिली है. जिस समय यह खबर आई स्नेह राणा देहरादून में अपनी मां के साथ घर पर ही मौजूद थी.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम में नाम आने के बाद स्नेह राणा ने कहा यह उनके लिए बेहद गौरवान्वित करने वाला पल है. उनके घर वालों के लिए भी यह एक बहुत बड़ी खुशी का मौका है. हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह विश्व कप खेले और आज वह मुकाम उनके जीवन में आया है, जिसके लिए वह इस प्रोफेशन में आई थी. विश्व कप में वह अपना बेस्ट देंगी और जमकर खेलेंगी.
क्रिकेट वर्ल्ड कप की तैयारियों को लेकर स्नेह राणा ने बताया कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने बताया कि खेल में एक मानसिक रूप से जो प्रेशर होता है, वह है दुनिया के सबसे बेहतर टीम के साथ खेलने का, जो लगातार बना रहता है. उसको कम करने के लिए वह लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं. उन्होंने अपनी तैयारी के बारे में बताया कि वह लगातार प्रैक्टिस कर रही है और उन्हें अपनी प्रैक्टिस और परफॉर्मेंस को लेकर काफी कॉन्फिडेंस है. वह आने वाले वर्ल्ड कप में बेहतर परफॉर्मेंस करेंगी.
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ईटीवी भारत से खास बातचीत में स्नेह राणा ने कहा वह वर्ल्ड कप की सीरीज में भी अपने चिर परिचित अंदाज में खेलेंगी.यह उनके जीवन का सपना था और वह इन पलों को पूरी तरह से एंजॉय भी करना चाहती हैं.
स्नेह राणा ने कहा जब उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो उस समय उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन को बीसीसीआई से मान्यता भी नहीं मिली थी. उस दौरान उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. यह अच्छी बात है कि अब उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई से मान्यता मिल चुकी है. उन्होंने कहा कि क्रिकेट एसोसिएशन को खासतौर से महिलाओं को मौका दिया जाना चाहिए, जिससे वह अपने हुनर को तराश सकें.
स्नेह राणा की मां ने कहा जब उन्हें सूचना मिली कि स्नेह का विश्व कप के लिए चयन हुआ है तो उनके घर में जश्न का माहौल था. आज भले ही उनकी बेटी इस मुकाम पर जाने के लिए तैयार है, लेकिन इसके पीछे उसकी कई सालों की मेहनत है. स्नेह की माता का कहना है कि शुरू-शुरू में परिवार की तरफ से बच्चों को इतना सपोर्ट नहीं मिल पाता है. लेकिन आज हम समझ चुके हैं कि स्नेह ने जो रास्ता चुना था, वह एक बेहतर रास्ता था. आज वह विश्वकप खेलने के लिए जा रही है. यह उनके और उत्तराखंड के लिए बड़े सौभाग्य की बात है.