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कोरोना इफेक्ट: बैंक EMI से लेकर क्रेडिट कार्ड और लोन से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर, सिर्फ आपके लिए

लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग लोन, ईएमआई और क्रेडिट कार्ड जैसे तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर कैसे सावधान रहा जाए, जानिए देहरादून एसबीआई बैंक के इन्वेस्टमेंट हेड जितेंद्र डिडोन से.

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Published : May 25, 2020, 7:06 PM IST

Updated : May 25, 2020, 8:45 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन से रोजगार, व्यापार व नौकरियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इन सेक्टरों में संकट और भी गहराता जा रहा है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन की किश्त देने वाले ग्राहकों को अगस्त माह तक ईएमआई स्थगित कर बड़ी राहत दी है. लेकिन बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो आरबीआई की इस छूट से जहां बैंक को बहुत बड़ा घाटा होने जा रहा है तो वहीं ग्राहकों की लोन ईएमआई पेंडिंग होने के चलते उसमें चक्रवर्ती ब्याज लगकर आगामी समय में उसका भार अधिक होने वाला है. ऐसे में जानकारों के मुताबिक EMI छूट को देरी से देना आर्थिक रूप से आने वाले दिनों में भारी पड़ सकता है.

क्रेडिट कार्ड और लोन से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर

लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग लोन, ईएमआई और क्रेडिट कार्ड जैसे तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर कैसे सावधान रहा जाए, जानिए देहरादून एसबीआई बैंक के इन्वेस्टमेंट हेड जितेंद्र डिडोन से...

तय समय में लोन किश्त देना समझदारी

एसबीआई इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डिडोन का मानना है कि जिस तरह से आरबीआई ने लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई में पहले 3 महीना और अब 3 महीने यानी 6 महीने के लिए छूट दी है. वह ग्राहकों को काफी भारी पड़ सकती है, क्योंकि आरबीआई ने छूट देने के साथ ब्याज में कटौती की कोई बात नहीं कही है. ऐसे में संबंधित बैंक ग्राहक पर चक्रवर्ती ब्याज लगाकर आगामी समय में एक साथ भारी भरकम ईएमआई का रुपया वसूल कर सकते हैं. समझदारी इसी में है कि जितना हो सके, समय से ही लोन ईएमआई बैंक में जमा कर दी जाए ताकि आने वाले समय बड़े भारी भरकम ब्याज दर से बचा जा सके.

पढ़े: प्रवासियों की वापसी से राज्य में फूटा 'कोरोना बम', सरकार बोली- हर चुनौती के लिये तैयार

बैंकों ने लोन देने में की कटौती

जितेंद्र डिडोन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान छोटे व मध्य कारोबार व्यापार जैसे अन्य रोजगार ठप हो चुके हैं. जिस वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने कम रेपो दर पर लोन देते हुए सभी बैंकों को कम ब्याज़ दर पर ग्राहकों को लोन बांटने की छूट दी है. हालांकि इस मामले में बैंक कोरोना संक्रमण की लड़ाई को अनिश्चित समय मानते हुए ग्राहकों को लोन देने से बच रहे हैं. जितेंद्र के मुताबिक, बैंकों को इस बात की आशंका है कि कहीं इस समय दिया गया लोन कोरोना की लंबी लड़ाई में डूब न जाए. ऐसे में बैंक आरबीआई को वापस लोन रेपो दर की आर्थिक सहायता लौटाने में जुटे हैं.

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले रहें जागरुक

ईटीवी भारत से महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डिडोन ने बताया कि जिस तरह से इन दिनों लॉकडाउन के चलते कई रोजगार छोटे व मध्यम व्यापार और नौकरियां संकट में हैं. उसको देखते हुए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों को भी पहले से कई गुना अधिक जागरुक होने की जरूरत है. क्योंकि कामकाज बंद होने के चलते समय से भुगतान नहीं हो पाता है तो उसके बाद क्रेडिट कार्ड में कई तरह के ब्याज लगकर ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढ़ना तय है. ऐसे में जितना हो सके इन दिनों क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से भी बचें.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण लॉकडाउन से रोजगार, व्यापार व नौकरियों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इन सेक्टरों में संकट और भी गहराता जा रहा है. ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन की किश्त देने वाले ग्राहकों को अगस्त माह तक ईएमआई स्थगित कर बड़ी राहत दी है. लेकिन बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो आरबीआई की इस छूट से जहां बैंक को बहुत बड़ा घाटा होने जा रहा है तो वहीं ग्राहकों की लोन ईएमआई पेंडिंग होने के चलते उसमें चक्रवर्ती ब्याज लगकर आगामी समय में उसका भार अधिक होने वाला है. ऐसे में जानकारों के मुताबिक EMI छूट को देरी से देना आर्थिक रूप से आने वाले दिनों में भारी पड़ सकता है.

क्रेडिट कार्ड और लोन से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर

लॉकडाउन के दौरान बैंकिंग लोन, ईएमआई और क्रेडिट कार्ड जैसे तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर कैसे सावधान रहा जाए, जानिए देहरादून एसबीआई बैंक के इन्वेस्टमेंट हेड जितेंद्र डिडोन से...

तय समय में लोन किश्त देना समझदारी

एसबीआई इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डिडोन का मानना है कि जिस तरह से आरबीआई ने लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई में पहले 3 महीना और अब 3 महीने यानी 6 महीने के लिए छूट दी है. वह ग्राहकों को काफी भारी पड़ सकती है, क्योंकि आरबीआई ने छूट देने के साथ ब्याज में कटौती की कोई बात नहीं कही है. ऐसे में संबंधित बैंक ग्राहक पर चक्रवर्ती ब्याज लगाकर आगामी समय में एक साथ भारी भरकम ईएमआई का रुपया वसूल कर सकते हैं. समझदारी इसी में है कि जितना हो सके, समय से ही लोन ईएमआई बैंक में जमा कर दी जाए ताकि आने वाले समय बड़े भारी भरकम ब्याज दर से बचा जा सके.

पढ़े: प्रवासियों की वापसी से राज्य में फूटा 'कोरोना बम', सरकार बोली- हर चुनौती के लिये तैयार

बैंकों ने लोन देने में की कटौती

जितेंद्र डिडोन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान छोटे व मध्य कारोबार व्यापार जैसे अन्य रोजगार ठप हो चुके हैं. जिस वजह से भारतीय रिजर्व बैंक ने कम रेपो दर पर लोन देते हुए सभी बैंकों को कम ब्याज़ दर पर ग्राहकों को लोन बांटने की छूट दी है. हालांकि इस मामले में बैंक कोरोना संक्रमण की लड़ाई को अनिश्चित समय मानते हुए ग्राहकों को लोन देने से बच रहे हैं. जितेंद्र के मुताबिक, बैंकों को इस बात की आशंका है कि कहीं इस समय दिया गया लोन कोरोना की लंबी लड़ाई में डूब न जाए. ऐसे में बैंक आरबीआई को वापस लोन रेपो दर की आर्थिक सहायता लौटाने में जुटे हैं.

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले रहें जागरुक

ईटीवी भारत से महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए इन्वेस्टमेंट सलाहकार जितेंद्र डिडोन ने बताया कि जिस तरह से इन दिनों लॉकडाउन के चलते कई रोजगार छोटे व मध्यम व्यापार और नौकरियां संकट में हैं. उसको देखते हुए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों को भी पहले से कई गुना अधिक जागरुक होने की जरूरत है. क्योंकि कामकाज बंद होने के चलते समय से भुगतान नहीं हो पाता है तो उसके बाद क्रेडिट कार्ड में कई तरह के ब्याज लगकर ग्राहकों पर आर्थिक बोझ बढ़ना तय है. ऐसे में जितना हो सके इन दिनों क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से भी बचें.

Last Updated : May 25, 2020, 8:45 PM IST
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