देहरादूनः सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में हुई पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर राजधानी देहरादून में प्रदर्शन तेज हो गया है. इसी कड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले और एसएफआई (Students Federation of India) कार्यकर्ताओं ने देहरादून के गांधी पार्क के गेट पर एसपी पिथौरागढ़ के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, साथ ही उन्हें निलंबित करने की मांग की.
इस दौरान भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि पत्रकार किशोर कुमार लगातार सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग कर रहे थे, जो सत्ता को नागवार गुजरी और एसपी ने उनके खिलाफ सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसे बेबुनियादी आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि पत्रकार किशोर उन मुद्दों को उठा रहे थे, जिनको न तो सरकार संज्ञान में ले रही थी और न ही पुलिस कार्रवाई कर रही थी.
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इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि एसपी पिथौरागढ़ और उनकी पुलिस यदि इतनी ही संवेदनशील होती तो पत्रकार द्वारा उठाए गए दोनों मामलों में कार्रवाई करती. उन्होंने कहा कि मसलों पर नहीं बल्कि मसले उठाने वाले पत्रकार के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए कहा कि यह नागरिक अधिकार पर भी अतिक्रमण है. भाकपा माले और एसएफआई कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या पत्रकार को पत्रकारिता करने के लिए पुलिस से अनुमति लेनी होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र पत्रकारिता पर सीधा हमला है. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पत्रकार की रिहाई नहीं होती, तब तक भाकपा माले अपना प्रदर्शन जारी रखेगी.
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ये है मामलाः पिथौरागढ़ पुलिस ने दलित नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म व एक अन्य दलित की हत्या की खबरों के जरिए सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में पत्रकार किशोर कुमार को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक, सोशल मीडिया पर न्यूज पोर्टल चलाने वाले किशोर कुमार पुत्र गोविंद राम निवासी झुलाघाट जनपद पिथौरागढ़ द्वारा वीडियो पोस्ट किए गए, जिसमें लोगों की बाइट लेते हुए बार-बार लोगों की जाति पूछने और सवर्णों द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या करने की बात कही जा रही. पुलिस के मुताबिक, किशोर द्वारा फेसबुक, यूट्यूब पर वीडियो प्रसारित करके दो जाति विशेष समुदायों के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने तथा जाति वैमनस्य फैलाने का प्रयास किया गया. इस मामले में पुलिस ने 24 फरवरी को पत्रकार किशोर कुमार को गिरफ्तार कर किया.