ऋषिकेश: नगर निगम (Rishikesh Municipal Corporation) में भाजपा के पार्षदों ने कूड़ा निस्तारण के बजट को अन्य मद में खर्च करने का आरोप लगाया है. उन्होंने शहरी विकास मंत्री से इसकी शिकायत करते हुए निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस पार्षदों पर भी कूड़े को लेकर सरकार को जानबूझकर बदनाम करने का आरोप जड़ा है. बीते दिन बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में भाजपा पार्षदों ने क्षेत्रीय विधायक और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Urban Development Minister Premchand) से मुलाकात की.
इस दौरान पार्षद शिवकुमार गौतम ने बताया कि लंबे अरसे से नगर निगम क्षेत्र का कूड़ा गोविंदनगर स्थित एक खाली भूखंड डाला जा रहा है. डंप कूड़े के निस्तारण के लिए निगम प्रशासन ने कुछ वक्त पहले टेंडर कॉल करके एक निजी एजेंसी को हायर किया था. यह कार्रवाई बाकायदा शासन से अनुमति लेने की बाद हुई. बावजूद, संबंधित एजेंसी बेहद धीमी गति से निस्तारण कार्य में लगी है. एक अन्य पार्षद विकास तेवतिया ने मंत्री से कूड़ा निस्तारण मामले की जांच कराकर दोबारा टेंडर प्रक्रिया कराने की मांग की. पार्षद विकास तेवतिया ने बताया कि कुछ कांग्रेस पार्षद सरकार को कूड़ा निस्तारण के लिए धनांवटन नहीं करने का आरोप लगाते हुए बदनाम कर रहे हैं.
नगर निगम प्रशासन ने ही निस्तारण के लिए खुद के खर्चे पर किए जाने का प्रस्ताव बोर्ड में रखा था. जिसे 3 जुलाई 2020 को पास भी किया गया. तेवतिया ने दावा किया कि निस्तारण का खर्च निगम प्रशासन ने वित्त आयोग की निधि के तहत करने को मंजूरी दी थी. उन्होंने उक्त धन को अन्य मदों पर खर्च करने का आरोप लगाते हुए इसे बोर्ड से पास प्रस्ताव का उल्लंघन बताया. मंत्री से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की. इसबीच भाजपा पार्षदों ने मंत्री को ज्ञापन सौंपकर कूड़ा निस्तारण के लिए बजट की व्यवस्था कराने की मांग भी की, जिसपर उन्हें सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा मिला.
बता दें कि 2020 में नगर निगम ने बोर्ड की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सर्व सहमति से कूड़ा निस्तारण के लिए 8 करोड़ 65 लाख रुपए 14वें और 15वें वित्त आयोग से खर्च किए जाने थे, यह रुपए निगम के खाते में थे. पार्षदों का कहना है कि सभी ने अपने वार्डों में विकास कार्यों को रोकर शहर के कूड़ा निस्तारण को प्राथमिकता देते हुए इस प्रस्ताव को पास किया था. लेकिन निगम कूड़ा निस्तारण के लिए बजट का रोना रो रहा है. जिसका हिसाब अब मांगा जा रहा है.