ऋषिकेश: गंगानगर स्थित सत्संग भवन में गुरुवार को नगर निगम बोर्ड कि बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें कुछ पार्षदों ने बोर्ड के एजेंडे में उनके क्षेत्र के विकास से जुड़े प्रस्ताव को शामिल नहीं करने पर हंगामा कर दिया. हंगामे होते-होते बात नगर निगम के कर्मचारियों के मारपीट से जुड़े वायरल वीडियो तक पहुंच गई. हालांकि, इस मसले पर निगम के आला अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई, लेकिन इस दौरान पार्षदों के प्रस्ताव को शामिल नहीं करने का मामला खूब गरमाता रहा.
दरअसल, ऋषिकेश के विकास का जिम्मा जिस नगर निगम प्रशासन पर है, लेकिन वह इतना लापरवाह है कि नगर के कई पार्षदों के विकास से जुड़े प्रस्ताव को ही उसने बोर्ड बैठक के एजेंडे में शामिल करना जरूरी नहीं समझा. इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ जब नगर निगम की बोर्ड बैठक शुरू हुई, जिसमें कई पार्षदों ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए हंगामा कर दिया, उन्होंने मेयर की ओर से अन्य के रूप में एजेंडे में शामिल किए गए प्रस्ताव को लेकर भी बेहद नाराजगी जाहिर की है.
बैठक के दौरान सदन में एक पार्षद ने हाल में करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से नेशनल हाईवे पर लगाई गई स्ट्रीट लाइटों में वित्तीय अनियमितता का भी आरोप लगाया, साथ ही पार्षद ने स्ट्रीट लाइट की खरीद में घोटाले का भी दावा किया. बहरहाल, शहर के विकास की रूपरेखा तैयार करने को लेकर आज आयोजित कि गई बोर्ड की बैठक में डेवलपमेंट पर कम, बल्कि अन्य मुद्दों पर ज्यादा चर्चा हुई है. अब यह देखना होगा कि जिन कंधों पर शहर के विकास का जिम्मा है, वह कब अपनी इस जिम्मेदारी को समझता है.