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उत्तराखंड में हफ्ते दर हफ्ते बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, जानिए कैसे और कब तेजी से बढ़े मरीज

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Published : Jun 24, 2020, 2:58 PM IST

उत्तराखंड में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2,535 तक पहुंच गई है. इनमें से 1,602 मरीज अबतक ठीक हो चुके हैं. 30 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग इन मौतों का कारण अन्य बीमारियों को बता रहा है.

coronavirus in uttarakhand
उत्तराखंड में कोरोना का कहर

देहरादून: राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मौजूदा समय की बात करें तो राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2,535 तक पहुंच गई है. हालांकि शुरुआती दिनों में मरीजों के पॉजिटिव मिलने की रफ्तार बेहद धीमी थी. लेकिन 17 मई के बाद से प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने मानो रफ्तार पकड़ ली हो. हर हफ्ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है. किन-किन वजहों और कब-कब तेजी से बढ़े प्रदेश में संक्रमण के मामले? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

उत्तराखंड में कोरोना का कहर

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2,535 तक पहुंच गई है. 1,602 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं, जिन्हें घर भेजा जा चुका है. वहीं, 888 कोरोना संक्रमित मरीज अभी भी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. प्रदेश में कोरोना का इलाज करा रहे 30 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि जितनी तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है. मौजूदा समय में प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या के सापेक्ष करीब 65 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं.

उत्तराखंड में 15 मार्च हुई कोरोना की दस्तक

राज्य में कोरोना का पहला मरीज 15 मार्च को आया था. राजधानी देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे एक ट्रेनी आईएफएस की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. आईएफएस स्पेन से ट्रेनिंग लेकर उत्तराखंड लौटा था. इसके बाद फिर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक जारी है. इसके साथ ही 19 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ही दो और ट्रेनी आईएफएस अफसर में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. हालांकि 28 मार्च तक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई थी.

जमातियों के चलते राज्य में बढ़ी संक्रमित मरीजों की संख्या

28 मार्च तक प्रदेश में मात्र 6 कोरोना संक्रमित मरीज थे, लेकिन मरकज से लौटे जमातियों के चलते प्रदेश के भीतर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. हर हफ्ते करीब 8 से 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने लगे. करीब डेढ़ महीने तक जमातियों के चलते मामले बढ़ते रहे. 9 मई तक प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 67 तक पहुंच गई, हालांकि उत्तराखंड राज्य में फिर भी अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम मरीज थे.

प्रवासियों के चलते राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या ने पकड़ी रफ्तार

अन्य राज्यों से प्रवासियों की राज्य में वापसी की प्रक्रिया चार मई से शुरू हो गई थी. 10 मई के बाद प्रवासियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया था. इसके बाद एक बार फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा. प्रदेश में कोरोना के मामले आने के 9वें हफ्ते में मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 91 तक पहुंच गया. प्रदेश में कोरोना के मामले आने के 10वें हफ्ते से ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने रफ्तार पकड़ ली. हर हफ्ते करीब 500 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने लगे, जो अभी तक जारी है.

पर्याप्त व्यवस्थाओं के चलते तेजी से किया गया कंट्रोल

ETV Bharat से बातचीत में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में एक समय ऐसा भी था जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई थी. लेकिन फिर प्रदेश में जमाती और प्रवासियों के अचानक आने से संख्या बढ़ने लगी. उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल व्यवस्थाएं अच्छी हैं. हालांकि इस दौर में डबलिंग रेट भी बढ़ा था, लेकिन जो व्यवस्थाएं राज्य में की गई हैं, उसी का ही परिणाम है कि डबलिंग रेट अब कम हो गया है.

हफ्तेवार प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़े मामले

राज्य में पहले हफ्ते यानी 15 से 21 मार्च के बीच 3 मरीज सामने आए थे.

दूसरे हफ्ते में यानी 22 से 28 मार्च के बीच 3 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 6 तक पहुंच गई थी.

29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच 16 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 22 तक पहुंच गई थी.

05 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच 13 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 35 तक पहुंच गई थी.

12 अप्रैल से 18 अप्रैल के बीच 7 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई थी.

19 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच 6 मरीज सामने जिसके बाद कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 48 तक पहुंच गई थी.

26 अप्रैल से 2 मई के बीच 11 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 59 तक पहुंच गई थी.

3 मई से 9 मई के बीच 8 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 67 तक पहुंच गई थी.

10 मई से 16 मई के बीच 24 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 91 तक पहुंच गई थी.

17 मई से 23 मई के बीच 153 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 244 हो गई थी.

24 मई से 30 मई के बीच 505 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 749 हो गई थी.

31 मई से 6 जून के बीच 554 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,303 हो गई थी.

7 जून से 13 जून के बीच 482 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,785 हो गई थी.

14 जून से 20 जून के बीच 516 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 2,301 हो गई थी.

पंद्रहवा हफ्ता 21 जून से शुरू हुआ है जिसमें अबतक 234 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, हालांकि अभी भी कोरोना संक्रमण के मामले आने का सिलसिला जारी है.

देहरादून: राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मौजूदा समय की बात करें तो राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2,535 तक पहुंच गई है. हालांकि शुरुआती दिनों में मरीजों के पॉजिटिव मिलने की रफ्तार बेहद धीमी थी. लेकिन 17 मई के बाद से प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने मानो रफ्तार पकड़ ली हो. हर हफ्ते कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी है. किन-किन वजहों और कब-कब तेजी से बढ़े प्रदेश में संक्रमण के मामले? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

उत्तराखंड में कोरोना का कहर

प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2,535 तक पहुंच गई है. 1,602 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं, जिन्हें घर भेजा जा चुका है. वहीं, 888 कोरोना संक्रमित मरीज अभी भी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. प्रदेश में कोरोना का इलाज करा रहे 30 लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि जितनी तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से रिकवरी रेट भी बढ़ रहा है. मौजूदा समय में प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या के सापेक्ष करीब 65 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं.

उत्तराखंड में 15 मार्च हुई कोरोना की दस्तक

राज्य में कोरोना का पहला मरीज 15 मार्च को आया था. राजधानी देहरादून स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे एक ट्रेनी आईएफएस की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. आईएफएस स्पेन से ट्रेनिंग लेकर उत्तराखंड लौटा था. इसके बाद फिर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो अभी तक जारी है. इसके साथ ही 19 मार्च को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के ही दो और ट्रेनी आईएफएस अफसर में वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. हालांकि 28 मार्च तक संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई थी.

जमातियों के चलते राज्य में बढ़ी संक्रमित मरीजों की संख्या

28 मार्च तक प्रदेश में मात्र 6 कोरोना संक्रमित मरीज थे, लेकिन मरकज से लौटे जमातियों के चलते प्रदेश के भीतर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. हर हफ्ते करीब 8 से 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने लगे. करीब डेढ़ महीने तक जमातियों के चलते मामले बढ़ते रहे. 9 मई तक प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 67 तक पहुंच गई, हालांकि उत्तराखंड राज्य में फिर भी अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम मरीज थे.

प्रवासियों के चलते राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या ने पकड़ी रफ्तार

अन्य राज्यों से प्रवासियों की राज्य में वापसी की प्रक्रिया चार मई से शुरू हो गई थी. 10 मई के बाद प्रवासियों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया था. इसके बाद एक बार फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा. प्रदेश में कोरोना के मामले आने के 9वें हफ्ते में मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 91 तक पहुंच गया. प्रदेश में कोरोना के मामले आने के 10वें हफ्ते से ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने रफ्तार पकड़ ली. हर हफ्ते करीब 500 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आने लगे, जो अभी तक जारी है.

पर्याप्त व्यवस्थाओं के चलते तेजी से किया गया कंट्रोल

ETV Bharat से बातचीत में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में एक समय ऐसा भी था जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत कम हो गई थी. लेकिन फिर प्रदेश में जमाती और प्रवासियों के अचानक आने से संख्या बढ़ने लगी. उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल व्यवस्थाएं अच्छी हैं. हालांकि इस दौर में डबलिंग रेट भी बढ़ा था, लेकिन जो व्यवस्थाएं राज्य में की गई हैं, उसी का ही परिणाम है कि डबलिंग रेट अब कम हो गया है.

हफ्तेवार प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़े मामले

राज्य में पहले हफ्ते यानी 15 से 21 मार्च के बीच 3 मरीज सामने आए थे.

दूसरे हफ्ते में यानी 22 से 28 मार्च के बीच 3 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 6 तक पहुंच गई थी.

29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच 16 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 22 तक पहुंच गई थी.

05 अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच 13 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 35 तक पहुंच गई थी.

12 अप्रैल से 18 अप्रैल के बीच 7 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई थी.

19 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच 6 मरीज सामने जिसके बाद कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 48 तक पहुंच गई थी.

26 अप्रैल से 2 मई के बीच 11 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 59 तक पहुंच गई थी.

3 मई से 9 मई के बीच 8 मरीज सामने आए और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 67 तक पहुंच गई थी.

10 मई से 16 मई के बीच 24 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 91 तक पहुंच गई थी.

17 मई से 23 मई के बीच 153 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 244 हो गई थी.

24 मई से 30 मई के बीच 505 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 749 हो गई थी.

31 मई से 6 जून के बीच 554 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,303 हो गई थी.

7 जून से 13 जून के बीच 482 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 1,785 हो गई थी.

14 जून से 20 जून के बीच 516 मरीज सामने आए थे और कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 2,301 हो गई थी.

पंद्रहवा हफ्ता 21 जून से शुरू हुआ है जिसमें अबतक 234 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं, हालांकि अभी भी कोरोना संक्रमण के मामले आने का सिलसिला जारी है.

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