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उत्तराखंड: हिल स्‍टेशनों पर उमड़ रही पर्यटकों की भीड़, भयावह हो सकती है स्थिति

कोरोना के मामलो में भले ही कमी आई हो, लेकिन हिल स्टेशनों में सैलानी कोरोना गाइडलाइन का धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं. जिससे एक बार फिर हालत बेकाबू होने की आशंका जताई जा रही है.

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Published : Jul 11, 2021, 7:29 AM IST

Updated : Jul 11, 2021, 1:58 PM IST

देहरादून: प्रदेश सरकार जहां एक ओर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर अनलॉक के दौरान तमाम पर्यटक स्थलों पर लोगों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी देखने को मिल रहा है. जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावनाएं प्रबल हो रही है. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, आने वाले समय में काफी मुश्किलें खड़ी कर सकती है. जानें इसके पीछे की वजह...

उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावना है. यही वजह है कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन स्थलों को बेहतर और व्यवस्थित करने की कवायद में जुटी रहती है. यही नहीं, हर साल उत्तराखंड राज्य में करीब चार करोड़ सैलानी धार्मिक और अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए आते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू की वजह पिछले दो सालों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम रही है. जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की आर्थिकी को नुकसान पहुंचा है.

हिल स्‍टेशनों पर उमड़ रही पर्यटकों की भीड़.

वहीं, जैसे ही कोरोना के मामलों में कमी आई, वैसी ही अनलॉक प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो गई. उधर, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक के बाद वर्तमान समय में मिली छूट के बाद प्रदेश के तमाम पर्यटक स्थल, सैलानियों से गुलजार हैं. वहीं, इन गतिविधियों के कारण पर्यटन से जुड़े व्यापारियों को 'संजीवनी' मिल रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड में सियासी 'बिजली' से जलेगा जीत का बल्ब ! जानें, मुफ्त बिजली, सपना या स्टंट?

अनलॉक के दौरान पर्यटकों ने एक बार फिर से उत्तराखंड की ओर रुख करना शुरू कर दिया है. पर्यटकों की आमद से कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को और भी बल मिल गया है. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों, खासकर नैनीताल और मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण के फैलने की की संभावनाएं बढ़ गई है. पर्यटक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है, जिसके बाद से सरकार सख्ती बरत रही है.

लिहाजा, इस परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने अब कर कस ली है. पर्यटक स्थलों पर आने वाले सैलानियों की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद बनीं स्थिति दोबारा से ना बने. हालांकि, वर्तमान समय में रोजाना जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना संक्रमण के नए मामले में काफी कमी देखी जा रही है.

इसके साथ ही कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों मरीजों की संख्या में भी काफी कमी दिख रही है. लेकिन जो हालात वर्तमान समय में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बने हुए हैं, ऐसे में कोई दो राय नहीं है कि अगर पर्यटकों की भीड़ में कोई भी संक्रमित व्यक्ति हो तो वह तमाम लोगों को संक्रमित करने के लिए काफी है. जिससे हालात बदतर हो सकते हैं. वहीं, कोरोना की संभावित तीसरी लहर को काफी खतरनाक मानी जा रहा है, जिसके लिए सरकार मुस्तैद है.

पढ़ें-CM आवास पहुंचने से पहले पुलिस ने कांग्रेसियों को रोका, हिरासत में कई नेता

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, वर्तमान समय में मात्र देहरादून जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में नए कोरोना संक्रमण के मामले गिने चुने ही देखने को मिल रहे हैं. जबकि, पर्याप्त मात्रा में सैंपलों को भेजा जा रहा है. बीते दिन देहरादून में जहां कोरोना संक्रमण के 15 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग जिले में 6-6, बागेश्वर और चंपावत जिले में एक-एक, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उधम सिंह नगर और उत्तरकाशी जिले में 2-2, अल्मोड़ा जिले में 3, नैनीताल जिले में 5 और चमोली जिले में 4 नए मामले सामने आए हैं.

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, डॉ. अमित अरुण ने बताया कि किसी भी जगह पर अगर तमाम लोग इकट्ठा है और उन लोगों में से अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित है तो वह करीब 100 लोगों को संक्रमित कर सकता है और वो सौ लोग एक हजार लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है कि कोरोना संक्रमण अभी गया नहीं है, बल्कि हमारे बीच में ही मौजूद है. लिहाजा, लोगों को सावधानियां बरतने की जरूरत है.

डॉ. अमित ने बताया कि साइंटिफिक तौर पर देखें तो पानी में कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना कम हैं, लेकिन अगर तमाम लोग एक साथ इकट्ठा होकर झरने या फिर स्विमिंग पूल में नहा रहे हैं तो उससे संक्रमण फैलने का खतरा जरूर बढ़ जाता है.

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में आने वाले पर्यटक आ सकते हैं, लेकिन कोविड-19 के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा. हालांकि, बीते दिन कैंपटी फॉल में भी सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिस सिलसिले में स्थानीय पुलिस अधिकारी से बातचीत भी की है. क्योंकि, पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वहां की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करें.

साथ ही सतपाल महाराज ने पर्यटकों से आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लाने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. ऐसा ना होने पर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां एक बार फिर से रुक जाएंगी. लिहाजा, लोगों को सहयोग करने की भी जरूरत है.

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने बताया कि सरकार की नादानियों की वजह से ही कुंभ मेले के दौरान कोरोना संक्रमण का और प्रसार हुआ था. बावजूद इसके, एक बार फिर ऐसी ही लापरवाही, उत्तराखंड सरकार करने लगी है. क्योंकि, तीसरी लहर की दस्तक कभी भी हो सकती है, लेकिन राज्य सरकार पर्यटन गतिविधियों पर जोर दे रही है.

ऐसे में अगर पर्यटन स्थलों पर भीड़भाड़ होती रही तो इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा है और यह उत्तराखंड के लोगों के साथ खिलवाड़ होगा. लिहाजा, उत्तराखंड सरकार को अभी से ही अलर्ट होने की जरूरत है. यही नहीं हाईकोर्ट ने इन्हीं सब चीजों को देखते हुए ही चारधाम यात्रा पर रोक लगाई है. ऐसे में पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों को सचेत होने की जरूरत है.

देहरादून: प्रदेश सरकार जहां एक ओर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर अनलॉक के दौरान तमाम पर्यटक स्थलों पर लोगों का गैर जिम्मेदाराना व्यवहार भी देखने को मिल रहा है. जिससे कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावनाएं प्रबल हो रही है. पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, आने वाले समय में काफी मुश्किलें खड़ी कर सकती है. जानें इसके पीछे की वजह...

उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावना है. यही वजह है कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन स्थलों को बेहतर और व्यवस्थित करने की कवायद में जुटी रहती है. यही नहीं, हर साल उत्तराखंड राज्य में करीब चार करोड़ सैलानी धार्मिक और अन्य पर्यटन गतिविधियों के लिए आते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन और कोरोना कर्फ्यू की वजह पिछले दो सालों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी कम रही है. जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की आर्थिकी को नुकसान पहुंचा है.

हिल स्‍टेशनों पर उमड़ रही पर्यटकों की भीड़.

वहीं, जैसे ही कोरोना के मामलों में कमी आई, वैसी ही अनलॉक प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में पर्यटन की गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो गई. उधर, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की दस्तक के बाद वर्तमान समय में मिली छूट के बाद प्रदेश के तमाम पर्यटक स्थल, सैलानियों से गुलजार हैं. वहीं, इन गतिविधियों के कारण पर्यटन से जुड़े व्यापारियों को 'संजीवनी' मिल रही है.

पढ़ें- उत्तराखंड में सियासी 'बिजली' से जलेगा जीत का बल्ब ! जानें, मुफ्त बिजली, सपना या स्टंट?

अनलॉक के दौरान पर्यटकों ने एक बार फिर से उत्तराखंड की ओर रुख करना शुरू कर दिया है. पर्यटकों की आमद से कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को और भी बल मिल गया है. क्योंकि, उत्तराखंड राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों, खासकर नैनीताल और मसूरी में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. जिसके चलते कोरोना संक्रमण के फैलने की की संभावनाएं बढ़ गई है. पर्यटक स्थलों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है, जिसके बाद से सरकार सख्ती बरत रही है.

लिहाजा, इस परिस्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने अब कर कस ली है. पर्यटक स्थलों पर आने वाले सैलानियों की कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि उत्तराखंड राज्य में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की दस्तक के बाद बनीं स्थिति दोबारा से ना बने. हालांकि, वर्तमान समय में रोजाना जारी होने वाले हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर गौर करें तो कोरोना संक्रमण के नए मामले में काफी कमी देखी जा रही है.

इसके साथ ही कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों मरीजों की संख्या में भी काफी कमी दिख रही है. लेकिन जो हालात वर्तमान समय में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बने हुए हैं, ऐसे में कोई दो राय नहीं है कि अगर पर्यटकों की भीड़ में कोई भी संक्रमित व्यक्ति हो तो वह तमाम लोगों को संक्रमित करने के लिए काफी है. जिससे हालात बदतर हो सकते हैं. वहीं, कोरोना की संभावित तीसरी लहर को काफी खतरनाक मानी जा रहा है, जिसके लिए सरकार मुस्तैद है.

पढ़ें-CM आवास पहुंचने से पहले पुलिस ने कांग्रेसियों को रोका, हिरासत में कई नेता

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, वर्तमान समय में मात्र देहरादून जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में नए कोरोना संक्रमण के मामले गिने चुने ही देखने को मिल रहे हैं. जबकि, पर्याप्त मात्रा में सैंपलों को भेजा जा रहा है. बीते दिन देहरादून में जहां कोरोना संक्रमण के 15 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, हरिद्वार और रुद्रप्रयाग जिले में 6-6, बागेश्वर और चंपावत जिले में एक-एक, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उधम सिंह नगर और उत्तरकाशी जिले में 2-2, अल्मोड़ा जिले में 3, नैनीताल जिले में 5 और चमोली जिले में 4 नए मामले सामने आए हैं.

वहीं, दून मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर, डॉ. अमित अरुण ने बताया कि किसी भी जगह पर अगर तमाम लोग इकट्ठा है और उन लोगों में से अगर एक भी व्यक्ति संक्रमित है तो वह करीब 100 लोगों को संक्रमित कर सकता है और वो सौ लोग एक हजार लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. ऐसे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है कि कोरोना संक्रमण अभी गया नहीं है, बल्कि हमारे बीच में ही मौजूद है. लिहाजा, लोगों को सावधानियां बरतने की जरूरत है.

डॉ. अमित ने बताया कि साइंटिफिक तौर पर देखें तो पानी में कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना कम हैं, लेकिन अगर तमाम लोग एक साथ इकट्ठा होकर झरने या फिर स्विमिंग पूल में नहा रहे हैं तो उससे संक्रमण फैलने का खतरा जरूर बढ़ जाता है.

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में आने वाले पर्यटक आ सकते हैं, लेकिन कोविड-19 के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा. हालांकि, बीते दिन कैंपटी फॉल में भी सैलानियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, जिस सिलसिले में स्थानीय पुलिस अधिकारी से बातचीत भी की है. क्योंकि, पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वहां की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करें.

साथ ही सतपाल महाराज ने पर्यटकों से आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लाने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. ऐसा ना होने पर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां एक बार फिर से रुक जाएंगी. लिहाजा, लोगों को सहयोग करने की भी जरूरत है.

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने बताया कि सरकार की नादानियों की वजह से ही कुंभ मेले के दौरान कोरोना संक्रमण का और प्रसार हुआ था. बावजूद इसके, एक बार फिर ऐसी ही लापरवाही, उत्तराखंड सरकार करने लगी है. क्योंकि, तीसरी लहर की दस्तक कभी भी हो सकती है, लेकिन राज्य सरकार पर्यटन गतिविधियों पर जोर दे रही है.

ऐसे में अगर पर्यटन स्थलों पर भीड़भाड़ होती रही तो इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा है और यह उत्तराखंड के लोगों के साथ खिलवाड़ होगा. लिहाजा, उत्तराखंड सरकार को अभी से ही अलर्ट होने की जरूरत है. यही नहीं हाईकोर्ट ने इन्हीं सब चीजों को देखते हुए ही चारधाम यात्रा पर रोक लगाई है. ऐसे में पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारियों को सचेत होने की जरूरत है.

Last Updated : Jul 11, 2021, 1:58 PM IST
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