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चारधाम यात्रा पर मंडराया कोरोना 'संकट', व्यवसायियों ने सरकार से लगाई गुहार

कुछ दिनों में चारधाम यात्रा भी शुरू होनी है. लेकिन लगता है कि चारधाम यात्रा पर कोरोना संकट मंडरा रहा है. अब व्यवसायियों ने सरकार से गुहार लगाई है.

rishikesh news
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Published : Apr 7, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Apr 7, 2020, 9:05 PM IST

ऋषिकेश: कोरोना वायरस के प्रभाव से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जिस तरह कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, उससे चारधाम यात्रा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि यात्रा मई में शुरू होगी तो यात्रा का जोर पकड़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. यात्रा सितंबर माह में थोड़ी बहुत चल सकती है. हालांकि, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने एक बयान जारी किया है कि केंद्र के निर्देशानुसार ही यात्रा का संचालन शुरू किया जाएगा.

चारधाम यात्रा पर मंडराया कोरोना 'संकट'.

वहीं यात्रा के जोर पकड़ने की संभावना कम होता देख यात्रा में चलने वाली बसों के स्वामी एवं चालक-परिचालकों के आगे आजीविका का संकट आ सकता है. जिसे देखते हुए संयुक्त रोटेशन समिति के अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि गाड़ियों के फिटनेस, लाइसेंस नवीनीकरण एवं बीमा की अविधि 6 माह बढ़ा दी जाए.

पढ़े: उत्तराखंड पुलिस के 'वॉरियर्स' होंगे और मजबूत, मिलेगा PPE किट

साथ ही 2013 में आई आपदा की तरह वाहनों का 2 साल के लिए टैक्स माफ किया जाए. इसके अलावा वाहन चालक-परिचालक एवं स्वामियों, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनको अन्य राज्यों की तरह राहत पैकेज प्रदान किए जाएं.

ऋषिकेश: कोरोना वायरस के प्रभाव से पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. जिस तरह कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, उससे चारधाम यात्रा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि यात्रा मई में शुरू होगी तो यात्रा का जोर पकड़ना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. यात्रा सितंबर माह में थोड़ी बहुत चल सकती है. हालांकि, उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने एक बयान जारी किया है कि केंद्र के निर्देशानुसार ही यात्रा का संचालन शुरू किया जाएगा.

चारधाम यात्रा पर मंडराया कोरोना 'संकट'.

वहीं यात्रा के जोर पकड़ने की संभावना कम होता देख यात्रा में चलने वाली बसों के स्वामी एवं चालक-परिचालकों के आगे आजीविका का संकट आ सकता है. जिसे देखते हुए संयुक्त रोटेशन समिति के अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि गाड़ियों के फिटनेस, लाइसेंस नवीनीकरण एवं बीमा की अविधि 6 माह बढ़ा दी जाए.

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साथ ही 2013 में आई आपदा की तरह वाहनों का 2 साल के लिए टैक्स माफ किया जाए. इसके अलावा वाहन चालक-परिचालक एवं स्वामियों, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनको अन्य राज्यों की तरह राहत पैकेज प्रदान किए जाएं.

Last Updated : Apr 7, 2020, 9:05 PM IST
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