देहरादूनः प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. देहरादून में कोरोना के ग्राफ को रोकने के लिए प्रशासन को अब शनिवार, रविवार को लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ रहा है. लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि लोग अपना बुखार छिपा रहे हैं. संक्रमित होने के बाद सोसाइटी में घुल मिल रहे हैं. इससे कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है.
कोरोना संक्रमण बढ़ने से चिकित्सक भी चिंतित हैं. चिकित्सकों का कहना है कि लोग डर के कारण अपना बुखार छिपा रहे हैं. उनका कहना है कि लोगों को बुखार आने पर पैरासिटामोल खा रहे हैं और ये मान रहे हैं कि अब स्वस्थ हो जाएंगे. ऐसे लोग कोविड टेस्ट कराने से भी परहेज कर रहे हैं.
विशेषज्ञ की माने तो इस तरह की टेंडेंसी डॉक्टरों में भी देखी जा रही है कि वह मरीजों के दबाव में टाइफाइड आदि की जांच लिख रहे हैं. लेकिन यह स्थिति चिंताजनक है. एक बुखार का केस कई लोगों को संक्रमित कर रहा है. यही कारण है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
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कोरोनेशन अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक और मुख्यमंत्री के फिजिशियन डॉ. एनएस बिष्ट ने बताया कि इस तरह के मरीज अपना बुखार छुपाकर संक्रमित होने के बाद सोसाइटी के साथ घुल मिल रहे हैं. ऐसे मरीजों को सामने आकर सबसे पहले कोविड जांच करवानी चाहिए, ताकि अपने परिजनों और समाज के लोगों में संक्रमण न फैले.
डॉ बिस्ट के मुताबिक कोरोना वायरस आरएनए वायरस होता है. यह वायरस अपना रूप बदलता रहता है. इनका जीनोम अनस्टेबल होता है. ऐसे में यह कहना अतिशयोक्ति होगी कि यह नया वायरस सामने आया है. जबकि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश और प्रदेश में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखकर लग रहा है कि इस वायरस का फैलाव ज्यादा है.