देहरादून: उत्तराखंड में चुनाव नजदीक आते ही कई ऐसे राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं, जो प्रदेश की सर्द हवाओं में गर्माहट पैदा कर रहे हैं. देहरादून में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और हरीश रावत के बीच की मुलाकात भी कुछ ऐसे ही घटनाक्रम से जोड़कर देखी जा रही है. हालांकि राजनीतिक रूप से इस मुलाकात के कोई भी मायने निकाले जाएं, लेकिन हरक सिंह रावत को लगता है कि इन दोनों ही नेताओं की मुलाकात कोई बड़ा धमाका नहीं कर सकती, क्योंकि यह दोनों ही दगे हुए कारतूस हैं.
डिफेंस कॉलोनी में मिले हरदा-त्रिवेंद्र: उत्तराखंड में हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनीतिक रूप से हरक सिंह के विरोधी माने जाते हैं. त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी हरीश रावत से पर्दे के पीछे की दोस्ती हमेशा ही चर्चाओं में रही है. एक बार फिर यह दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्री चर्चाओं में हैं. एक दिन पहले ही इन दोनों ही दिग्गज नेताओं ने देहरादून के डिफेंस कॉलोनी में बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुलाकात की. चुनाव से पहले इन दोनों नेताओं की मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन इस मुलाकात के बाद प्रदेश में दलबदल को लेकर भाजपा में हड़कंप की स्थिति दिखाई दी.
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दोनों दिग्गजों की मुलाकात से नहीं होगा बड़ा धमाका: वहीं, दोनों की दिग्गजों की मुलाकात पर हरक सिंह का बयान आया है. ये बयान ऐसा है कि इससे उत्तराखंड की राजनीति में द्वंद होना तय है. हरक सिंह रावत ने इन दोनों ही नेताओं की मुलाकात पर बोलते हुए कहा कि यह मुलाकात सामान्य रूप से देखी जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि इस मुलाकात से कोई बड़ा धमाका होगा. हरक सिंह रावत ने कहा जैसे बारूद को एक बार यूज करने पर दोबारा इसका इस्तेमाल करने पर धमाका नहीं होता, इसी तरह से इन दोनों नेताओं की मुलाकात कोई बड़ी बात नहीं है.
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वह भी चाहते हैं कि सभी उनसे मिलें: हरक सिंह रावत ने कहा इन दोनों नेताओं की मुलाकात सामान्य बात है. वह भी चाहते हैं कि सभी उनसे मिले, लेकिन एक तरफ कोटद्वार में कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी उनसे मिलना नहीं चाहते तो दूसरी तरफ हरीश रावत और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उनसे कुछ कटे कटे रहते हैं. उन्होंने कहा प्रदेश बेहद छोटा है, इस छोटे से प्रदेश में ऐसी नाराजगी जायज नहीं. हरक सिंह रावत ने कहा सभी को मिलकर रहना चाहिए.