देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस को एक और झटका लगता दिख रहा है. विधानसभा में दो तिहाई बहुमत न पाने के कारण अब कांग्रेस के हाथ से प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट भी जाने वाली है. जुलाई महीने में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इसके बाद चुनाव होना है. जिससे साफ है कि राज्यसभा की ये सीट भाजपा के खाते में जाने वाली है.
उत्तराखंड कांग्रेस को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. पहले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस नेताओं की आपसी खींचतान. फिर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का इस्तीफा और अब जुलाई महीने में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. कांग्रेस के पास विधानसभा में दो तिहाई बहुमत नहीं है. इससे साफ है कि कांग्रेस के पास से राज्यसभा की सीट भी जाने वाली है.
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गौरतलब है कि उत्तराखंड की तीन राज्यसभा सीटों में दो सीटें भाजपा के पास व एक सीट से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा सांसद हैं. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा का कार्यकाल इस साल जुलाई महीने में समाप्त हो रहा है. इसके बाद कांग्रेस के हाथ से यह सीट भी चली जाएगी. क्योंकि कांग्रेस के पास राज्यसभा सीट बचाने के लिए प्रदेश में बहुमत नहीं है. इसलिए अब कांग्रेस उत्तराखंड में इस महत्वपूर्ण सीट को भी गंवा देगी.
राज्यसभा सीट पर प्रदेश में दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता पक्ष अपना सांसद चुनकर भेजती है. इसके तहत साफ है कि भाजपा के पास 47 विधायक हैं तो वहीं कांग्रेस के पास मात्र 19 सीटें हैं. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्ता पक्ष का प्रत्याशी ही राज्यसभा सांसद चुनकर जाता है. लेकिन जो सोच रहे हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत बनेगा, वह भरम में हैं. क्योंकि कांग्रेस एक विचारधारा है.