देहरादून: प्रदेश सरकार उत्तराखंड में ब्रिटिश काल के दौरान रखे गए शहरों, कस्बों और चौक चौराहों के नामों को बदलकर अब नए नामों के लिए प्रस्ताव बनाने की तैयारियों में जुटी हुई है. जिसमें राज्य के कई शहर, कस्बे चौक चौराहे और सड़कें शामिल हैं. इधर, पौड़ी जिले के लैंसडाउन शहर का भी सरकार अब दूसरा नाम (Lansdowne name change) रखने जा रही है. ऐसे में लैंसडाउन से कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं (Congress leader Anukriti Gusain) ने इस पर आपत्ति जताते हुए सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े किये हैं.
कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं (Congress leader Anukriti Gusain) ने कहा कि सरकार को चाहिए कि पहाड़ों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने कहा कि आज भी लैंसडाउन के कई इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, लेकिन सरकार को उनकी सुध रहने की बजाय क्षेत्र के नाम पर बदलाव की चिंता ज्यादा है. उन्होंने कहा कि लैंसडाउन कैंटोनमेंट बोर्ड (Lansdowne Cantonment Board) के तहत आता है. जिस कारण यहां रह रहे स्थानीय लोगों और दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि यहां की जनता को राहत देते हुए उसे कैंट बोर्ड का एक्ट खत्म करना चाहिए.
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अनुकृति गुसाईं का कहना है कि आज देश विदेश का टूरिस्ट लैंसडाउन पहुंचता है. लेकिन वहां आज भी सड़कों और अस्पतालों की हालत दयनीय है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं यदि कहीं हो रही है तो लैंसडाउन के भीतर हो रही हैं. अगर, सरकार को कुछ बदलना है तो लैंसडाउन की परिस्थितियों को बदलना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हीं सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार इस तरह के प्रपंचों का इस्तेमाल कर रही है.
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा (Congress state president Karan Mahra) ने भी सरकार पर नए-नए शिगूफे छोड़ने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हम नहीं मानते की लैंसडाउन गुलामी का प्रतीक है. क्योंकि, इस नाम की अपनी एक अलग पहचान है और तमाम उपलब्धियां इस नाम के साथ जुड़ी हुई हैं. उनका कहना है कि भाजपा सरकार रोज नए-नए शिगूफे छोड़कर जनता का ध्यान मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है.