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हरिद्वार में आचार संहिता लगने के बावजूद ट्रांसफर पर बिफरी कांग्रेस, कार्रवाई की मांग - यूपीसीएल के अधिकारियों तबादला

हरिद्वार पंचायत चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है. इसी बीच यूपीसीएल के अभियंताओं का ट्रांसफर किया गया है. जिसे लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि ट्रांसफर प्रक्रिया सीधे आचार संहिता का उल्लंघन है.

Garima Mehra Dasauni
गरिमा मेहरा दसौनी
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Published : Sep 9, 2022, 9:54 PM IST

हरिद्वारः कांग्रेस ने हरिद्वार पंचायत चुनाव के बावजूद धड़ल्ले से किए जा रहे तबादलों पर नाराजगी जताई है. कांग्रेस का कहना है कि हरिद्वार जिले में आचार संहिता लगने के बावजूद सरकार वहां पर तबादले (UPPCL Engineers transfer) करने में लगी हुई है. जो राज्य निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाने जैसा है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Mehra Dasauni) ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपीसीएल ने बड़े पैमाने पर सीनियर इंजीनियरों के तबादले किए हैं. जिसमें हरिद्वार जिला भी शामिल है. कांग्रेस ने तबादलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरिद्वार जिले में आचार संहिता लग चुकी है. ऐसे में तबादले चुनाव के बाद भी कराए जा सकते थे.

PCL Officer Transfer in Uttarakhand
यूपीसीएल के अभियंताओं का ट्रांसफर.

उत्तराखंड में जो सरकार सत्ता में है, उसे न तो लोकतंत्र में कोई विश्वास है और न ही उस सरकार की संविधान में आस्था है. उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि हरिद्वार में जल्द ही पंचायत चुनाव (Haridwar Panchayat Election) होने जा रहे हैं, ऐसे में नामांकन गतिमान है. इस वक्त पर यह तबादले राज्य निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाने (Code of conduct in Haridwar) जैसा है.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार पंचायत चुनाव: टिकट बंटवारे को लेकर BJP कार्यालय में हंगामा, जिलाध्यक्ष की कार पर मुक्का मारा

गरिमा दसौनी का ये भी कहना है कि यूपीसीएल सरकार (Uttarakhand Power Corporation Limited) का ही हिस्सा है. ऐसे में अपेक्षा की जाती है कि उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission Uttarakhand) की ओर इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए इन सभी तबादलों को निरस्त किया जाएगा और आचार संहिता का उल्लंघन (Model Code of Conduct Violation) करने वाले अधिकारियों के साथ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर कांग्रेस की ओर से एक सूची भी जारी की गई है.

हरिद्वार में पंचायत चुनावः बता दें कि उत्तराखंड में हरिद्वार जिला ऐसा है, जहां पंचायत चुनाव राज्य के बाकी 12 जिलों के साथ नहीं होते हैं. राज्य गठन के बाद से ही यह परिपाटी जारी है. बीते साल मार्च से जून के बीच पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था. अब पंचायत चुनाव को लेकर तिथि का ऐलान हो गया है.

बीती 6 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया (Nomination for Election In Haridwar) शुरू हुई. जिसके बाद 9 से 11 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. वहीं, 12 सितंबर को नामांकन वापस लेने की तिथि होगी और 13 सितंबर को प्रतीकों का आवंटन होगा. मतदान 26 सितंबर (Voting For Panchayat Election) और मतगणना 29 सितंबर को होगी.

हरिद्वारः कांग्रेस ने हरिद्वार पंचायत चुनाव के बावजूद धड़ल्ले से किए जा रहे तबादलों पर नाराजगी जताई है. कांग्रेस का कहना है कि हरिद्वार जिले में आचार संहिता लगने के बावजूद सरकार वहां पर तबादले (UPPCL Engineers transfer) करने में लगी हुई है. जो राज्य निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाने जैसा है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Mehra Dasauni) ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपीसीएल ने बड़े पैमाने पर सीनियर इंजीनियरों के तबादले किए हैं. जिसमें हरिद्वार जिला भी शामिल है. कांग्रेस ने तबादलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरिद्वार जिले में आचार संहिता लग चुकी है. ऐसे में तबादले चुनाव के बाद भी कराए जा सकते थे.

PCL Officer Transfer in Uttarakhand
यूपीसीएल के अभियंताओं का ट्रांसफर.

उत्तराखंड में जो सरकार सत्ता में है, उसे न तो लोकतंत्र में कोई विश्वास है और न ही उस सरकार की संविधान में आस्था है. उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि हरिद्वार में जल्द ही पंचायत चुनाव (Haridwar Panchayat Election) होने जा रहे हैं, ऐसे में नामांकन गतिमान है. इस वक्त पर यह तबादले राज्य निर्वाचन आयोग को ठेंगा दिखाने (Code of conduct in Haridwar) जैसा है.
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गरिमा दसौनी का ये भी कहना है कि यूपीसीएल सरकार (Uttarakhand Power Corporation Limited) का ही हिस्सा है. ऐसे में अपेक्षा की जाती है कि उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission Uttarakhand) की ओर इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए इन सभी तबादलों को निरस्त किया जाएगा और आचार संहिता का उल्लंघन (Model Code of Conduct Violation) करने वाले अधिकारियों के साथ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर कांग्रेस की ओर से एक सूची भी जारी की गई है.

हरिद्वार में पंचायत चुनावः बता दें कि उत्तराखंड में हरिद्वार जिला ऐसा है, जहां पंचायत चुनाव राज्य के बाकी 12 जिलों के साथ नहीं होते हैं. राज्य गठन के बाद से ही यह परिपाटी जारी है. बीते साल मार्च से जून के बीच पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था. अब पंचायत चुनाव को लेकर तिथि का ऐलान हो गया है.

बीती 6 सितंबर से नामांकन प्रक्रिया (Nomination for Election In Haridwar) शुरू हुई. जिसके बाद 9 से 11 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. वहीं, 12 सितंबर को नामांकन वापस लेने की तिथि होगी और 13 सितंबर को प्रतीकों का आवंटन होगा. मतदान 26 सितंबर (Voting For Panchayat Election) और मतगणना 29 सितंबर को होगी.

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