देहरादून: कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव इन दिनों उत्तराखंड दौरे पर हैं. आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने आज प्रदेश के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और इसी सिलसिले में प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार देहरादून पहुंचे देवेंद्र यादव अपने बात रखने वाले थे लेकिन तभी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस प्रभारी के रुख बेहद सख्त दिखा और उन्होंने सीधे-सीधे सीएम का इस्तीफा मांगा है.
पत्रकार उमेश जे कुमार के स्टिंग का जिक्र करते हुये देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद का फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है. हाईकोर्ट ने इसी बात का संज्ञान लिया है और उमेश जे कुमार की याचिका में लगाए गए सभी आरोपों के आधार पर दो दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. इसको देखते हुये तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा लिया जाना चाहिए.
यादव ने कहा कि हमेशा से कांग्रेस के आवाज को दबाया गया है लेकिन अब वो अपनी आवाज को बुलंद करते हुये इस मामले को राज्यपाल तक लेकर जाएंगे और समय मिला तो आज शाम ही उनसे मुलाकात करेंगे. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जबतक मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देते तबतक कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी.
देवेंद्र यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुये कहा कि कांग्रेस लगातार त्रिवेंद्र सरकार की नाकामियों को उठाते हुए प्रदर्शन करती रही है. कांग्रेस को उम्मीद है कि सीबीआई इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी. हालांकि, पिछले कुछ सालों से सीबीआई सरकार के तोते के रूप में काम कर रही है.
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गौर हो कि उत्तराखंड हाईकोर्ट से सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंपी है. हाईकोर्ट ने सीबीआई को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ केस दर्ज कर करप्शन के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही पत्रकार उमेश शर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की छवि बिगाड़ने के मामले में दर्ज FIR को भी रद्द करने का आदेश दिया है. उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून के एक थाने में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के आदेश देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकल पीठ ने यह भी कहा कि इस मामले के सभी दस्तावेज अदालत में जमा कराए जाएं.
क्या है पूरा मामला
देहरादून निवासी सेवानिवृत्त प्रो हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2016 को देहरादून थाने में पत्रकार उमेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, बदनाम करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें कहा गया था कि उमेश शर्मा के द्वारा उनके खिलाफ सोशल मीडिया में खबर चलाई थी कि हरेंद्र और उनकी पत्नी सविता के द्वारा नोटबंदी के दौरान झारखंड से अमृतेश चौहान के खाते में पैसे जमा करवाएं और यह पैसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने की बात कही गई थी.
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तहरीर में शिकायतकर्ता ने कहा कि, उनकी पत्नी मुख्यमंत्री के पत्नी की बहन नहीं हैं. जो भी तथ्य बताए गए हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं. उमेश शर्मा के द्वारा उनके बैंक के कागजात गलत तरीके से बनवाए हैं और उनके द्वारा उनके बैंक खातों की सूचना गैरकानूनी तरीके से प्राप्त की है. मामला सामने आने के बाद इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा उमेश शर्मा समेत अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह, गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था.