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सिलक्यारा टनल हादसे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कंपनी से साठगांठ का लगाया आरोप, रिकॉर्ड पर उठाये सवाल

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 22, 2023, 10:42 AM IST

Updated : Nov 30, 2023, 1:06 PM IST

Congress on Silkyara Tunnel accident उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे पर कांग्रेस लगातार हमलावर है. कांग्रेस इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार दोनों को घेर रही है. साथ ही कांग्रेस ने मामले में कंपनी और राज्य सरकार के बीच साठगांठ का आरोप लगाया है.

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सिलक्यारा टनल हादसे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी सिलक्यारा टनल हादसे पर विपक्ष को इस मामले में राजनीति नहीं करने की सलाह दे रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नकारात्मक और राज्य को बदनाम करने वाली घृणित राजनीति कर रही है. वहीं, इस मामले पर कांग्रेस ने एक बार भाजपा पर पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा भाजपा को केंद्र में साढ़े नौ साल और राज्य में 7 साल हो चुके हैं, यह एक लंबी अवधि होती है. लेकिन सिलक्यारा घटना से यह साफ हो गया है कि धरातल पर स्थिति क्या है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कंपनी से राज्य सरकार की साठगांठ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा जिस कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब हुआ हो और उसके ऊपर बीते अगस्त में महाराष्ट्र के थाने में 20 मजदूरों के मौत का आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, उस कंपनी को ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 2000 करोड़ से भी ज्यादा का काम किस आधार पर दिया गया. गरिमा ने कहा 11 दिन से 41 मजदूर अंदर फंसे हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री 10 वें दिन मौके पर पहुंचते हैं. यह उनकी गंभीरता को दिखाता है.

पढे़ं- टनल में डाले गये 800 एमएम के छह पाइप, 60 में से 36 मीटर तक पूरी हुई ड्रिलिंग, जल्द मिल सकती है सफलता

उन्होंने कहा यही 41 लोग अगर अमीर और रसूखदार होते तो अब तक रेस्क्यू कर लिए गए होते. लेकिन टनल के अंदर फंसे लोग श्रमिक हैं. इसलिए रेस्क्यू में इतना समय लग रहा है. गरिमा दसौनी ने कहा विपक्ष विकास विरोधी नहीं है, लेकिन उत्तराखंड को विकास लोगों की जान की और अपने पर्यावरण की कीमत पर तो बिल्कुल नहीं चाहिए. ऐसे में उत्तराखंड जैसे भौगोलिक विषमता वाले राज्य में निर्माण कार्य करने से पहले हर प्रकार का सर्वेक्षण कर लेना जरूरी है. कांग्रेस ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की बात किसी मनोवैज्ञानिक से करवाई जाती. उन्हें इस मुश्किल घड़ी में खुद को कैसे संभालना है यह भी बताया जाता, परंतु ऐसा नहीं किया गया है.

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी सिलक्यारा टनल हादसे पर विपक्ष को इस मामले में राजनीति नहीं करने की सलाह दे रही है. भाजपा का कहना है कि कांग्रेस नकारात्मक और राज्य को बदनाम करने वाली घृणित राजनीति कर रही है. वहीं, इस मामले पर कांग्रेस ने एक बार भाजपा पर पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा भाजपा को केंद्र में साढ़े नौ साल और राज्य में 7 साल हो चुके हैं, यह एक लंबी अवधि होती है. लेकिन सिलक्यारा घटना से यह साफ हो गया है कि धरातल पर स्थिति क्या है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कंपनी से राज्य सरकार की साठगांठ का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा जिस कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड खराब हुआ हो और उसके ऊपर बीते अगस्त में महाराष्ट्र के थाने में 20 मजदूरों के मौत का आपराधिक मुकदमा दर्ज हो, उस कंपनी को ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का 2000 करोड़ से भी ज्यादा का काम किस आधार पर दिया गया. गरिमा ने कहा 11 दिन से 41 मजदूर अंदर फंसे हैं, लेकिन प्रभारी मंत्री 10 वें दिन मौके पर पहुंचते हैं. यह उनकी गंभीरता को दिखाता है.

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उन्होंने कहा यही 41 लोग अगर अमीर और रसूखदार होते तो अब तक रेस्क्यू कर लिए गए होते. लेकिन टनल के अंदर फंसे लोग श्रमिक हैं. इसलिए रेस्क्यू में इतना समय लग रहा है. गरिमा दसौनी ने कहा विपक्ष विकास विरोधी नहीं है, लेकिन उत्तराखंड को विकास लोगों की जान की और अपने पर्यावरण की कीमत पर तो बिल्कुल नहीं चाहिए. ऐसे में उत्तराखंड जैसे भौगोलिक विषमता वाले राज्य में निर्माण कार्य करने से पहले हर प्रकार का सर्वेक्षण कर लेना जरूरी है. कांग्रेस ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की बात किसी मनोवैज्ञानिक से करवाई जाती. उन्हें इस मुश्किल घड़ी में खुद को कैसे संभालना है यह भी बताया जाता, परंतु ऐसा नहीं किया गया है.

Last Updated : Nov 30, 2023, 1:06 PM IST
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