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सदन में गूंजा स्टिंग मामला, विपक्ष ने कहा- CM का नाम आने से मामला हुआ गंभीर - मदन कौशिक

कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामला अगर कोर्ट में है तो चर्चा संभव नहीं है.  जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

सदन में जाते हुए सीएम त्रिवेंद्र
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Published : Jun 26, 2019, 9:40 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 10:50 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन सदन शुरू होते ही कांग्रेस ने सभी नियमों का निलंबन करते हुए सीएम के करीबियों पर लेनदेन का आरोप लगाया. साथ ही इस पर चर्चा की मांग की. जिस पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सदन में जवाब दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. जिस वजह से सदन के भीतर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती.

पढ़ें- स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को दी गई भू-समाधि, श्रद्धांजलि देने पहुंचे रक्षा मंत्री समेत कई बड़ी हस्तियां

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के करीबियों के बीच लेनदेन के वीडियो का मुद्दा उठाया. इस पर अविलंब नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की गई. इस पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जबाव दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. बावजूद इसके कांग्रेस लगातार चर्चा की मांग पर अड़ी रही. अपनी मांग के समर्थन में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने लेनदेन से संबंधित पेन ड्राइव भी दिखाए. साथ ही कहा कि सदन में इसका वीडियो दिया जा चुका है.

सदन में गूंजा स्टिंग मामला

सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में पीठ को गुमराह किया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम आने से यह मामला और गंभीर हो जाता है. इसलिए इस पर चर्चा जरूरी है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह मामला दूसरा है और न्यायालय में विचाराधीन नहीं है. यह सीएम के करीबियों का स्टिंग है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक बोले- उनके सवालों से गिर सकती है सरकार, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने कहा कि जिस तरह प्रकाश पंत सरकार के मंत्रियों का बचाव, विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर और विपक्ष को संतुष्ट करते हुए सदन में जवाब देते थे, वैसे में आज उनकी कमी खल रही है. पिछली बार बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर जब विपक्ष ने मुख्यमंत्री के स्टिंग मामले को उठाया तो उसमें बहुत ही अच्छी तरीके से प्रकाश पंत ने प्रतिभाग किया था. इससे साफ जाहिर होता है कि कितने खुले सोच के व्यक्ति प्रकाश पंत थे.

कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामला अगर कोर्ट में है तो चर्चा संभव नहीं है. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन सदन शुरू होते ही कांग्रेस ने सभी नियमों का निलंबन करते हुए सीएम के करीबियों पर लेनदेन का आरोप लगाया. साथ ही इस पर चर्चा की मांग की. जिस पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सदन में जवाब दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. जिस वजह से सदन के भीतर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती.

पढ़ें- स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी को दी गई भू-समाधि, श्रद्धांजलि देने पहुंचे रक्षा मंत्री समेत कई बड़ी हस्तियां

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के करीबियों के बीच लेनदेन के वीडियो का मुद्दा उठाया. इस पर अविलंब नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की गई. इस पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जबाव दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. बावजूद इसके कांग्रेस लगातार चर्चा की मांग पर अड़ी रही. अपनी मांग के समर्थन में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने लेनदेन से संबंधित पेन ड्राइव भी दिखाए. साथ ही कहा कि सदन में इसका वीडियो दिया जा चुका है.

सदन में गूंजा स्टिंग मामला

सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में पीठ को गुमराह किया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम आने से यह मामला और गंभीर हो जाता है. इसलिए इस पर चर्चा जरूरी है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह मामला दूसरा है और न्यायालय में विचाराधीन नहीं है. यह सीएम के करीबियों का स्टिंग है.

पढ़ें- कांग्रेस विधायक बोले- उनके सवालों से गिर सकती है सरकार, सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने कहा कि जिस तरह प्रकाश पंत सरकार के मंत्रियों का बचाव, विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर और विपक्ष को संतुष्ट करते हुए सदन में जवाब देते थे, वैसे में आज उनकी कमी खल रही है. पिछली बार बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर जब विपक्ष ने मुख्यमंत्री के स्टिंग मामले को उठाया तो उसमें बहुत ही अच्छी तरीके से प्रकाश पंत ने प्रतिभाग किया था. इससे साफ जाहिर होता है कि कितने खुले सोच के व्यक्ति प्रकाश पंत थे.

कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामला अगर कोर्ट में है तो चर्चा संभव नहीं है. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

Intro:विधानसभा मानसून सत्र का तीसरा और अंतिम दिन काफी हंगामेदार रहा। और इस दौरान कांग्रेस के तेवर भ्रष्टाचार को लेकर काफी तल्ख रहे। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने समस्त नियमों का निलंबन करते हुए मुख्यमंत्री के करीबियों पर लेनदेन का आरोप लगाया और इस मामले पर नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सदन के भीतर विपक्ष को जवाब में कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।


Body:जिस वजह से सदन के भीतर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। हालांकि संसदीय कार्यमंत्री द्वारा दिए गए जवाब से विपक्ष असंतुष्ट नजर आई और अपना हंगामा जारी रखा। और हंगामे के बीच ही विपक्षी विधायक बेल में उतारा है और बेल में धरने पर बैठकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच सरकार ने उत्तराखंड पंचायती राज एक्ट "संशोधन" विधेयक 2019 सदन में पारित करा दिया। स्टिंग मुद्दे पर सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्यों के बीच नोक-झोंक चलती रही। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।


मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने स्वामी सत्यमित्रानंद के ब्रह्मलीन होने और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के पुत्र अंकुर पांडेय के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ा। जिसके बाद 2 मिनट का मौन रख सदन की कार्यवाही सुरु हुई। सत्र सुरु होते ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के करीबियों के बीच लेनदेन के वीडियो का मसला उठाते हुए, इस पर अविलंब नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। इस पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जबाव दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नही हो सकती। 


इसके बावजूद कांग्रेस लगातार चर्चा की मांग पर अड़ी रही। अपनी मांग के समर्थन में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने लेनदेन से संबंधित पेन ड्राइव भी दिखाए। साथ ही कहा कि सदन में इसकी वीडियो दी जा चुकी है। कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में पीठ को गुमराह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का नाम आने से यह मामला और गंभीर हो जाता है। इसलिए इस पर चर्चा जरूरी है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह मामला दूसरा है और न्यायालय में विचाराधीन नहीं है। यह सीएम के करीबियों का स्टिंग है।  


कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सदन नियमों से ही चलेगा। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जबाव दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नही हो सकती। गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामला अगर कोर्ट में है तो चर्चा संभव नहीं है।

बाइट - इन्दिरा हृदयेश, नेता प्रतिपक्ष
बाइट - मदन कौशिक, संसदीय कार्यमंत्री


Conclusion:
Last Updated : Jun 26, 2019, 10:50 PM IST
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