देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन सदन शुरू होते ही कांग्रेस ने सभी नियमों का निलंबन करते हुए सीएम के करीबियों पर लेनदेन का आरोप लगाया. साथ ही इस पर चर्चा की मांग की. जिस पर संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने सदन में जवाब दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है. जिस वजह से सदन के भीतर इस पर चर्चा नहीं की जा सकती.
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के करीबियों के बीच लेनदेन के वीडियो का मुद्दा उठाया. इस पर अविलंब नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की गई. इस पर संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने जबाव दिया कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. बावजूद इसके कांग्रेस लगातार चर्चा की मांग पर अड़ी रही. अपनी मांग के समर्थन में उप नेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने लेनदेन से संबंधित पेन ड्राइव भी दिखाए. साथ ही कहा कि सदन में इसका वीडियो दिया जा चुका है.
सदन में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में पीठ को गुमराह किया जा रहा है. मुख्यमंत्री का नाम आने से यह मामला और गंभीर हो जाता है. इसलिए इस पर चर्चा जरूरी है. वहीं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह मामला दूसरा है और न्यायालय में विचाराधीन नहीं है. यह सीएम के करीबियों का स्टिंग है.
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उपनेता प्रतिपक्ष करन महरा ने कहा कि जिस तरह प्रकाश पंत सरकार के मंत्रियों का बचाव, विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर और विपक्ष को संतुष्ट करते हुए सदन में जवाब देते थे, वैसे में आज उनकी कमी खल रही है. पिछली बार बजट सत्र के दौरान सदन के भीतर जब विपक्ष ने मुख्यमंत्री के स्टिंग मामले को उठाया तो उसमें बहुत ही अच्छी तरीके से प्रकाश पंत ने प्रतिभाग किया था. इससे साफ जाहिर होता है कि कितने खुले सोच के व्यक्ति प्रकाश पंत थे.
कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और ऐसे में इस पर चर्चा नहीं हो सकती. गतिरोध बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मामला अगर कोर्ट में है तो चर्चा संभव नहीं है. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.