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पंचायत चुनाव: अभी भी पंचायतें प्रशासकों के हवाले, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल - उत्तराखंड कांग्रेस

पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अभी तक निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित नहीं की गई है. ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी हार का सदमा अभी तक बर्दाश्त नहीं कर पाई है.

देहरादून
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Published : Nov 17, 2019, 2:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 संपन्न हो चुके हैं, लेकिन पंचायतें अभी भी प्रशासकों के हवाले हैं. ऐसे में कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.

कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

दरअसल, बीजेपी ने पंचायतों पर काबिज होने के लिए हर तरीका अपनाया. बीजेपी को विश्वास था कि वह सभी सीटों पर कब्जा करेगी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. ऐसे में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारियों के दबाव में अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित नहीं कर रहे हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सत्ताधारी पार्टी हार का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. यही कारण है कि अभी तक शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं की गई है. पंचायत प्रतिनिधि चुन करके आए हैं, उनमें अधिकांश नए हैं, उन्हें प्रक्रियाओं को समझना है.

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इसके साथ ही जोत सिंह बिष्ट ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सरकार पर दबाव बनाएं, जिससे उनके शपथ ग्रहण की तिथि सरकार जारी करे और ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों की पहली बैठक की तिथि भी जारी करे.

देहरादून: उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 संपन्न हो चुके हैं, लेकिन पंचायतें अभी भी प्रशासकों के हवाले हैं. ऐसे में कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.

कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

दरअसल, बीजेपी ने पंचायतों पर काबिज होने के लिए हर तरीका अपनाया. बीजेपी को विश्वास था कि वह सभी सीटों पर कब्जा करेगी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. ऐसे में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारियों के दबाव में अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित नहीं कर रहे हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सत्ताधारी पार्टी हार का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है. यही कारण है कि अभी तक शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं की गई है. पंचायत प्रतिनिधि चुन करके आए हैं, उनमें अधिकांश नए हैं, उन्हें प्रक्रियाओं को समझना है.

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इसके साथ ही जोत सिंह बिष्ट ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सरकार पर दबाव बनाएं, जिससे उनके शपथ ग्रहण की तिथि सरकार जारी करे और ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों की पहली बैठक की तिथि भी जारी करे.

Intro:पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन पंचायतें अभी भी प्रशासकों के हवाले हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार की मंशा पर संदेह जताया है।


Body:कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और जनाधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं और पंचायतें अब भी प्रशासकों के हवाले हैं। यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है। दरअसल भाजपा ने पंचायतों पर काबिज होने के लिए गलत हथकंडे अपनाए। उनकी मंशा थी कि वो सभी सीटों पर कब्जा करेंगे लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। और भाजपा इस सदमे को भूल गई कि पंचायत चुनाव के बाद अगला कदम क्या होता है। दरअसल पंचायतों को प्रशासकों से निर्वाचित प्रतिनिधियों के हवाले कर के शपथ ग्रहण करवा कर बैठकों की तिथि जारी करवाई जाती है। सरकार सदमे की वजह से तिथियां जारी नहीं करवा पा रही हैं जो पंचायत प्रतिनिधि चुन करके आए हैं उनमें अधिकांश लोग नए हैं उन्हें भी अभी प्रक्रियाओं को समझना है । बाइट- जोत सिंह बिष्ट, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और संयोजक जन अधिकार मंच


Conclusion:वहीं उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे सरकार पर दबाव बनाने के लिए यूनाइट होने का काम करें ताकि उनके शपथ ग्रहण की तिथि सरकार जारी करें और ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों की पहली बैठक की तिथि भी जारी करें।
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