देहरादून: उत्तराखंड में दो दिन पहले इसरो के हवाले से यह खबर आई थी कि जोशीमठ की जमीन पिछले 12 दिनों में 5.4 सेंटीमीटर नीचे खिसक गई है. इसके बाद न केवल सरकार बल्कि जोशीमठ के लोगों में भी भय का माहौल बन गया था. लेकिन अब कांग्रेस ने केंद्र और राज्य सरकार पर ये आरोप लगाया है कि बीजेपी की सरकार स्वतंत्र एजेंसियों को भी अपने तरह से चलाना चाहती है. यही कारण है की इसरो ने अपनी दो दिन पहले वाली रिपोर्ट को हटा लिया है.
कांग्रेस नेता गरिमा दसौनी ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) का एक पात्र जारी किया है, जिसमें तमाम उन इंस्टीट्यूट और एक्सपर्ट एजेंसी को जोशीमठ से जुड़ी जानकारियों को साझा करने से मना किया है और कहा गया है कि किसी भी तरह की रिपोर्ट किसी के साथ शेयर ना करें.
गरिमा का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार क्यों ये सब छुपा रही है और क्यों इन संस्थानों पर अपना डंडा चला रही है. एक तरफ सरकार शुचिता की बात करती है और अब ये सब सरकारें कर रही हैं. कांग्रेस ने कहा है कि सरकार को हकीकत सबके सामने लानी चाहिए, ना कि कुछ छुपाने के लिए ये सब करना पड़े.
धन सिंह रावत ने दी जानकारी: आपको बता दें कि दो दिन पहले इसरो ने कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी की थी. इन तस्वीरों में इसरो ने दावा किया था कि 12 दिनों में जोशीमठ करीब 5.4 सेंटीमीटर धंसा है. इस पर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया था कि उन्होंने इसरो के निदेशक से खुद बात की है. इसरो निदेशक ने बताया है कि खबरों में जो जोशीमठ के धंसने की बात कही जा रही है, वो इसरो का आधिकारिक बयान नहीं है.
जोशीमठ में लगातार हो रहा भू-धंसाव: आपको बता दें कि जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ रहे हैं. जमीन का धंसाव लगातार हो रहा है. जोशीमठ शहर को औली से जोड़ने वाली 4.15 किलोमीटर लंबी रोपवे भी पूरी तरह अब खतरे की जद में आ गई है. रोपवे के टावर नंबर 1 के पास बीते दिनों दरारें आने के बाद प्रशासन के द्वारा रोपवे के संचालन पर एहतियातन रोक लगा दी गई थी. देर रात प्लेटफॉर्म पर आई दरारों के बाद भविष्य में भी रोपवे के संचालन को लेकर चिंताए बढ़ गई हैं.
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होटलों को गिराया जा रहा: वहीं, होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन को तोड़ने की कार्रवाई जारी है. मजदूर असुरक्षित बने इन दोनों होटलों को तोड़ने के कार्य में लगे हैं. होटल मलारी और होटल माउंट व्यू इन बहुमंजिला इमारतें हैं. इन पर दरार आने के बाद प्रशासन ने इन्हें असुरक्षित घोषित कर दिया था. इसके बाद इन दोनों होटलों को गिराने का फैसला लिया गया है.