देहरादून/हल्द्वानी: जोशीमठ में आए भू-धंसाव संकट और हाल में हुई पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले पर कांग्रेस पार्टी सरकार को चारों ओर से घेरने की रणनीति के तहत कार्य कर रही है. जहां हल्द्वानी में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार को आड़े हाथों लिया वहीं देहरादून में उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड का सिस्टम इस समय पूरी तरह दरक चुका है. जिस तरह से जोशीमठ में आपदा आई और सरकार किसी तरह की व्यवस्था नहीं कर पाई, ऐसे में एक बार फिर सरकार पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आर्य ने बीती 8 जनवरी को पूरे राज्य में आयोजित हुई पटवारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक हो जाने पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि यह सब घोटाला और पेपर लीक सरकार की नाक के नीचे हो रहे हैं. राज्य के युवाओं के साथ छलावा किया जा रहा है. नकल माफिया राज्य के अंदर हावी है. उनको सरकार और कानून का भय नहीं है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (uksssc) भर्ती घोटाले में भी सरकार से मांग की गई थी कि हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाए, जिस पर सरकार ने अनदेखी की और उसका नतीजा पटवारी भर्ती परीक्षा में देखने को मिला है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी इस पूरी भर्ती परीक्षा में हुए घोटाले की हाईकोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग करती है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में कर्मचारियों और पटवारी की कमी है लोगों को उम्मीद थी कि नए कर्मचारी और पटवारी आएंगे, लेकिन पेपर लीक ने एक बार फिर से युवाओं के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सरकार और शासन नाम की कोई चीज नहीं है, जिसके चलते नकल माफिया हावी हो रहे हैं. गौरतलब है कि 8 जनवरी को उत्तराखंड में हुए पटवारी-लेखपाल परीक्षा भर्ती में पेपर लीक होने के बाद से प्रदेश सरकार और उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) के ऊपर सवाल खड़े होने लगे हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर अब सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई का ऐलान किया है, जिससे उत्तराखंड के युवाओं को इंसाफ मिल सके.
उधर, देहरादून में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने सरकार से आगामी परीक्षाएं जैसे- फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा, पीसीएस मेंस परीक्षा स्थगित किए जाने और तत्काल प्रभाव से लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सीबीआई जांच की मांग उठाई है. भुवन कापड़ी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अभी कुछ दिनों पहले टाइगर जिंदा है फिल्म आई थी और अब प्रदेश में हाकम जिंदा है फिल्म चल रही है.
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उन्होंने कहा कि पटवारी पेपर लीक मामले में लोक सेवा आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का नाम सामने आया है, ये बेहद चिंताजनक है. ये कथित अधिकारी यूकेपीसीएस में अन्य परीक्षाओं से भी जुड़ा हुआ है और यूकेपीसीएस के सिलेबस निर्माण से लेकर वर्तमान पीसीएसजे परीक्षा तक में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, ऐसे में आयोग द्वारा आयोजित करवाई जा रही है अन्य परीक्षाएं भी संदेह के घेरे में आ गई हैं.
कापड़ी का कहना है कि विभिन्न अभ्यर्थियों द्वारा लोअर पीसीएस और एडवोकेट जनरल परीक्षा में भी धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में लोक सेवा आयोग के परीक्षा से जुड़े प्रत्येक कर्मचारी की सीबीआई जांच होनी चाहिए और जांच के द्वारा आयोग के उन सभी कर्मचारियों की पहचान भी की जानी चाहिए जो अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक कर चुके हैं. इसके साथ ही आयोग की ओर से अब तक जो भर्तियां कराई गई हैं वो निरस्त होनी चाहिएं.
उन्होंने सरकार को युवा विरोधी बताते हुए कहा कि यदि सरकार इसमें मजबूत कदम नहीं उठाती है तो मंत्रिमंडल सहित मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने बताया कि पीसीएस मेन का पेपर जुलाई में बना हुआ है और इसके एडमिट कार्ड 13 जनवरी को आयोग द्वारा जारी किया गया है. उप नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि सीबीआई जांच होने से सभी परीक्षाओं की सुचिता और निष्पक्षता बनाई रखी जा सकती है, और इससे उत्तराखंड के युवाओं में विश्वास बढ़ेगा.