डोईवालाः सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला (Community Health Center Doiwala) को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से हटाने और उच्चीकरण की मांग तेज हो गई है. इसी कड़ी में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों और ग्रामीणों का आरोप है कि पीपीपी मोड (PPP Mode) में संचालित करने के बाद अस्पताल की स्थिति और खराब हो गई है. अस्पताल महज रेफर सेंटर बनकर रह गया है.
डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यानी सीएचसी को पीपीपी मोड से हटाने और उच्चीकरण की मांग को लेकर सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब से डोईवाला अस्पताल को पीपीपी मोड़ पर दिया गया है. तब से अस्पताल में सुविधाओं का अभाव बना हुआ है. यहां पर इलाज होने के बजाय रेफर किया जाता है.
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ग्रामीणों का कहना है कि पीपीपी मोड के बाद अस्पताल में न तो डॉक्टर हैं, न ही स्टाफ है. इतना ही नहीं मरीजों के लिए भी कोई सुविधा नहीं और दवाइयां भी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में इसका लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है. वहीं, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द अस्पताल को पीपीपी मोड से न हटाया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ता भूख हड़ताल करने को बाध्य हो होंगे.
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बता दें कि सीएचसी डोईवाला (CHC Doiwala) हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट (himalayan hospital jolly grant) के अधीन है और हिमालयन हॉस्पिटल का स्टाफ ही सीएससी में अपनी सेवाएं दे रहा है. स्थानीय जनता बीते लंबे समय से पीपीपी मोड़ से हटाने की मांग कर रही है. पहले भी कई बार उग्र आंदोलन अस्पताल में कर चुके हैं. अब एक बार फिर से जनता मुखर हो गई है.
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