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सैन्य धाम निर्माण समिति निरस्त किए जाने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सैन्य धाम निर्माण के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निरस्त कर दिया. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है.

कांग्रेस पार्टी ने जताई आपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने जताई आपत्ति
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Published : Apr 8, 2021, 8:13 PM IST

देहरादून: 22 फरवरी 2021 को बनाई गई मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सैन्य धाम निर्माण के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निरस्त कर दिया. जिसको लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने तीरथ सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्व में यह समिति त्रिवेंद्र रावत द्वारा गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव कर रहे थे. ऐसे में हो ना हो कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने यह कदम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को नीचा दिखाने के लिए उठाया है.

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि गणेश जोशी समिति को निरस्त करने के लिए अधिकृत हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री को अध्यक्ष नामित करने का कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को अधिकार किसने दिया. यह पहली बार नहीं हुआ कि किसी मंत्री ने प्रोटोकॉल को तोड़ा है. इससे पहले भी कर्मकार कल्याण बोर्ड में कुछ इस तरह की अराजकता देखने को मिली, जब बोर्ड में घोटाले की पुष्टि होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बोर्ड के अध्यक्ष पद से मंत्री हरक सिंह रावत को हटा दिया था.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में गुरुवार को मिले 787 नए कोरोना संक्रमित, 24 घंटे में तीन मरीजों की मौत

उसके बाद करीब 32 अधिकारियों और कर्मचारियों को घोटाले के आरोप में जांच बैठा दी गई थी, लेकिन ताज्जुब है कि नेतृत्व परिवर्तन के बाद ना सिर्फ इस विभाग की जांच रोक दी गई, बल्कि निलंबित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बहाल कर दिया गया. साथ ही जिस दिन से अधिकारी और कर्मचारी निलंबित किए गए उस तारीख से वेतन भी निर्गत किया गया है.

कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के मंत्रियों की ओर से की जा रही मनमानी के बावजूद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आखिर मौन क्यों हैं? क्या मुख्यमंत्री इसलिए मूकदर्शक बने हुए हैं कि वो उनके विरोध से डरते हैं कि कहीं त्रिवेंद्र रावत के जैसा उनका हश्र भी ना हो.

देहरादून: 22 फरवरी 2021 को बनाई गई मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सैन्य धाम निर्माण के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने निरस्त कर दिया. जिसको लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने तीरथ सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्व में यह समिति त्रिवेंद्र रावत द्वारा गठित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव कर रहे थे. ऐसे में हो ना हो कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने यह कदम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को नीचा दिखाने के लिए उठाया है.

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि गणेश जोशी समिति को निरस्त करने के लिए अधिकृत हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री को अध्यक्ष नामित करने का कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को अधिकार किसने दिया. यह पहली बार नहीं हुआ कि किसी मंत्री ने प्रोटोकॉल को तोड़ा है. इससे पहले भी कर्मकार कल्याण बोर्ड में कुछ इस तरह की अराजकता देखने को मिली, जब बोर्ड में घोटाले की पुष्टि होने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बोर्ड के अध्यक्ष पद से मंत्री हरक सिंह रावत को हटा दिया था.

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उसके बाद करीब 32 अधिकारियों और कर्मचारियों को घोटाले के आरोप में जांच बैठा दी गई थी, लेकिन ताज्जुब है कि नेतृत्व परिवर्तन के बाद ना सिर्फ इस विभाग की जांच रोक दी गई, बल्कि निलंबित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बहाल कर दिया गया. साथ ही जिस दिन से अधिकारी और कर्मचारी निलंबित किए गए उस तारीख से वेतन भी निर्गत किया गया है.

कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश के मंत्रियों की ओर से की जा रही मनमानी के बावजूद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत आखिर मौन क्यों हैं? क्या मुख्यमंत्री इसलिए मूकदर्शक बने हुए हैं कि वो उनके विरोध से डरते हैं कि कहीं त्रिवेंद्र रावत के जैसा उनका हश्र भी ना हो.

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