देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट के बहाली मामले पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है. कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश खनन माफियाओं के कब्जे में है. मामले के तहत, 11 दिसंबर को बागेश्वर में खनन सामग्री के साथ पकड़े गए ट्रकों को छोड़ने के लिए पुलिस प्रशासन को पत्र लिखने के मामले में नंदन सिंह बिष्ट को हटा दिया गया था.
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि सीएम के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट खनन सामग्री से भरे डंपरों को छोड़ने की वकालत करते हैं. मामले उठता है तो सरकार नंदन सिंह बिष्ट को हटा देती है, लेकिन एक महीने बाद फिर बहाल कर दिया जाता है. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात और कुछ नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि इससे जाहिर होता है उत्तराखंड खनन माफियाओं के कब्जे में है और मुख्यमंत्री कार्यालय इन कामों में लिप्त है.
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वहीं, उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार से पूछा जाए कि अब तक प्रदेश में कितने पॉलिटेक्निक, आईटीआई और इंजीनियरिंग कॉलेज खोले, तो सरकार के पास इसके जवाब में कोई शब्द नहीं है. बिष्ट का कहना है कि प्रदेश में तमाम उपलब्धियां एनडी तिवारी शासनकाल की हैं. उन्हीं के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में पॉलिटेक्निक, आईटीआई कॉलेज खोले गए थे.