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108 धरना कर्मियों को मिला कांग्रेस का साथ, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - देहरादून न्यूज

आपातकालीन सेवा 108 और खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. नई कंपनी में समायोजन की मांग को लेकर कर्मचारी चार दिन से कार्य से विरत हैं.

108 Field employee
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Published : Apr 30, 2019, 6:27 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 6:41 PM IST

देहरादून: अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठे 108 एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों फील्ड कर्मचारियों के समर्थन में कांग्रेस भी सड़कों पर उतर गई है. मंगलवार को कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी धरना स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के समर्थन में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

कर्मचारियों का धरना

पढ़ें- फैक्ट्रियों के प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट सख्त, CPCB से मांगी रिपोर्ट

बता दें कि आपातकालीन सेवा 108 और खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों का आंदोलन बीते चार दिनों से जारी है. कर्मचारियों के आंदोलन से प्रदेश में इमरजेंसी सेवाएं पटरी से उतर गई हैं. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नई कंपनी में समायोजित करने के साथ पूर्व की भांति वेतन भत्ता भी दिया जाए.

कर्मचारी नेता रमेश डंगवाल का कहना है कि 717 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है. जबकि स्वास्थ्य विभाग खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी बीजेपी के सभी विधायकों को पत्र भी लिख चुके है. इसके अलावा वे शासन और प्रशासन को भी अपनी मांगों से अवगत करा चुके है, बावजूद उसके कोई भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

पढ़ें- कैम्पटी फॉल आने वाले पर्यटकों को मिलेगी जाम से निजात, तैयारियों में जुटा प्रशासन

वहीं, कांग्रेस को भी घर बैठे सरकार पर हमला करने की मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कंपनी के सभी 717 फील्ड कर्मचारियों को नई कंपनी में नियुक्ति दी जानी चाहिए और सभी कर्मचारियों के वेतन भत्ते पूर्व की भांति होने चाहिए.

धस्माना ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नई कंपनी बीजेपी और आरएसएस द्वारा संचालित मध्य प्रदेश का एक एनजीओ है, जो वहां ब्लैक लिस्टेड है. इस कंपनी को आपातकालीन सेवाओं का कोई अनुभव नहीं है. आखिर कैसे अनुभवहीन कंपनी उत्तराखंड में अपनी आपातकालीन सेवाएं दे सकती है? यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस कंपनी के कार्यालय पर तालाबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेगी.

पढ़ें- देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मार, राज्य सरकार पर 7 करोड़ बकाया

इस बारे में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल ने साफ किया है कि 1 मई से 108 सेवाओं का संचालन कैंप कंपनी करेगी. जिसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नई कंपनी को कुछ नई एंबुलेंस उपलब्ध करवा दी गई है. उत्तराखंड के प्रत्येक जिल में 10 से 12 एंबुलेंसों की तैनाती की जा रही है.

गौरतलब है कि जीवीके इएमआरआई 108 सेवा का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. दोनों कंपनियों के बीच हैंड ओवर और टेक ओवर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. अब 1 मई से 108 सेवा का संचालन कैंप कंपनी करने जा रही है.

देहरादून: अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर बैठे 108 एंबुलेंस सेवा के सैकड़ों फील्ड कर्मचारियों के समर्थन में कांग्रेस भी सड़कों पर उतर गई है. मंगलवार को कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी धरना स्थल पर पहुंचे, जहां उन्होंने आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के समर्थन में राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

कर्मचारियों का धरना

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बता दें कि आपातकालीन सेवा 108 और खुशियों की सवारी के फील्ड कर्मचारियों का आंदोलन बीते चार दिनों से जारी है. कर्मचारियों के आंदोलन से प्रदेश में इमरजेंसी सेवाएं पटरी से उतर गई हैं. कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें नई कंपनी में समायोजित करने के साथ पूर्व की भांति वेतन भत्ता भी दिया जाए.

कर्मचारी नेता रमेश डंगवाल का कहना है कि 717 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं, लेकिन सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है. जबकि स्वास्थ्य विभाग खुद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है. अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी बीजेपी के सभी विधायकों को पत्र भी लिख चुके है. इसके अलावा वे शासन और प्रशासन को भी अपनी मांगों से अवगत करा चुके है, बावजूद उसके कोई भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

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वहीं, कांग्रेस को भी घर बैठे सरकार पर हमला करने की मौका मिल गया है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कंपनी के सभी 717 फील्ड कर्मचारियों को नई कंपनी में नियुक्ति दी जानी चाहिए और सभी कर्मचारियों के वेतन भत्ते पूर्व की भांति होने चाहिए.

धस्माना ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नई कंपनी बीजेपी और आरएसएस द्वारा संचालित मध्य प्रदेश का एक एनजीओ है, जो वहां ब्लैक लिस्टेड है. इस कंपनी को आपातकालीन सेवाओं का कोई अनुभव नहीं है. आखिर कैसे अनुभवहीन कंपनी उत्तराखंड में अपनी आपातकालीन सेवाएं दे सकती है? यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस कंपनी के कार्यालय पर तालाबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेगी.

पढ़ें- देवभूमि के अन्नदाता पर दोहरी मार, राज्य सरकार पर 7 करोड़ बकाया

इस बारे में उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल ने साफ किया है कि 1 मई से 108 सेवाओं का संचालन कैंप कंपनी करेगी. जिसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नई कंपनी को कुछ नई एंबुलेंस उपलब्ध करवा दी गई है. उत्तराखंड के प्रत्येक जिल में 10 से 12 एंबुलेंसों की तैनाती की जा रही है.

गौरतलब है कि जीवीके इएमआरआई 108 सेवा का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. दोनों कंपनियों के बीच हैंड ओवर और टेक ओवर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. अब 1 मई से 108 सेवा का संचालन कैंप कंपनी करने जा रही है.

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अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर 108 सेवा के सैकड़ों फील्ड कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू हो गया है, कांग्रेस ने भी कर्मचारियों का आंदोलन का समर्थन किया है इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट व कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी धरना स्थल पहुंचे और उनके समर्थन में सरकार के खिलाफ जमकर बरसे।


Body:नई कंपनी में जीवीके इएमआरआई के फील्ड कर्मियों को समायोजित व पूर्व की भांति वेतन भत्तों की मांग पूरी ना होने से नाराज कर्मचारी नेता रमेश डंगवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि करीबन 717 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं जो सभी उत्तराखंड वासी हैं, जबकि स्वास्थ्य महकमा सीएम के अधीन है ऐसे में शासन से पत्राचार और धरने पर बैठने के बावजूद सरकार मांगों के प्रति गंभीर नहीं है, उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने बीजेपी के 57 विधायकों में से करीब 50 विधायकों के साथ मांगों को लेकर पत्राचार किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, पूर्ण बहुमत की सरकार में हालत इतनी खराब है कि युवाओं का रोजगार छीनने के बाद पलायन करने को मजबूर होना पड़ रहा है, सभी 717 कर्मचारियों के साथ उनके परिवारों की भावना भी जुड़ी हुई है ऐसे में निराश होकर 108 कर्मियों को आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
बाईट- रमेश डंगवाल, कर्मचारी नेता व आंदोलनकारी

वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को हाथो हाथ लेते हुए 108 कर्मियों की मांगों का समर्थन किया है, धरनास्थल पर पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कंपनी के सभी 717 फील्ड कर्मचारियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए, और सभी कर्मचारियों के वेतन भत्ते पूर्व की भांति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह वह कर्मचारी है जिन्होंने 11 साल 108 सेवा में अपनी एड़ियां रगड़ी है इन 11 सालों में जिन कर्मचारियों का वेतन 17 से 18 हजार रुपये था वो आखिर कैसे बैक टू स्क्वेयर वन मे आ सकते हैं। धस्माना ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नई कंपनी बीजेपी और आर एस एस द्वारा संचालित मध्य प्रदेश की एक एनजीओ है जो वहां ब्लैक लिस्टेड है और जिसको आपातकालीन सेवाओं का कोई अनुभव नहीं है। आखिर कैसे अनुभवहीन कंपनी उत्तराखंड में अपनी आपातकालीन सेवाएं दे सकती है, यदि ऐसा हुआ तो कांग्रेस पार्टी कंपनी के कार्यालय में तालाबंदी करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
बाईट-सूर्यकान्त धस्माना, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष

वहीं उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रविंद्र थपलियाल ने साफ किया है कि आगामी 1 मई से 108 सेवाओं का संचालन कैंप कंपनी करेगी। जिसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है नई कंपनी को कुछ नई एंबुलेंस उपलब्ध करवा दी गई है जिनका संचालन कैम्प कंपनी द्वारा किया जाएगा। उत्तराखंड के प्रत्येक जिलों में 10 से 12 एम्बुलेंसों की तैनाती की जा रही है , पुराने 108 वाहनों मे से जिन एम्बुलेंसों की स्थिति अच्छी होगी, उन्हें भी मरीजों के हितों के लिए संचालित किया जाएगा।

बाईट-डॉ रविन्द्र थपलियाल, स्वास्थ्य महानिदेशक।



Conclusion: गौरतलब है कि जीवीके इएमआरआई 108 सेवा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है,और दोनों कंपनियों के बीच हैंडेडओवर टेकेन ओवर की प्रक्रिया तकरीबन पूर्ण हो चुकी है। अब आगामी 1 मई से 108 सेवा का संचालन कैंप कंपनी करने जा रही है। जिसके बाद जीवीके एम आर आई के 717 फील्ड कर्मचारियों के सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो गया है, तो वहीं कांग्रेस ने भी फील्ड कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कैम्प और सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है।
Last Updated : Apr 30, 2019, 6:41 PM IST
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