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उत्तराखंड में दिखा छठ महापर्व का रंग, अस्तगामी सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य - गंगा घाट पर अर्घ्य

सूर्य देव की आराधना करते हुए महिला और पुरूष श्रद्धालुओं ने गंगा घाट समेत कई कुंडों में सूर्य देवता को अर्घ्य दिया. कोरोना महामारी को लेकर इस बार प्रशासन की तरफ से छठ महापर्व को घाट पर मनाने पर रोक लगाया गया था. इसके बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिला.

छठ महापर्व
उत्तराखंड में दिखा छठ महापर्व का रंग
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Published : Nov 20, 2020, 8:04 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 9:21 PM IST

देहरादून/डोईवाला/हरिद्वार/लक्सर/हल्द्वानी: बिहार और पूर्वांचल की लोक आस्था का महापर्व का रूप आज उत्तराखंड में दिखाई दिया. गया. इस दौरान प्रदेश के कई शहरों में व्रतियों ने अस्तगामी सूर्य देवता को घाट पहुंचकर अर्घ्य दिया. हालांकि, इस बार कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार ने घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने को लेकर रोक लगाई थी. इसके बावजूद देहरादून, हरिद्वार, लक्सर, हल्द्वानी और डोईवाला में लोगों ने नदी और तालाबों में खड़ें होकर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया. वहीं, देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने भी छठ पर्व पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया.

छठ महापर्व
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया

डोईवाला में पुलिस की सख्ती के बावजूद केशवपुरी और राजीव नगर में लोगों ने छठ महापर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. केशवपुरी और राजीव नगर में पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और यहां हर साल छठ पूजा का बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन की सख्ती के चलते, इस बार सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने इस पर्व को मना रहे हैं. डोईवाला के सौंग नदी में पूर्वांचल के लोगों ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया और कल सुबह को उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ महापर्व
गंगा घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती व्रती

हरिद्वार में भी सूर्य देव की आराधना करते हुए महिला और पुरूष श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर अर्घ्य दिया. कोरोना महामारी को लेकर इस बार प्रशासन की तरफ से छठ महापर्व को गंगा घाट पर मनाने पर रोक लगाया गया था. इसके बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा घाटों पर देखने को मिली. व्रती डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए देर शाम तक गंगा घाटों पर जुटे रहे. छठ पूजा सूर्य की आराधना का महापर्व माना जाता है. संतान और पति की लंबी आयु और परिवार की सुख शांति की के लिए इस पर्व को मनाया जाता है.

छठ महापर्व
छठ महापर्व को बड़े धूमधाम से मनाया

ये भी पढ़ें: देहरादून में स्मार्ट सिटी कार्य के चलते 23 नवंबर तक ट्रैफिक रूट डायवर्ट

कोरोना महामारी के बीच लक्सर में भी छठ पर्व की रोनक दिखाई दी. आपकों बता दें कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने गंगा घाटों पर छठ पर्व पर प्रतिबंध लगाया है. वहीं, लक्सर के शुगर मिल प्रांगण में जल कुंड बनाकर छठ पर्व मनाया जा रहा है. वैसे तो यह पर्व पूर्वांचल और बिहार का महापर्व पर्व है, लेकिन अब यह देश और विदेशों में भी कई जगहों पर मनाया जाता है. लक्सर शुगर मिल के परिसर में काफी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर छठ पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया. वहीं, व्रतियों ने छठ पर्व के बारे मे बताया कि यह व्रत सुख समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है. जो भी निसंतान महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. छठ मैया उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं.

छठ महापर्व
अस्तगामी सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ की धूम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी देखने को मिल रहा है. बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार शासन, प्रशासन की ओर से भव्य रुप से छठ पर्व मनाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है. ऐसे में हर साल की तरह इस साल व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के लिए घाटों में तो नहीं पहुंच सकी, लेकिन अपने-अपने आवासीय इलाकों में ही छोटे-छोटे समूह बनाकर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया. देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में उत्तर पूर्वी भारत के लोगों ने छोटासा कुंड बनाकर छठ पर्व मनाया. इसके तहत इलाके की व्रती महिलाओं ने शाम होते ही पूरे विधि- विधान के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य प्रदान किया. व्रतियों ने आज शाम 5:27 पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. अब कल यानी शनिवार को सुबह 6:46 पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.

छठ महापर्व
छठ महापर्व का रंग

हल्द्वानी में भी छठ पूजा पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. कोरोना महामारी के बीच बिहार और पूर्वांचल के लोगों ने बड़ें ही हर्षोल्लास के साथ डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं, प्रशासन की तरफ से छठ पूजा को लेकर व्यवस्था मुस्तैद दिखा. हल्द्वानी सहित लालकुआं में पूर्वांचल समाज के लोग रहते हैं. हर साल छठ पूजा बड़े धूमधाम से यहां मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते छठ पूजा में उत्साह कम देखा जा रहा है.

देहरादून/डोईवाला/हरिद्वार/लक्सर/हल्द्वानी: बिहार और पूर्वांचल की लोक आस्था का महापर्व का रूप आज उत्तराखंड में दिखाई दिया. गया. इस दौरान प्रदेश के कई शहरों में व्रतियों ने अस्तगामी सूर्य देवता को घाट पहुंचकर अर्घ्य दिया. हालांकि, इस बार कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार ने घाटों और सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा करने को लेकर रोक लगाई थी. इसके बावजूद देहरादून, हरिद्वार, लक्सर, हल्द्वानी और डोईवाला में लोगों ने नदी और तालाबों में खड़ें होकर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया. वहीं, देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने भी छठ पर्व पर सूर्य देव को अर्घ्य दिया.

छठ महापर्व
जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने सूर्य देव को अर्घ्य दिया

डोईवाला में पुलिस की सख्ती के बावजूद केशवपुरी और राजीव नगर में लोगों ने छठ महापर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. केशवपुरी और राजीव नगर में पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और यहां हर साल छठ पूजा का बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन की सख्ती के चलते, इस बार सीमित संख्या में श्रद्धालुओं ने इस पर्व को मना रहे हैं. डोईवाला के सौंग नदी में पूर्वांचल के लोगों ने डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया और कल सुबह को उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ महापर्व
गंगा घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देती व्रती

हरिद्वार में भी सूर्य देव की आराधना करते हुए महिला और पुरूष श्रद्धालुओं ने गंगा घाट पर अर्घ्य दिया. कोरोना महामारी को लेकर इस बार प्रशासन की तरफ से छठ महापर्व को गंगा घाट पर मनाने पर रोक लगाया गया था. इसके बावजूद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गंगा घाटों पर देखने को मिली. व्रती डूबते सूर्य को अर्ध्य देने के लिए देर शाम तक गंगा घाटों पर जुटे रहे. छठ पूजा सूर्य की आराधना का महापर्व माना जाता है. संतान और पति की लंबी आयु और परिवार की सुख शांति की के लिए इस पर्व को मनाया जाता है.

छठ महापर्व
छठ महापर्व को बड़े धूमधाम से मनाया

ये भी पढ़ें: देहरादून में स्मार्ट सिटी कार्य के चलते 23 नवंबर तक ट्रैफिक रूट डायवर्ट

कोरोना महामारी के बीच लक्सर में भी छठ पर्व की रोनक दिखाई दी. आपकों बता दें कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने गंगा घाटों पर छठ पर्व पर प्रतिबंध लगाया है. वहीं, लक्सर के शुगर मिल प्रांगण में जल कुंड बनाकर छठ पर्व मनाया जा रहा है. वैसे तो यह पर्व पूर्वांचल और बिहार का महापर्व पर्व है, लेकिन अब यह देश और विदेशों में भी कई जगहों पर मनाया जाता है. लक्सर शुगर मिल के परिसर में काफी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर छठ पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया. वहीं, व्रतियों ने छठ पर्व के बारे मे बताया कि यह व्रत सुख समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है. जो भी निसंतान महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. छठ मैया उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करती हैं.

छठ महापर्व
अस्तगामी सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य

लोक आस्था का महापर्व छठ की धूम उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी देखने को मिल रहा है. बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार शासन, प्रशासन की ओर से भव्य रुप से छठ पर्व मनाने की अनुमति प्रदान नहीं की गई है. ऐसे में हर साल की तरह इस साल व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के लिए घाटों में तो नहीं पहुंच सकी, लेकिन अपने-अपने आवासीय इलाकों में ही छोटे-छोटे समूह बनाकर डूबते सूरज को अर्घ्य दिया. देहरादून के सहस्त्रधारा रोड स्थित एकता विहार में उत्तर पूर्वी भारत के लोगों ने छोटासा कुंड बनाकर छठ पर्व मनाया. इसके तहत इलाके की व्रती महिलाओं ने शाम होते ही पूरे विधि- विधान के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य प्रदान किया. व्रतियों ने आज शाम 5:27 पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. अब कल यानी शनिवार को सुबह 6:46 पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस छठ महापर्व का समापन हो जाएगा.

छठ महापर्व
छठ महापर्व का रंग

हल्द्वानी में भी छठ पूजा पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. कोरोना महामारी के बीच बिहार और पूर्वांचल के लोगों ने बड़ें ही हर्षोल्लास के साथ डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. वहीं, प्रशासन की तरफ से छठ पूजा को लेकर व्यवस्था मुस्तैद दिखा. हल्द्वानी सहित लालकुआं में पूर्वांचल समाज के लोग रहते हैं. हर साल छठ पूजा बड़े धूमधाम से यहां मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते छठ पूजा में उत्साह कम देखा जा रहा है.

Last Updated : Nov 20, 2020, 9:21 PM IST
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