देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े सरकारी दून मेडिकल कॉलेज में अब कोडिंग सिस्टम प्रणाली लागू होने जा रही है. कोडिंग सिस्टम लागू होने के बाद अस्पताल में आने वाले मरीजों की बीमारियों की बीएमटी कोडिंग करेगी. जिससे कहीं भी और कभी भी मरीज की केस हिस्ट्री पता की जा सकेगी.
दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुप्रिडेंटेंट डॉ. केके टम्टा के मुताबिक, इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद हर तरह की बीमारी का एक बीएचटी (बेड हेड टिकट) कोड निर्धारित किया जाएगा और इसका पूरा डाटा कंप्यूटर द्वारा उपलब्ध हो जाएगा.
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इस सिस्टम में चिकित्सकों को केवल मरीजों की बीएचटी में बीमारी का कोड अंकित करना होगा. डॉ. टम्टा ने बताया कि अस्पताल के मेडिकल रिकॉर्ड सेक्शन में यह कोडिंग सिस्टम शुरू हो चुका है.
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वहीं, अगर प्रशासनिक स्टाफ चिकित्सकों की राइटिंग को समझने में असमर्थ होता है तो ऐसे में सभी वार्डों में बुकलेट उपलब्ध करा दी गई है, जो भी डॉक्टर मरीज को डिस्चार्ज करेगा उसे बीएसटी में मरीज का कोडिंग सिस्टम अंकित करना पड़ेगा.
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अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि इस सिस्टम के तहत उस कोड से पूरे भारतवर्ष में डाटा बनता है. इंटरनेशनल डिसीज के तहत विभिन्न बीमारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसी को देखते हुए एक कोड बनाया जा रहा है ताकि कहीं का भी डॉक्टर किसी भी भाषा में बीमारी की पहचान कर सकें और इससे मरीज की हिस्ट्री भी पहचानी जा सकेगी.