देहरादून: उत्तराखंड में सीएनजी (CNG) की भारी किल्लत हो रही है. आलम ये है कि देहरादून में देर रात से ही घंटों कतार में लगने के बावजूद भी वाहन चालकों को सीएनजी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सीएनजी से चलने वाले निजी और व्यवसायिक वाहन स्वामियों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. उत्तराखंड में सीएनजी की अचानक किल्लत की सबसे बड़ी वजह इसकी खपत बताई जा रही है.
सीएनजी पंप संचालकों के मुताबिक, उत्तराखंड में पर्यटन सीजन शुरू होते ही इन दिनों दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों से भारी संख्या में सीएनजी से चलने वाले छोटे-बड़े वाहन आ रहे हैं. जिसके चलते सीएनजी की खपत और डिमांड दोनों ही बढ़ गई हैं. इसके बावजूद हरिद्वार सीएनजी प्लांट से डिलीवरी मात्रा को न ही बढ़ाया जा रहा है और न ही सामान्य रूप से सुचारु किया जा रहा हैं. ऐसे भी सीएनजी उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है. उपभोक्ताओं का कहना है कि एक ओर सीएनजी के रेट ₹81 से ₹90 तक पहुंच गए हैं. उसके बावजूद सीएनजी की उपलब्धता न होना ग्राहकों को खासा परेशान कर रहा है.
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खपत बढ़ने के बावजूद भी सीएनजी की सप्लाई सुचारू नहीं: हरिद्वार स्थित सीएनजी प्लांट से जरूरत के मुताबिक डिलीवरी नहीं मिल पा रही है. देहरादून के शिमला बाईपास स्थित सीएनजी पंप संचालक शांति रावत का कहना है कि पेट्रोल-डीजल के तर्ज सीएनजी का एडवांस डिमांड अधिकार पंप संचालकों के पास नहीं है. यह भी सीएनजी किल्लत का एक बड़ा कारण है. वहीं, दूसरी तरफ पहले के मुकाबले देहरादून (उत्तराखंड) में सीएनजी की खपत बढ़ गई है, लेकिन डिमांड अनुसार सुचारू रूप से सप्लाई नहीं हो पा रही है.
देहरादून जिले में 4 CNG पंपः उत्तराखंड में पर्यटन सीजन शूरू होते ही एकाएक देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, नैनीताल, टिहरी और उत्तरकाशी जैसे पर्यटक स्थलों पर सीएनजी की डिमांड काफी बढ़ गई है. ऐसे में सीएनजी की आपूर्ति पूरी न होने से व्यावसायिक और निजी वाहन संचालक 12-12 घंटे तक पंप में कतार लगाए नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, देहरादून जिले में केवल 4 सीएनजी पंप हैं. जहां देर रात और तड़के से ही लंबी-लंबी कतार सीएनजी ईंधन को लेकर लग रही है. इसके बावजूद सीएनजी की उपलब्धता न होने से वाहन स्वामी परेशान व मायूस हो रहे हैं.
सीएनजी के पाइप लाइन तैयार न होना भी किल्लत का कारणः जानकारी के मुताबिक, देहरादून समेत अन्य जिलों में सीएनजी के किल्लत का एक बड़ा कारण पाइपलाइन का अब तक तैयार न होना भी बताया जा रहा है. हरिद्वार प्लांट से देहरादून तक सीएनजी पाइप लाइन का कार्य वर्तमान में अधर में है. ऐसे में पंप संचालकों को फिलहाल एक ट्रक से ही सीएनजी के सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जो डिमांड के अनुसार नाकाफी है.
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शिमला बाईपास स्थित शहीद देवेंद्र रावत पेट्रोल पंप संचालक शांति रावत के मुताबिक, उनकी एक गाड़ी प्रतिदिन देर रात से अगले दिन तक हरिद्वार प्लांट में डिलीवरी के लिए खड़ी रहती है. उसके बावजूद 12 से 18 घंटे बाद ही वहां से सप्लाई मिल रही है. जबकि, पंप में ग्राहक देर रात से सड़कों पर लंबी लाइन लगाकर सीएनजी भराने का इंतजार कर रहे हैं.
क्या है सीएनजी? सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) नेचुरल गैस को कंप्रेस्ड कर तैयार की जाती है. वहीं, यह पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सस्ती होने के साथ ही काफी हद तक पर्यावरण फ्रेंडली भी होती है. यानी कि वाहनों में इसके इस्तेमाल से पेट्रोल-डीजल की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचता है. यही कारण है कि सरकार भी पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वाहनों में सीएनजी ईंधन के इस्तमाल को बढ़ावा दे रही है.