देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर प्रशासन को इसकी जानकारी देने के लिए खुद मुख्यमंत्री ने अब आम लोगों से गुजारिश की है. दिल्ली में हुई तबलीगी जमात में उत्तराखंड के कई लोग शामिल थे, जिन्होंने अब प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
इसके अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खुलासा किया है कि जमात में शामिल हुए लोग जाने-अनजाने में कोरोना वायरस के लक्षण होने के बावजूद छिपने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में आम लोग आस-पास इस तरह के लक्षण वाले लोगों की जानकारी प्रशासन को दें. मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक उत्तराखंड के 7 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है. जिसमें से तीन लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है.
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ कोरोना वायरस (कोविड -19) के सम्बन्ध में बैठक की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कोविड -19 के संक्रमण की जानकारी ली.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अगले कुछ दिनों में कमजोर आर्थिक वर्ग के लिए किसान सम्मान निधि, विधवा, दिव्यांगों, महिला जनधन खातों में धनराशि वितरित होनी है. इसके लिए बैंकों में भीड़ न लगे, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए बैंकों के साथ बैठक कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई में वॉलंटियर्स की मदद भी ली जा सकती है. भारत सरकार द्वारा एनसीसी के उपयोग को स्वीकृति दे दी गई है. ऐसी परिस्थितियों के मद्देनजर एनसीसी वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया जा सकता है.
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सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने बताया कि राज्य कोविड -19 से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है. क्वारंटाइन के लिए व्यवस्थाएं कर ली गई हैं. चिकित्सकों की भर्ती लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि अगले एक माह में राज्य में कुल पदों के सापेक्ष 90 प्रतिशत पद भर दिए जाएंगे. आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाई जायेगी और एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी.
उन्होंने बताया कि तबलीगी से विभिन्न राज्यों से आए लोगों की जानकारी प्राप्त हो गई है, जिन्हें ट्रेस किया जा रहा है. ऐसे लोगों को आसपास के क्षेत्रों में क्वारंटाइन किया जा रहा है. जिन्हें लक्षण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि वन विभाग के रेस्ट हाउसों को क्वारंटाइन के उपयोग हेतु प्रयोग में लाया जा सकता है.